Saturday, 24 June 2017

रिटायरमेंट के 8 दिन बाद, 42 दिन से फरार जस्टिस कर्णन गिरफ्तार

42 दिन से फरार कोलकाता हाई कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस सीएन कर्णन को अंतत पश्चिम बंगाल सीआईडी ने मंगलवार को गिरफ्तार कर ही लिया। उन्हें कोयम्बटूर (तमिलनाडु) से छह किलोमीटर दूर स्थित एक रिसोर्ट में पकड़ा गया। वह कुछ दिन पहले ही यहां आए थे। गिरफ्तारी के दौरान उन्होंने पुलिस टीम का विरोध भी किया। अवमानना केस में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें छह माह जेल की सजा सुनाई थी। इसके बाद से ही 62 वर्षीय जस्टिस कर्णन फरार थे। बता दें कि जस्टिस कर्णन ने सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के करीब 20 जजों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। सीबीआई ने इसकी जांच के आदेश दिए थे। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने इसे कोर्ट की अवमानना ठहराते हुए सात जजों की पीठ का गठन किया। शीर्ष अदालत ने दो बार जस्टिस कर्णन को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया लेकिन वह हाजिर नहीं हुए। 10 मार्च को उनकी गिरफ्तारी के आदेश दिए गए। रिटायरमेंट के करीब एक सप्ताह बाद सीआईडी उन्हें पकड़ने में सफल हो सकी। गिरफ्तार कर्णन को चेन्नई से बुधवार को कोलकाता लाया गया और कोलकाता हवाई अड्डे से सीधे प्रेजीडेंसी जेल भेज दिया गया। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य सीआईडी के अधिकारियों की एक टीम उन्हें एयर इंडिया की उड़ान से यहां लेकर आई। अधिकारी ने कहा कि उनका चिकित्सकीय परीक्षण हवाई अड्डे पर ही पूरा किया गया और उन्हें सीधे जेल ले जाया गया। प्रेजीडेंसी जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कर्णन को जैसे ही जेल के भीतर ले जाया गया उन्होंने सीने में दर्द की शिकायत की और जेल अस्पताल से चिकित्सकों की एक टीम ने उनकी जांच की। उन्होंने कहा कि वे वृद्ध हैं, अस्वस्थ लग रहे हैं और हम कोई भी खतरा मोल नहीं लेना चाहते। उनकी एक ईसीजी भी की गई। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उनकी अंतरिम जमानत और अवमानना के अपराध में छह महीने की सजा का फैसला निलंबित करने की उनकी याचिका पर विचार करने से इंकार कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि वह इस मामले में सात न्यायाधीशों के आदेश से बंधी हुई है और इसके इतर नहीं जा सकती। न्यायमूर्ति धनंजय वाई. चन्द्रचूड़ और न्यायमूर्ति सजय किशन कौल की अवकाशकालीन पीठ ने कहाöइस मामले की सुनवाई सात न्यायाधीशों की पीठ ने की थी और आदेश पारित किया था। यह आदेश हमारे लिए बाध्यकारी है। हम अवकाश के दौरान इसमें दखल नहीं दे सकते। इस मामले में हम कुछ नहीं कर सकते। जस्टिस कर्णन का यह अभूतपूर्व मामला शायद पहली बार हुआ है जब सुप्रीम कोर्ट ने एक हाई कोर्ट के जज को जेल में डाला है। जस्टिस कर्णन हाई कोर्ट के पहले ऐसे जज हैं जो एक वांछित के तौर पर सेवानिवृत हुए हैं।

-अनिल नरेन्द्र

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