करीब डेढ़ सौ साल पहले दुनिया को साईं बाबा ने `सबका मालिक एक' का संदेश दिया। आज दुनियाभर में 10 हजार से ज्यादा साईं
बाबा मंदिरों से करोड़ों साईं भक्त इस संदेश को दुनियाभर में पहुंचाने का काम कर रहे
हैं। 2016 में शिरडी संस्थान में भाजपा से जुड़े लोगों की ट्रस्टियों
के रूप में नियुक्ति के बाद साईं मंदिर का भगवाकरण को गति मिली और ऊं श्री साईं नाथ
नम के प्रसार के प्रयास शुरू हुए। हालांकि यह प्रयास पहले से जारी थे, लेकिन पिछले कुछ सालों में इसमें काफी तेजी आई है। अब साईं संस्थान के सारे
प्रकाशनों और साईं बाबा के फोटो पर हमेशा विद्यमान रहने वाला `सबका मालिक एक' का संदेश नजर आना कम हो गया है और इसकी
जगह ऊं श्री साईं नाथ नम ने ले ली है। साईं बाबा के जमाने से ही उनके रहने के स्थान
का उल्लेख द्वारकामाई मस्जिद के नाम से होता रहा है। पर 2017 के बाद मस्जिद हटाकर इसे द्वारकाई मंदिर कर दिया गया। पहले यह बोर्ड काले रंग
का होता था। पर अब सफेद बोर्ड पर भगवा रंग से लिखा जा रहा है। साईं बाबा समाधि के शताब्दी
वर्ष यानि इसी साल मंदिर में स्थापित स्तम्भ पर सिर्प ऊं का चिन्ह बना है। भक्तों का
कहना है कि इस पर साथ में अन्य धर्मों के चिन्ह भी बनाए जा सकते हैं। यहां साइन बोर्ड
को भगवा रंग में रंग दिया गया है। पहले यह काले एवं नीले रंग के होते थे। साईं भक्तों
का मानना है कि साईं बाबा कहते थे कि राम-रहीम एक हैं,
हिन्दू-मुस्लिम एकता होगी तो ही परमार्थ साधा जा
सकता है। मानवता ही उनका धर्म था। यही वजह है कि उनके भक्तों में हर जाति-धर्म के लोग हैं। साईं सच्चरित्र में भी इसका उल्लेख है। बाबा की पूजा तो शुरू
से ही हिन्दू पद्धति से होती रही है, लेकिन हाल के वर्षों में
सनातनी प्रभाव बढ़ा है। शिरडी गजेटियर के लेखक प्रमोद आहेर आरोप लगाते हैं कि साईं
बाबा पर एक धर्म का लेबल लगाने का सुनियोजित प्रयास नजर आ रहा है। भगवाकरण से साईं
बाबा के देश-विदेश के भक्त खासे दुखी हैं। ऐसी ही एक भक्त अमेरिकन
एयरवेज में अधिकारी मिस क्लॉड राड़ीगज जो न्यूयार्प में रहती हैं हर रविवार को पूरे
परिवार के साथ साईं बाबा के मंदिर आती हैं, का कहना है कि वहां
सारे देवताओं के दर्शन कर संतोष मिलता है। साईं बाबा शिरडी की लोकप्रियता किस कदर बढ़ती
जा रही है इसका एक अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि पिछले 11 दिनों में 14.5 करोड़ रुपए का दान मिला है।
11 दिन की यह अवधि क्रिसमस से पहले शुरू होकर नववर्ष तक चली। श्री साईं
बाबा न्यास के उपाध्यक्ष चन्द्रशेखर कदम ने बताया कि दान करने वाले श्रद्धालु देश-विदेश से हैं। 22 दिसम्बर 2018 और एक जनवरी 2019 के बीच मंदिर परिसर में रखे दान पात्र
में 8.05 करोड़ का दान मिला। मंदिर न्यास को इसके दान काउंटर
पर ऑनलाइन दान, डेबिट, केडिट, चेक, डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से छह करोड़ रुपए मिले।
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