बैंकों से 9000 करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज लेकर फरार विजय माल्या को शनिवार को उस समय तगड़ा
झटका लगा जब मुंबई की धन निरोधक कानून (पीएमएलए) की विशेष अदालत ने उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर fिदया। अदालत के इस फैसले के बाद बैंकों के नौ हजार करोड़ रुपए के कर्जदार माल्या
की अब संपत्तियां जब्त की जा सकती हैं। पवर्तन निदेशालय ने पिछले साल 22 जून को धन शोधन रोकथाम कानून
(पीएमएलए) की अदालत से माल्या को भगोड़ा
घोषित करने, उसकी संपत्तियों को जब्त करने और उन्हें केंद्र सरकार
के नियंत्रण में लाने का अनुरोध किया था, ताकि उसकी अनुमानित
12,000 करोड़ रुपए से अधिक की सारी जायदाद अधिनियम के तहत जब्त की जाए।
विशेष न्यायाधीश एमएस आजमी ने माल्या के वकील तथा ईडी के वकील की व्यापक दलील सुनने
के बाद माल्या को कानून की धारा 12 के तहत भगोड़ा आर्थिक अपराधी
घोषित कर fिदया। माल्या को विशेष अदालत ने अदालत के सामने पेश
होने के लिए 27 अगस्त को समन जारी किया था, लेकिन वह अदालत के समन का सम्मान करने में विफल रहे। इसके अलावा वह ईडी द्वारा
उनसे पूछताछ करने के लिए भेजे गए नोटिस, समन और गिरफ्तारी वारंट
का भी अनुपालन करने में विफल रहे। नए कानून के तहत माल्या पहले शिकार हुए हैं। एक माह
में माल्या को यह दूसरा झटका लगा है। इससे पहले लंदन की एक अदालत ने 10 दिसंबर को भारत पत्यर्पित करने का फैसला दिया था। कोर्ट ने मामला ब्रिटिश सरकार
को भेजा है। यदि सरकार अदालत के फैसले से संतुष्ट होती है तो वह पत्यर्पण का आदेश जारी
करेगी। जाहिर है कि हमारी जांच एजेंसियों की बड़ी उपलब्धि है। फरारी की हालत में लंदन
में रह रहे कारोबारी विजय माल्या को भगोड़ा घोषित किया जाना उनके साथ-साथ और अन्य अनेक ऐसे ही लोगों के लिए भी एक सख्त संदेश है। विजय माल्या पहले
ऐसे कारोबारी बने जिन्हें पिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत भगोड़ा घोषित किया
गया है। उम्मीद है कि जल्द ही विदेश भागे अन्य ऐसे ही कारोबारी को भी विजय माल्या की
जमात में खड़े दिख सकते हैं। विशेष अदालत में अगले महीने मामले की सुनवाई होगी। अलबत्ता
मामला सिर्प संपत्ति जब्त होने का नहीं है। विशेष अदालत ने चूंकि माल्या को भगोड़ा
आर्थिक अपराधी घोषित करने के अपने फैसले से ब्रिटिश सरकार को अवगत कराया है,
ऐसे में वह माल्या के पत्यर्पण का आदेश भी जारी करा सकती है। चूंकि ठीक
इन्हीं दिनों पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के मुख्य आरोपी नीरव मोदी ने भी सुरक्षा कारणों
का हवाला देते हुए भारत लौटने से इंकार किया है, इसलिए पवर्तन
निदेशालय ने विशेष अदालत से भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने की मांग की है।
-अनिल नरेन्द्र
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