सर्दी में
स्वाइन फ्लू की बीमारी अकसर सामने आती है, क्योंकि इसमें इसके
वायरस एच1एन1 सक्रिय हो जाते हैं। वैसे
तो विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) इस बीमारी को महामारी की श्रेणी से अलग रख चुका है। फिर भी बच्चों,
बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं व अन्य बीमारियों से
पीड़ित मरीजों के लिए यह जानलेवा साबित हो सकती है। इसलिए डाक्टर सलाह देते हैं कि
मेट्रो व अधिक भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से परहेज करें। यह बीमारी एक व्यक्ति से
दूसरे व्यक्ति में फैलती है। इसलिए भीड़भाड़ वाली जगहों पर संक्रमण होने का खतरा अधिक
होता है। बच्चों व बुजुर्गों को अधिक सतर्प रहने की जरूरत है। इसके अलावा जिन लोगों
को पहले से मधुमेह, रक्तचाप या अन्य कोई बीमारी हो उन्हें भी
अधिक सतर्प रहना चाहिए। आम चुनाव से ठीक पहले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी स्वाइन फ्लू
की चपेट में आ गए हैं। स्वाइन फ्लू के इलाज के लिए दिल्ली के एम्स में भर्ती भाजपा
अध्यक्ष की सेहत अब बेहतर बताई जा रही है। उन्हें एक या दो दिन में छुट्टी मिल सकती
है। पार्टी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। शाह ने बुधवार को एक ट्वीट के माध्यम से लोगों
को बीमारी की जानकारी दी थी। पार्टी के मीडिया प्रमुख और राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी
ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह जी का स्वास्थ्य बेहतर है। अस्पताल
ने बताया कि एम्स के निदेशक रणदीप गुलरिया के नेतृत्व में डाक्टरों का एक दल उनकी स्थिति
पर नजर रखे हुए है। सूत्रों के अनुसार भाजपा अध्यक्ष को सीने में जकड़न और सांस लेने
की दिक्कत की शिकायत के बाद अस्पताल के पुराने निजी वार्ड में भर्ती कराया गया था।
उधर कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता और सांसद बीके हरिप्रसाद के अमित शाह पर की गई टिप्पणी
से विवाद खड़ा हो गया है। कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस सरकार
को अस्थिर करने के आरोप में कांग्रेस ने बेंगलुरु में विशेष आयोजन किया था। उसी में
हरिप्रसाद ने कहा कि कुछ विधायकों के लौटने से अमित शाह हिल गए हैं और उन्हें जुकाम
हो गया है। यह सामान्य जुकाम नहीं है। यह सूअर का जुकाम है। इस पर भाजपा भड़क गई। भाजपा
नेता और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के स्वास्थ्य
को लेकर कांग्रेस नेता ने जो गंदा और अशिष्ट बयान दिया है, वह
कांग्रेस के स्तर को दर्शाता है। बुखार का तो इलाज है, लेकिन
कांग्रेस नेता की मानसिक बीमारी का इलाज कठिन है। आम चुनाव से ठीक पहले अमित शाह समेत
पार्टी के शीर्ष नेताओं की अस्वस्थता चुनावी तैयारियों पर असर डाल रही है। अरुण जेटली,
रविशंकर प्रसाद, राम लाल, नितिन गडकरी व मनोहर पर्रिकर भी अस्वस्थ हैं। इलाज के लिए अमेरिका गए अरुण
जेटली को लौटने में दो हफ्ते लग सकते हैं। कयास है कि वह फरवरी को अंतरिम बजट नहीं
पेश कर सकेंगे। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को भी एक हफ्ते के बैड रेस्ट पर रहना
होगा। वहीं शूगर लेवल बढ़ने के कारण नितिन गडकरी भी स्वस्थ नहीं हैं। राम लाल एम्स
में हैं। इन नेताओं की बीमारी के कारण भाजपा की चुनावी तैयारियां प्रभावित हो रही हैं।
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