Thursday 3 January 2019

घाटी में 2018 में 311 आतंकी जिनमें 28 कमांडर शामिल थे मारे गए

जम्मू-कश्मीर के सांबा से लगते रतनूचक मिलिट्री स्टेशन पर शनिवार को ठीक उसी प्रकार का हमला करने की कोशिश की जिस तरह 2016 में उड़ी पर हमला किया था। सेना के अनुसार बड़ी ब्राह्मण थाना क्षेत्र के रतनूचक सेना की तीन ब्रिगेड ऑफिसर क्वार्टर पोस्ट में तैनात संतरी को रात 1.50 बजे दो संदिग्ध दिखे। उन्होंने संदिग्धों को रुकने के लिए कहा लेकिन वे बढ़ते रहे। संदिग्धों ने संतरी पोस्ट को निशाना बनाकर फायरिंग शुरू कर दी। उधर बर्बरता के लिए कुख्यात पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम (बैट) का एक और हमला भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया। भारी हथियारों से लैस पांच-छह लोगों की टीम ने कश्मीर के नौगांव में अटैक की कोशिश की। मुस्तैद भारतीय सैनिकों ने इनमें से दो को मार गिराया। सूत्रों के मुताबिक इनमें पाकिस्तान की स्पेशल सर्विस ग्रुप (एसएसजी) का एक कमांडर अनवर भी था। पिछले 15 दिनों में बैट की ओर से हमले की यह चौथी कोशिश थी। दरअसल इस बार पाकिस्तान को काफी नुकसान झेलना पड़ा है, इसलिए वह हिसाब बराबर करने के चक्कर में है। दरअसल अब कश्मीर में आतंक की कमान संभालने वाले कमांडरों के लाले पड़ गए हैं। दो वर्षों में कश्मीर में लगभग सभी आतंकी संगठनों के जिला कमांडर मारे जा चुके हैं। यह सेना के ऑपरेशन ऑलआउट का खौफ ही है कि आतंकी संगठनों को नए युवा कमांडर ढूंढने से नहीं मिल रहे हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पिछले दो सालों में ऑपरेशन ऑलआउट के तहत 28 कमांडर मारे गए हैं। इसी अवधि में हमारे बहादुर जवानों ने कुल 311 आतंकियों को मार  गिराया है। सेना की 13 कार्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल अनिल कुमार भट्ट ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने सुरक्षा बलों के बीच शानदार तालमेल और ऑपरेशन की आजादी को इसका श्रेय दिया। गौरतलब है कि यह करीब पिछले एक दशक में सूबे में मारे जाने वाले आतंकियों का सबसे बड़ा आंकड़ा है। इससे पहले 2010 में 232 आतंकी मारे गए थे। गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुत]िबक सूबे में इस साल आतंकी गतिविधियों में इजाफा हुआ है। पिछले साल जहां आतंक से संबंधित 342 घटनाएं हुईं, वहीं इस साल दिसम्बर के पहले हफ्ते तक 429 घटनाएं हुई हैं। पिछले साल जहां 40 सिविलियन मारे गए थे, वहीं इस साल 77 नागरिक मारे गए। इस साल दिसम्बर के पहले हफ्ते तक सुरक्षा बलों के 80 जवान शहीद हुए। पिछले साल भी इतने यानि 80 जवान शहीद हुए थे। 2018 में घाटी में पाकिस्तानी आतंकियों द्वारा किए गए आतंकी हमलों में इजाफा हुआ है। पाकिस्तानी आतंकियों को घाटी में उनके लोकल काडर का साथ मिल रहा है। इस साल कुल 311 आतंकी मारे गए। दिसम्बर के पहले हफ्ते तक 223 आतंकी मारे गए थे यानि पिछले तीन हफ्तों में ही 88 आतंकी ढेर हुए हैं। हम अपने बहादुर जवानों, ऑफिसरों को इस शानदार सफलता के लिए बधाई देते हैं। पर वहीं हमें निगरानी पूरी रखनी होगी क्योंकि 2019 में ऐसे आतंकी हमले बढ़ सकते हैं।

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