Thursday 21 November 2019

अर्श से फर्श तक की अनिल अंबानी की कहानी

बीते दिनों देश की दो बड़े टेलीकॉम कंपनियांöएयरटेल और वोडाफोन-आइडिया की दूसरी तिमाही के नतीजों से बैंकों की टेंशन बढ़ना स्वाभाविक ही है। इन नतीजों में दोनों कंपनियों में 23045 करोड़ रुपए (एयरटेल) और 50921 (वोडाफोन-आइडिया) को अब तक का सबसे बड़ा घाटा हुआ है। ऐसे में इन कंपनियों को कर्ज देने वाले बैंकों की परेशानी और बढ़ गई है। दरअसल पहले से ही नॉन परफार्मिंग एसेट (एनपीए) की वजह से तनाव में चल रहे बैंकिंग सेक्टर को और ज्यादा डिफाल्टर करने की संभावना है। डिफाल्टर से बैंकों का एनपीए बढ़ने का खतरा है, इसके अलावा इससे म्युचल फंड इंडस्ट्री भी प्रभावित होगी। टेलीकॉम कंपनियों की जब बात कर रहे हैं तो अनिल अंबानी की कर्ज में डूबी टेलीकॉम कंपनी रिलायंस यानि आरकॉम की बात भी करना जरूरी है। अनिल अंबानी अकसर सुर्खियों में बने रहते हैं। इस बार वह रिलायंस कम्युनिकेशन (आरकॉम) के निदेशक मंडल से त्यागपत्र देने के कारण चर्चा में हैं। आरकॉम के चेयरमैन अनिल अंबानी और चार निदेशकों ने इस्तीफा दे दिया है। दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही आरकॉम ने शनिवार को रेगुलेटरी फाइलिंग में यह जानकारी दी। कंपनी दिवाला प्रक्रिया के तहत नीलामी का इंतजार कर रही है। आखिर ऐसा क्या हुआ कि 11 साल पहले 2008 में विश्व के छठे सबसे अमीर शख्स रहे अनिल अंबानी का यह हाल हो गया? अनिल अंबानी की अर्श से फर्श तक की कहानी कुछ यूं है। मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी में बंटवारे के समय आरकॉम अनिल अंबानी के हिस्से में आई थी। 2010 में आरकॉम एडीएजी ग्रुप की प्रमुख कंपनियों में शुमार होती थी। उस समय दूरसंचार क्षेत्र में आरकॉम की 17 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। इस दौरान कंपनी ने विस्तार के लिए बाजार से कर्ज लेना शुरू किया। लेकिन सही प्रबंधन नहीं हो पाने के कारण कंपनी पर कर्ज बढ़ता चला गया। वित्त वर्ष 2010 में आरकॉम पर 25 हजार करोड़ का कर्ज था जो बढ़कर 2019 में 48000 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। 2007 में अनिल अंबानी की 3.2 लाख करोड़ रुपए सम्पत्ति आंकी गई थी जो 2018 में 17.9 हजार करोड़ रुपए की सम्पत्ति बची। 2018-19 में अनिल अंबानी ने 35000 करोड़ रुपए चुकाए। एक अनुमान है कि आज की तारीख में अनिल अंबानी की कंपनियों पर 1.03 लाख करोड़ रुपए का कर्ज खड़ा है। दूरसंचार सेक्टर में प्रतिस्पर्धा बढ़ने से आरकॉम की बाजार की हिस्सेदारी तेजी से कम हुई। अनिल अंबानी जैसे-तैसे इससे निपट ही  रहे थे कि उनके बड़े भाई मुकेश अंबानी ने जियो के जरिये दूरसंचार सेक्टर में कदम रखा। जियो के आने से एयरटेल, वोडाफोन जैसी दिग्गज कंपनियां तो जियो की आंधी में घाटे में जाने ही लगीं। अनिल अंबानी के आरकॉम को भी तगड़ा झटका लगा। अनिल का फिसलना और तेज हो गया। कुछ सालों में अनिल अंबानी को बिग सिनेमा, रिलायंस, बिग ब्रॉड कास्टिंग और बिग मैजिक जैसी कंपनियों को  बेचना पड़ा है। सूत्रों का अनुमान है कि आरकॉम समूह का कुल संरक्षित कर्ज करीब 33000 करोड़ रुपए है। ऋणदाताओं ने आरकॉम से 49000 करोड़ रुपए का दावा किया है। आरकॉम ने अपनी सम्पत्तियों को बिक्री में रखा है। आरकॉम की सम्पत्तियों की बिक्री का काम देख रही ऋणदाताओं की समिति इनके लिए बोलियां 24 नवम्बर को खोलेगी। इसके अलावा तीन चीनी बैंकों ने भी 4800 करोड़ रुपए का मुकदमा दर्ज किया है।
-अनिल नरेन्द्र

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