Wednesday 13 November 2019

28 साल बाद हटी गांधी परिवार की एसपीजी सुरक्षा

अयोध्या फैसले की गहमागहमी में गांधी परिवार की एसपीजी सुरक्षा शुक्रवार को सरकार ने हटा दी, यह खबर दब गई। केंद्र सरकार ने 28 साल बाद यह स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) कवर कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी, उनके बेटे राहुल गांधी और बेटी प्रियंका गांधी को नहीं मिलेगा। अगस्त में इसी साल पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह की भी एसपीजी सुरक्षा हटाई गई थी। अब गांधी परिवार को सीआरपीएफ जवानों वाली जैड प्लस सुरक्षा दी जाएगी। गृह मंत्रालय ने कई बार गहन समीक्षा के बाद यह फैसला लिया। गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार गांधी परिवार एसपीजी सुरक्षा में सहयोग नहीं कर रहा था। राहुल गांधी ने 2015 के बाद 1892 बार बुलैट प्रूफ गाड़ियों का इस्तेमाल नहीं किया। 1991 से 156 विदेश यात्रा में 143 बार एसपीजी सुरक्षा नहीं ली। सोनिया ने भी पिछले चार साल में दिल्ली में 50 बार बुलैट प्रूफ गाड़ी के इस्तेमाल करने से इंकार किया। अब पीएम को अकेले वीवीआईपी सुरक्षा मिलेगी। उनकी सुरक्षा का जिम्मा 300 अधिकारियों और जवानों वाले सुरक्षा प्रोटेक्शन गार्ड का होगा। एक वीवीआईपी की सुरक्षा में एसपीजी के 300 जवान होते हैं। उनके पास आधुनिक हथियार, अंधेरे में देखने वाले चश्मे, स्पाइपर्स, बम डिस्पोजल टीम, जैमर आदि होते हैं। जैड प्लस सिक्यूरिटी में एक वीवीआईपी की सुरक्षा में 55 जवान रहते हैं। इनमें से 19 ब्लैक-कैट (एनएसजी) कमांडो होते हैं। सुरक्षा में एस्कॉर्ट और पायलट गाड़ियां भी शामिल होती हैं। 28 साल में यह पहला मौका है, जब गांधी परिवार की एसपीजी सुरक्षा नहीं रहेगी। 1991 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के बाद से गांधी परिवार को एसपीजी सुरक्षा देने का फैसला हुआ था। एसपीजी हटाने पर राहुल गांधी ने कहा कि मेरी एसपीजी सुरक्षा में तैनात रहे सभी भाई-बहनों को धन्यवाद। आप बिना थके हर पल मेरे और मेरे परिवार की सुरक्षा में डटे रहे, आपसे मिले इस अपार स्नेह और प्यार के लिए शुक्रिया। आपका साथ होना मेरे लिए विशेष था। आपको भविष्य के लिए शुभकामनाएं। गांधी परिवार से एसपीजी वापस लेने के मुद्दे को कांग्रेस अपने लिए ऐसा राजनीतिक हथियार मान रही है, जिस पर सवार होकर वह जनता में सहानुभूति की लहर को भुनाएगी। सरकार के इस निर्णय को बदले की भावना के तहत उठाया गया कदम बताकर पार्टी इसे पूरे देश में पेश करने की तैयारी में है। इसके द्वारा पार्टी देश की जनता को एक बार फिर से इंदिरा गांधी व राजीव गांधी के बलिदान की यादों को ताजा कराएगी और बताएगी कि किस तरह से उसके दो बड़े नेताओं ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ते हुए अपने को बलिदान कर दिया। सरकार का एसपीजी हटाए जाने का निर्णय आने के साथ ही जिस तरह कांग्रेसी नेताओं ने अपने आक्रामक तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं उससे साफ है कि इस मुद्दे पर पार्टी चुप बैठने वाली नहीं है और वह इसे पूरे देश में ले जाकर यह संदेश देगी कि किस तरह मोदी सरकार राजनीतिक प्रतिशोध की पराकाष्ठा पर उतर कर कांग्रेसी नेताओं की जान को जोखिम में डाल रही है। आंदोलन की रूपरेखा पार्टी की कार्यसमिति की बैठक में तय की जाएगी। सरकार को घेरने की रणनीति के तहत एसपीजी को उन रिपोर्टों को आधार बनाया जाएगा, जिनमें समय-समय पर गांधी परिवार के प्रति खतरों के बारे में जिक्र किया गया है।

-अनिल नरेन्द्र

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