Saturday 23 November 2019

रघुवर का दाग न तो मोदी का डिटर्जेंट और न ही शाह की लाउंड्री धो पाएगी

झारखंड में विधानसभा चुनाव के लिए मैदान सज चुका है। नेता जमीन पर उतर चुके हैं। वोट के लिए जनता के बीच जा रहे हैं पर इस बार अलग ही नजारा देखने को मिल रहा है। नेता जी कल तक जिस दल की प्रशंसा करते थकते नहीं थे, जिन कार्यकर्ताओं के साथ कल तक नजर आते थे, अब वह बात नहीं दिख रही है। नेता जी पुराने दल को इस चुनाव में बुरा-भला कह रहे हैं। पुराने साथियों से नजरें बचा रहे हैं और नए वादों और नए लोगों के साथ वोट मांगते नजर आ रहे हैं। इस बार झारखंड में कई विधानसभा क्षेत्र हैं जहां दोनों ही प्रमुख प्रत्याशी पाला बदलकर मैदान में आमने-सामने खड़े नजर आ रहे हैं। प्रत्याशी वही हैं, बस पार्टी का चेहरा बदला हुआ है। इधर का माल अब उधर हो चुका है। 25 विधायक पाला बदल चुके हैं। सही मायनों में झारखंड की चुनावी शतरंज की बाजी सोमवार को ही बिछी है। सोमवार को सीएम रघुवर दास और मंत्री सरयू राय ने जमशेदपुर पूर्वी सीट से तो आजसू प्रमुख सुदेश मेहता ने सिल्ली से नामांकन दायर किया। शतरंज की नजर से देखें तो बिसात पर चारों ओर सिर्प एक घर चलने वाले राजा की तरह रघुवर अपने घर में घिरे दिख रहे हैं। सरयू राय बिसात के उस हाथी जैसे हो गए हैं जो बिगड़े तो सारे समीकरण बिगाड़ दे। दोनों के बीच सुदेश, भाजपा के सहयोगी की 19 साल पुरानी छवि तोड़ उस प्यादे की तरह दिखते हैं जो आखिरी खाने तक पहुंच तकदीर और पूरी बिसात पलट सकते हैं। सोमवार को चुनाव के दूसरे चरण की 20 सीटों पर नामांकन का आखिरी दिन था। पूरे राज्य में चुनावी दिग्गज अपने दल-बल के साथ नामांकन करने भी पहुंचे। मगर सबकी नजर जमशेदपुर पूर्वी सीट पर टिकी थी। वजह यह कि मुख्यमंत्री रघुवर दास की पारंपरिक सीट पर उन्हें मंत्री सरयू राय ही चुनौती दे रहे हैं। बिहार-झारखंड के इतिहास में पहली बार किसी मुख्यमंत्री के खिलाफ उसी की कैबिनेट का कोई मंत्री चुनाव में खड़ा हुआ है। सोमवार को दोनों ही दिग्गजों ने नामांकन दायर  किया। दोनों के साथ समर्थकों की भीड़ थी और माहौल में गर्मजोशी भी। दोनों आमने-सामने तो नहीं हुए, मगर बयानों में जरूर एक-दूसरे पर निशाना साधा। इन दोनों के अलावा जिस दिग्गज के नामांकन की चर्चा रही, वह था आजसू प्रमुख सुदेश मेहता का। उन्होंने सिल्ली सीट से नामांकन दायर किया। इस सीट पर यूं तो चुनाव तीसरे चरण में है। मगर सुदेश मेहता ने नामांकन के लिए वही दिन चुना जब सीएम नामांकन कर रहे थे। ऐसा कम ही देखने को मिला है जब किसी सरकार में मंत्री रहा व्यक्ति अपनी ही सरकार व मुख्यमंत्री पर इतने गंभीर आरोप लगा रहा है। सरयू राय का कहना है कि झारखंड सरकार का पांच साल बदनुमा रहा है। हाई कोर्ट में राज्य सरकार के खिलाफ 21 भ्रष्टाचार पीआईएल दायर हैं। भाजपा पर रघुवर दाग हैं, जिसे मोदी का डिटर्जेंट व अमित शाह की लाउंड्री भी नहीं मिटा पाएगी। अब जनता इस दाग की धुलाई कर देगी।

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