Sunday 3 November 2019

निर्भया के कातिल फांसी के फंदे के करीब पहुंचे

पूरे देश को झकझोर कर रख देने वाले निर्भया गैंगरेप मामले में तिहाड़ जेल अधिकारियों ने दोषियों को सूचित कर दिया है कि उन्होंने सभी कानूनी उपायों का इस्तेमाल कर लिया है और उन्हें कभी भी अब फांसी पर चढ़ाया जा सकता है। इस सजा के खिलाफ उनकी कोई भी अपील किसी कोर्ट में लंबित नहीं है और राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर करने के लिए उनके पास सिर्प पांच नवम्बर तक का टाइम है। अब दोषी सिर्प राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका के जरिये उन्हें माफ करने पर ही फांसी से बच सकते हैं, अन्यथा उनकी मौत की सजा तय है। जेल प्रशासन ने सभी आरोपियों को नोटिस को हिन्दी व अंग्रेजी में पढ़कर सुनाया था और इसका वीडियो भी बनाया गया है। जेल महानिदेशक संदीप गोयल ने बताया कि यदि दोषियों की ओर से दया याचिका दायर नहीं की जाती है तो जेल प्रशासन पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दायर कर चारों कैदियों के नाम से डेथ वारंट जारी करने की मांग करेगा। जेल मुख्यालय की ओर से चारों दोषीöमुकेश, अक्षय कुमार सिंह, विनय शर्मा व पवन कुमार इस समय तिहाड़ जेल में बंद हैं, इसलिए उन्हें सूचित भी कर दिया गया है। 16 दिसम्बर 2012 को निर्भया के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले में चारों को मौत की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद से ही मुकेश और अक्षय कुमार सिंह तिहाड़ की जेल नम्बर दो और विनय शर्मा जेल नम्बर चार में बंद हैं। पवन कुमार मंडोली जेल में जेल नम्बर 14 में बंद है। मौत की सजा सुनाए जाने के बाद इन लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका लगाई थी, जिसे कोर्ट ने जुलाई 2018 में खारिज कर दिया था। इसके बाद चारों के पास सिर्प राष्ट्रपति से दया याचिका लगाने का रास्ता बचा है। जेल प्रशासन के अनुसार चारों कैदियों में यदि किसी भी एक कैदी ने दया याचिका दायर कर दी तो अंतिम फैसला होने तक सभी कैदियों की फांसी टाली जा सकती है। हालांकि दया याचिका का लाभ केवल उसी कैदी को मिलेगा जिसकी ओर से याचिका दायर होगी। निर्भया की मां ने जेल प्रशासन की तरफ से निर्भया के गुनाहगारों को फांसी के फंदे तक ले जाने की प्रक्रिया को शुरू करने का स्वागत किया है। उन्होंने बताया कि करीब एक वर्ष से पटियाला हाउस कोर्ट में वह इस बात को लेकर कानूनी लड़ाई लड़ रही हैं कि आखिर इस मामले में दोषियों को फांसी क्यों नहीं दी जा रही है? यह सुनवाई अभी भी चल रही है। भले ही सुनवाई अभी चल रही है, लेकिन इस बीच जेल प्रशासन द्वारा जारी किया यह नोटिस मन को थोड़ी तसल्ली जरूर दे रहा है। उम्मीद कर सकती हूं कि इस मामले में दोषियों को फांसी देने की प्रक्रिया में अब और विलंब नहीं होगा। मैं तो उम्मीद करती हूं कि 16 दिसम्बर के दिन ही दोषियों को फांसी के तख्ते पर लटकाया जाए ताकि समाज में बेटियों पर बुरी नजर रखने वालों के बीच एक संदेश जाए। उन्होंने कहा कि इस हादसे को सात साल होने को आ गए और हम कानूनी लड़ाई अभी तक लड़ रहे हैं। जिस दिन भी दोषियों को फांसी के तख्ते पर चढ़ाया जाएगा उस दिन निश्चित रूप से निर्भया की आत्मा को थोड़ी-बहुत तसल्ली जरूर मिलेगी। पूरा देश इन दरिन्दों की फांसी का इंतजार कर रहा है।

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