Thursday 7 November 2019

ट्रंप के खिलाफ महाभियोग पकिया आरंभ

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर मुश्किलों में फंसते नजर आ रहे हैं। अमेरिकी संसद के हाउस ऑफ रिपेजेंटिव्स (पतिनिधि सभा) ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रपति ट्रंप पर महाभियोग पकिया शुरू करने को औपचारिक मंजूरी दे दी। सभा ने इसे 196 के मुकाबले 232 मतों से मंजूरी दी। बता दें कि ट्रंप पर आरोप है कि उन्होंने अपने पतिद्वंद्वी व पूर्व उपराष्ट्रपति जो बिडेन और उनके पुत्र के खिलाफ यूकेन की गैस कंपनी बुरिशा में निराधार भ्रष्टाचार की जांच के लिए यूकेन राष्ट्रपति पर दबाव डाला। अगले चरण में हाउस इंटेलीजेंस कमेटी में सुनवाई होगी। इसमें गवाह व दस्तावेजी सुबूत पेश होंगे तथा रिपब्लिकन को साक्ष्यों को चुनौती देने की अनुमति मिलेगी। फिर मामला हाउस न्यायिक समिति को जाएगा, जहां ट्रंप साक्ष्यों को चुनौती दे सकेंगे। ट्रंप के खिलाफ साक्ष्य हुए तो समिति औपचारिक आरोप-महाभियोग संबंधी अनुच्छेद तय करेगी जिस पर पूरा सदन मतदान करेगा। बहुमत खिलाफ रहने पर सीनेट में ट्रंप पर ट्रायल चलेगा। ट्रायल के बाद सीनेट ट्रंप को दोषी ठहराकर बर्खास्त करने के लिए वोट डालेगी। पकिया इस साल दिसंबर तक पूरी हो सकती है। डेमोकेट्स के बहुमत वाली पतिनिधि सभा में आरोपों को मंजूरी मिल जाएगी। पर आगे सीनेट में रिपब्लिकन बहुमत में है। ट्रंप पर महाभियोग चला तो वह अमेfिरका के इतिहास में महज तीसरे राष्ट्रपति होंगे। 1868 में एंड्रयू जानसन, जबकि 130 साल बाद 1998 में बिल क्लिंटन के खिलाफ मोनिका लेवंस्की यौन शोषण मामले में महाभियोग चला था। दोनों ही राष्ट्रपति बर्खास्तगी से बच गए थे और अपना कार्यकाल पूरा किया था। हालांकि  राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग की पकिया इतनी जटिल है कि इसका कई चरणों से गुजरते हुए अंतिम पड़ाव तक पहुंचकर पारित होना काफी कठिन होगा। किंतु अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के बीच यह मुद्दा तो बन ही गया है। आठ पन्नों के पस्ताव में ज्यादा सार्वजनिक जांच करने और मुख्य भूमिका कांग्रेस की खुफिया मामलों की समिति के पमुख एडम स्मिथ को देने की बात कही गई है। व्हाइट हाउस की पवक्ता इसे ढकोसला और नियमों को दरकिनार कर लाया गया पस्ताव कहकर खारिज कर रहे हैं तो यह स्वाभाविक है। व्हाइट हाउस के अध्यक्ष रिक्फ पर लगातार अमेरिकी जनता से झूठ बोलने और दो चरणों में एकतरफा सुनवाई कर न्यायिक समिति के लिए पक्षपात पूर्ण रिपोर्ट तैयार करने का आरोप लगाया है। वैसे यह पहला मौका नहीं है जब राष्ट्रपति ट्रंप ने इस तरह अपने पद का दुरुपयोग किया और उनके खिलाफ उनकी पतिद्वंद्वी पार्टी हमलावर हुई हैं। दरअसल, ट्रंप ने अपने कार्यकाल में अनेक ऐसे काम किए हैं, जो अमेरिकी परंपराओं के विरुद्ध माने जाते हैं। उनके फैसलों से कई ऐसे देशों के साथ अमेरिका के संबंध खराब हुए हैं, जो पहले उसके मित्र राष्ट्र थे या जिसके विरुद्ध अमेरिका कठोर फैसले करने से बचता रहा था। ट्रंप अगले चुनाव में अपना पलड़ा भारी रखने के लिए बेशक पयास कर रहे हैं, पर महाभियोग संबंधी पस्ताव का उनके राजनीतिक जीवन पर बुरा पभाव जरूर पड़ेगा।

-अनिल नरेन्द्र

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