Wednesday 1 June 2011

आईपीएल की वजह से छिड़ी क्लब बनाम देश बहस


Vir Arjun, Hindi Daily Newspaper Published from Delhi
Published on 1st June 2011
अनिल नरेन्द्र
आईपीएल ने किकेट का रूप ही बदल दिया है। इसका इतना मनोरंजन फारमेट बना दिया है कि सारी दुनिया में यह जितना, लोकपिय हुआ है शायद ही कोई और खेल इतनी रफ्तार से फैला हो। इस फारमेट में सभी कुछ है, खेल, मनोरंजन, ग्लैमर और पैसा। इसने तो खिलाड़ियों की मानसिकता तक बदल दी है। एक नया विवाद शुरू हो गया है, क्लब बनाम देश। अब कई खिलाड़ी आईपीएल खेलना ज्यादा पसंद करते हैं बनिस्पत अपने देश के लिए। यह एक कटु सत्य है। पिछले दिनों हमने देखा कि किस तरह 27 साल की उम्र में श्रीलंकाई तेज गेंदबाज लसिथ मलिंगा ने घोषणा कर दी कि वह अब टेस्ट मैचों से संन्यास ले रहे हैं। वे केवल वनडे और टी-20 में खेलेंगे। टेस्ट से हटने का कारण उन्होंने दाएं घुटने की चोट को बताया, लेकिन यह समझा जा रहा है कि आईपीएल को महत्व देते हुए उन्होंने अपने देश के लिए खेलने से मनाकर दिया। इससे पहले वेस्टइंडीज के किस गेल ने भी इंडीज बोर्ड को पाकिस्तान के खिलाफ जारी वन डे सीरीज खेलने से मना कर दिया और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु का रुख किया तथा अपने दमदार पदर्शन करके आईपीएल के गोल्डन प्लेयर का खिताब जीता। गेल ने कहा कि उन्हें मलाल है कि उन्हें अपने देश से पर्याप्त प्यार और सम्मान नहीं मिला। गेल ने कहा कि उन्हें टी-20 पतियोगिता में जो प्यार व सम्मान मिला, वह स्वदेश में उनसे दूर रहा। असल कारण है पैसा, आईपीएल में इतना पैसा आ गया है कि खिलाड़ी अब अपने देश की बजाय आईपीएल में खेलना पसंद करने लगे हैं।
आईपीएल के दौरान `क्लब बनाम देश पर शुरू हुई बहस में पूर्व कप्तान कपिल देव और सुनील गावस्कर आमने-सामने आ गए हैं। पूर्व आल राउंडर कपिल का मानना है कि इस संबंध में अंतिम फैसला करने का हक खिलाड़ी को होना चाहिए, क्योंकि वह अपने बारे में निर्णय करने के लिए स्वतंत्र है। वहीं सुनील गावस्कर कहते हैं कि भले ही खिलाड़ियों का हक हो, लेकिन यदि कोई खिलाड़ी देश पर क्लब को तरजीह देता है, तो उसे भविष्य में भी राष्ट्रीय टीम में नहीं चुनना चाहिए। अगर खिलाड़ी को चुनाव करने का हक है तो हमें भी यह अधिकार है कि टीम चयन में उसके नाम पर विचार न करें। दूसरी ओर 1983 विश्व कप विजेता टीम के कप्तान कपिल देव का कहना है कि कोई व्यक्ति देश के लिए खेलना चाहता है तो यह तय करने का उसे अधिकार होना चाहिए। मुझे अपने देश के लिए खेलना पसंद था और मैं खेला भी। लेकिन अब स्थितियां बदल गई हैं। आप इन दिनों किसी के जीवन को नियमित नहीं कर सकते। कोई भी व्यक्ति जो करना चाहता है, उसे वह करने की आजादी होनी चाहिए।
क्लब बनाम देश की बहस लसिथ मलिंगा के टेस्ट से संन्यास लेने के साथ शुरू हुई लेकिन इसने जोर पकड़ा गौतम गंभीर की चोट के बाद। दरअसल गंभीर, सहवाग, सचिन, धोनी और जहीर ने आईपीएल में लगभग सभी मैच खेले। लेकिन अगले महीने जब राष्ट्रीय टीम वेस्टइंडीज दौरे पर जाएगी, तब ये आराम करेंगे। धोनी, जहीर टेस्ट खेलने जाएंगे। पूर्व किकेटरों से लेकर किकेट पमियों में तब से यह बहस जारी है कि आराम का सही समय क्या है?
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