Vir Arjun, Hindi Daily Newspaper Published from Delhi |
Published on 26th June 2011
अनिल रेन्द्र
हमारी राय में तो उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएमओ डॉ. वाईएस सचान की लखनऊ की जेल में हत्या की गई है। डॉ. सचान के शव पर आठ जगह पर ब्लेड से काटे जाने के निशान पाए जाने के बावजूद प्रशासन अभी भी इसे आत्महत्या का केस मान रहा है। डॉ. सचान की लखनऊ जेल के शौचालय में बुधवार को शव को फंदे से लटका पाया गया था। उनके शरीर पर कुल नौ चोटें हैं, जिनमें आठ चोटें धारदार हथियारों से हुई हैं। इनमें से दो गर्दन पर, दो दाईं कोहनी पर, दो बाईं कोहनी पर, एक दाईं जांघ के ऊपरी हिस्से और एक बाईं कलाई पर भी। इसके अलावा गले में फंदे का निशान भी पाया गया। ऐसा लगता है कि मौत से पहले सचान ने अपनी नसें काटीं या किसी ने काटी है। मौके पर मिला एक तेजधार ब्लेड इसकी पुष्टि करता है। सरकार का कहना है कि सचान की मौत ज्यादा खून के रिसाव के कारण हुई है। सवाल है कि कोई व्यक्ति खुद को ऐसे जख्म देकर खुदकुशी कैसे कर सकता है? अगर खुदकुशी खुद को चोट देकर ही की गई तो बैल्ट गले में बांधने का क्या मतलब है?डॉ. सचान की पत्नी मालती ने दावा किया है कि उनके पति दिमागी रूप से काफी मजबूत थे। वे तो दूसरों को ढांढ्स बंधाते थे। वे खुदकुशी कर ही नहीं सकते। उनकी हत्या की गई है। वे परेशान तो थे, क्योंकि पुलिस वाले टार्चर करते थे, काफी दबाव था उन पर, लेकिन वे आत्महत्या नहीं कर सकते। उन्होंने पूरे मामले की सीबीआई की जांच मांग की है।
डॉ. सचान से पहले डॉ. विनोद कुमार जो इसी पद पर थे 27 अक्तूबर को मृत पाए गए थे। सीएमओ के पद पर डाक्टर बीपी सिंह की दो अप्रैल को तब हत्या कर दी गई थी जब वह सुबह टहलने के लिए निकले थे। उन्हें गोली मार दी गई थी। तीनों अफसरों की हत्या के पीछे है 3000 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष का बजट। मई 2010 में 3150 करोड़ रुपये का ग्रांट विभाग को मिला था। तमाम सरकारी अस्पताल, दवाएं जो इन अस्पतालों को दी जाती हैं, के लिए स्वास्थ्य विभाग को 3150 करोड़ रुपये का ग्रांट दिया गया था। डॉ. बीपी सिंह की हत्या में खुद डॉ. सचान पर आरोप लगे थे कि वह इनकी हत्या में शामिल हैं। डॉ. सचान भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में बन्द थे। अभी बीपी सिंह की हत्या के मामले में उनसे पूछताछ होनी बाकी थी पर इससे पहले ही उनका काम तमाम कर दिया गया। यह काम जेल के अन्दर हुआ। इसका मतलब साफ है कि जेल के कुछ अधिकारी इस कांड में जरूर शामिल हैं। दवाई माफिया जिसमें कई बड़ी शख्सियतें शामिल हैं, ने सचान की हत्या के लिए मोटी सुपारी दी होगी। मोटी सुपारी होगी, क्योंकि जेल के अन्दर हत्या करना आसान काम नहीं है। दवा के ठेकेदार, राजनेता, नौकरशाह सब इस करोड़ों रुपये के धंधे में शामिल हैं। पुलिस ने बसपा के विधायक बरंहाज राम प्रसाद जायसवाल से पूछताछ की है कि उनके दवा ठेकेदारों से क्या संबंध हैं, वह इसका खुलासा करें। मायावती सरकार को चाहिए कि वह पूरे मामले की बारीकी से तहकीकात करवाएं और जो भी इसके पीछे है उसका पर्दाफाश करें, चाहे वह कितना बड़ा क्यों न हो? इस केस ने पहले से दबावों से घिरी मायावती सरकार पर और प्रेशर बना दिया है।
Tags: Anil Narendra, Bahujan Samaj Party, CBI, Daily Pratap, Dr. Sachan, Mayawati, Uttar Pradesh, Vir Arjun
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