Thursday 30 June 2011

बाबा रामदेव पर चौतरफा दबाव बनाने का प्रयास

Vir Arjun, Hindi Daily Newspaper Published from Delhi
Published on 30th June 2011
अनिल रेन्द्र
मनमोहन सरकार ने बाबा रामदेव को सबक सिखाने के लिए सभी हथकंडों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। साम, दाम, दण्ड, भेद सभी का इस्तेमाल किया जा रहा है। जैसा कि सरकार ने कहा था वैसा ही करना आरम्भ कर दिया है। इधर बाबा की सम्पत्तियों की जांच शुरू कर दी है उधर बालकृष्ण के खिलाफ पासपोर्ट मामले में छानबीन आरम्भ हो गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने स्काटलैंड में बाबा रामदेव और उनके संस्थानों की सम्पत्ति या निवेश की जांच शुरू कर दी है। निदेशालय सूत्रों ने बताया कि इस बात की भी जांच की जा रही है कि कहीं उनके निवेश और धन के लेनदेन से विदेशी धन विनियमन कानूनों का उल्लंघन तो नहीं हो रहा है। ईडी की नजर में स्काटलैंड के उस द्वीप पर भी है जो योग गुरु के एक प्रबल समर्थक दम्पत्ति ने उन्हें उपहार में दी थी। `द लिटिल कुबेर आइलैंड' नामक इस द्वीप को बाबा रामदेव के विदेश में स्थित ठिकाने और कल्याण केंद्र के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। सूत्रों के मुताबिक पूरी जांच बाबा रामदेव की ओर से बनाए गए ट्रस्टों में धन की आमद और लेनदेन पर टिकी है। इनमें पतंजलि योग पीठ ट्रस्ट, दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट और भारत स्वाभिमान ट्रस्ट शामिल हैं। सूत्रों ने बताया कि जांच के दौरान अगर ईडी को किसी तरह की गड़बड़ी मिली तो वह फेमा या प्रीवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर सकता है। बताया जा रहा है कि प्रवर्तन निदेशालय की ओर से यह जांच अलग-अलग आधिकारिक सूत्रों से मिले दस्तावेजों और खुफिया सूचनाओं के आधार पर की जा रही है।
इधर बाबा के ट्रस्टों व सम्पत्तियों की जांच हो रही है तो उधर उनके सहयोगी स्वामी बालकृष्ण के पासपोर्ट की जांच कर रही सीबीआई बरेली पासपोर्ट कार्यालय से जुड़े और लोकल इंटेलीजेंस यूनिट (एलआईयू) के अफसरों से पूछताछ कर रही है। बालकृष्ण का पासपोर्ट बरेली पासपोर्ट कार्यालय से बना हुआ है। इसलिए सीबीआई ने जिस अवधि में पासपोर्ट जारी किया गया, उस समय पासपोर्ट कार्यालय में तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों की जानकारी मांगी है। सीबीआई ने इसी तरह बरेली एलआईयू कार्यालय में तैनात अफसरों व कर्मचारियों की जानकारी तलब की है। चूंकि पासपोर्ट के आवेदन फार्म की जांच एलआईयू शाखा द्वारा की जाती है। एलयूआई यह जांच करती है कि आवेदक द्वारा दी गई सूचनाएं सही हैं अथवा नहीं। वह भारतीय नागरिक है या नहीं, उसके खिलाफ कोई आपराधिक मामला तो नहीं, उसका सामान्य आचरण और साख, आदि कैसी है। एलआईयू ने बालकृष्ण के आवेदन फार्म पर कैसे संस्तुति की। सीबीआई इसके लिए जिम्मेदार एलआईयू कर्मियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति करेगी। इसी तरह पासपोर्ट कर्मियों से यह पूछा जाना है कि उन्होंने किस आधार पर बालकृष्ण के पक्ष में पासपोर्ट जारी किया। इसके लिए सीबीआई दोनों ही विभागों के लोगों को नोटिस भेजने की तैयारी कर रही है। सरकार हर तरह का दबाव बनाने पर जुट गई है ताकि बाबा रामदेव लाइन पर आ जाएं पर जो तेवर बाबा ने दो दिन पहले दिल्ली यात्रा में दिखाए उससे तो नहीं लगता कि बाबा किसी भी दबाव में आने वाले हैं।
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