Thursday 23 June 2011

अभी कुछ महीने और तिहाड़ में ही रहेंगी कनिमोझी


Vir Arjun, Hindi Daily Newspaper Published from Delhi
Published on 23nd June 2011
अनिल नरेन्द्र
`सॉरी मैडम वी हैव ट्राइड ऑवर बैस्ट।' सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में कनिमोझी के वकीलों ने जब ये शब्द कहे तो दो माह पूर्व तक तमिलनाडु के वीवीआईपी का दर्जा रखने वाली कनि की मां रजती अम्मल फूट-फूट कर रोने लगी। उन्हें बहुत उम्मीद थी कि सुप्रीम कोर्ट से कनिमोझी को जमानत मिल जाएगी। रुआंसी और आंसू पोंछती रजती ने उन्हें कोई जवाब नहीं दिया। बस हाथ जोड़कर सिर हिलाया और आगे बढ़ गई। थके मुकदमे में बालू भी उनके पीछे चल दिए। बालू ने ढाई घंटे चली पूरी कार्रवाई खड़े होकर ही सुनी थी। रजती पूर्व मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि की तीसरी पत्नी हैं, कनिमोझी (43) उनकी इकलौती संतान है। पहली पत्नी की मृत्यु के बाद करुणानिधि ने दयालु अम्मा से विवाह किया। दयालु कलैग्नार टीवी में 60 फीसदी शेयर की मालिक है। रजती काफी दिनों तक करुणानिधि के साथ ऐसे ही रहती रही। करुणानिधि ने उनके साथ कभी विधिवत विवाह नहीं किया। उन्हें पत्नी भी 10-12 साल पहले तब माना था जब चुनाव में उन्होंने अपनी आय का शपथ पत्र दायर किया और उसमें अम्मा के नाम कुछ सम्पत्ति दिखाई। लोगों ने जब पूछा कि रजती कौन है तब उन्होंने कहा कि वह उनकी पत्नी है।
2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में अभियुक्त द्रमुक सांसद कनिमोझी को सुप्रीम कोर्ट आना महंगा पड़ा। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका ही खारिज नहीं की बल्कि भविष्य में जमानत देने पर भी प्रतिबंध लगा दिया। कनिमोझी अब जमानत के लिए तब ही आवेदन कर पाएगी जब उनके खिलाफ निचली अदालत में आरोप तय हो जाएंगे। आरोप तय होने में तीन माह का समय लग सकता है, लेकिन सुनवाई अदालत सिर्प इस केस के लिए बनी है इसलिए हो सकता है कि यह अवधि कुछ दिन कम हो जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कनि की यह दलील अस्वीकार कर दी कि उन्हें धारा 437 के तहत जमानत दी जाए। कोर्ट ने कहा कि आपमें क्या खास बात है, आपकी तरह सैकड़ों विचाराधीन महिला कैदी जेल में हैं और बच्चों से दूर हैं। कनिमोझी 20 मई से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बन्द है। जस्टिस जीएस सिंघवी और जस्टिस बीएस चौहान की खंडपीठ ने यह फैसला जमानत का विरोध कर रही सीबीआई और कनिमोझी के वकीलों की डेढ़ घंटा बहस सुनने के बाद दिया। जमानत खारिज करने का दो लाइन का फैसला सुनकर कनि के वकीलों का चेहरा फक रह गया। कनिमोझी के वकीलों ने बहुत कोशिश की कि जमानत किसी भी हालत में हो जाए। उन्होंने यहां तक कह दिया कि वह कोर्ट की कठोर से कठोर शर्तें मानने को तैयार हैं। यदि सीबीआई को डर है कि अपने राजनैतिक रसूख से गवाहों और जांच को प्रभावित कर सकती है तो उन्हें उनके घर में नजरबन्द भी रखा जा सकता है। कनिमोझी के वकीलों का तो यहां तक कहना था कि अमेरिका की तरह यहां पैरों में रेडियो एंकलेट तो नहीं लगाए जाते, लेकिन उनके घर में 24 घंटे पहरेदारी तथा इलैक्ट्रॉनिक निगरानी (कैमरे तथा वायरलेस) रखी जा सकती है पर कोर्ट ने उनकी कोई दलील नहीं मानी। बस इतनी छूट जरूर दी कि अदालत ने कहा कनिमोझी आरोप तय होने के बाद मामले की सुनवाई कर रही कोर्ट से नियमित जमानत मांग सकती हैं। वहां मामले को नए सिरे से सुना जाएगा।
Tags: 2G, A Raja, CBI, DMK, kani Mozhi, Karunanidhi, Supreme Court, Tamil Nadu, Tihar Jail

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