Sunday, 5 June 2011

26/11 हमले की साजिश आईएसआई ने रची थी : शहजाद


Vir Arjun, Hindi Daily Newspaper Published from Delhi
Published on 5th June 2011
अनिल नरेन्द्र
पाकिस्तानी पत्रकार सैयद सलीम शहजाद की निर्मम हत्या ने पाकिस्तान में भी हड़कम्प मचा दिया है। तमाम मुल्क में उसकी हत्या की निंदा की जा रही है।
पाक मीडिया खुलकर लिख रहा है कि पाकिस्तान पत्रकारों के लिए कितना खतरनाक देश बन चुका है। एक तरफ जहां पाकिस्तानियत डॉट काम के ब्लागर अदील नजाम ने शहजाद की मौत को देश के लिए चेतावनी बताया है वहीं `ए केस ऑफ एक्सप्लोडिंग मैंगोज' के लेखक मोहम्मद हनीफ ने ट्विटर पर लिखा है। क्या यहां कोई ऐसा पत्रकार है जो यह मानता है कि इसके पीछे खुफियों का हाथ नहीं है? नजाम ने अपने ब्लाग में लिखा है कि पाकिस्तानियों को असुरक्षित और भयभीत रहने की आदत सी हो गई है। आज वे और ज्यादा असुरक्षित और भयभीत महसूस कर रहे हैं। डेली टाइम्स ने अपने सम्पादकीय में लिखा ः पत्रकार की हत्या पत्रकारों के लिए एक चेतावनी की तरह है कि अगर वे ईमानदारी से पत्रकारिता करेंगे तो उनका यही अंजाम होगा। डॉन अखबार लिखता है कि यदि दुनिया पाकिस्तान को पत्रकारों के लिए एक जान लेवा मुल्क कहती है, तो इस तोहमत से छुटकारा पाना उसके लिए वाकई मुश्किल है।
शहजाद ने एक किताब `इन साइड अलकायदा एंड तालिबान ः बियोड़ बिन लादेन एं 9/11 लिखी थी। गत बीस मई को पकाशित इस किताब को डॉन अखबार ने पकाशित किया है। किताब में 40 वर्षीय लेखक शहजाद ने मुंबई हमले की पृष्ठ भूमि का विस्तार से वर्णन किया है। इसमें शहजाद ने बताया है कि किस तरह वर्ष 2008 में मुंबई हमले को अंजाम दिया गया। भारत के खिलाफ अभियान में इलियास कश्मीरी को विशेषज्ञता हासिल है। उसने यह सुझाव देकर अलकायदा के नेताओं को स्तब्ध कर दिया था कि वर्तमान गतिरोध को समाप्त करने का एक मात्र रास्ता युद्ध का विस्तार है। उसने भारत में ऐसा बड़ा अभियान चलाने का सुझाव दिया जिससे भारत और पाक में युद्ध छिड़ जाए और उससे अलकायदा के खिलाफ सभी पस्तावित अभियान रुक जाएं। इससे रोमांचित हो अलकायदा ने भारत पर आतंकी हमले के पस्ताव को मंजूरी दे दी। शहजाद ने कहा कि कश्मीरी ने तय हमले की पूरी साजिश का खाका सेना के पूर्व मेजर हारुन आशिफ को सौंपा।
किताब में शहजाद ने कहा है कि सेना के पूर्व मेजर ने इलियास कश्मीरी के गुर्गों की सहायता से आईएसआई की साजिश को हड़प कर उसे 26 नवम्बर 2008 को मुंबई के विनाशकारी हमले के रूप में बदल दिया।
दरअसल शहजाद आईएसआई और अलकायदा के बारे में जरूरत से ज्यादा जानकारी पा चुका था। यदि खोजी पत्रकारिता शहजाद की मौत का सबब बनी। शहजाद ने आशंका व्यक्त की कि आईएसआई देश के अधिकारिक परमाणु हथियार कार्यकम के अलावा एक गुप्त कार्यकम भी चला रही है। इसके तहत कायमलाऊ परमाणु बम तैयार किए जा रहे हैं। आईएसआई के कुछ अधिकारी महाविनाश के इन हथियारों को आतंकी गुटों तक पहुंचा सकते हैं। अफगानिस्तान और पाकिस्तान में आतंकवाद के बारे में शहजाद बहुत कुछ जान चुके थे जो आईएसआई को बहुत सता रहा था। सैयद सलीम शहजाद को शायद अलकायदा के पास एटमी हथियार हेने और भारत या इस्राइल के खिलाफ उनके इस्तेमाल की साजिश की जानकारी थी। इससे पहले कि वह ऐसी गतिविधियों का और खुलासा करते उनका मुंह हमेशा-हमेशा के लिए बंद कर दिया गया। मुंह तो बंद कर दिया पर उनकी लेखनी अमर हो गई है।
Tags: 26/11, Anil Narendra, Daily Pratap, ISI, Journalist Killed in Pakistan, Pakistan, Terrorist, Vir Arjun

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