Thursday 9 June 2011

दयानिधि मारन से कन्नी काटी प्रधानमंत्री व कांग्रेस ने

Vir Arjun, Hindi Daily Newspaper Published from Delhi
Published on 9th June 2011
अनिल नरेन्द्र
दयानिधि मारन बुरी तरह से फंसते जा रहे हैं। जैसे डीएमके के अन्य मंत्रियों व नेताओं ने यूपीए सरकार को कटघरे में खड़ा करवाया ठीक उसी तरह मारन ने अब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के लिए एक नया सिरदर्द खड़ा कर दिया है। मनमोहन सिंह पहले से ही ए. राजा, कनिमोझी विवाद को लेकर कटघरे में खड़े हैं अब दयानिधि ने उनकी फजीहत बढ़ा दी है। 2004 से 2007 तक हुए स्पेक्ट्रम घोटाले को लेकर यूपीए पहले ही अंगुलियां जला बैठी है, क्योंकि ए. राजा और सुरेश कलमाड़ी को बचाने का अंजाम वह देख चुकी है। अब शायद ही प्रधानमंत्री दयानिधि मारन को बचाने की कोशिश करें। दयानिधि के खिलाफ गम्भीर आरोप हैं। अनिवासी भारतीय एस. शिवशंकरन को उनकी कम्पनी एयरसेल को बेचने के लिए मजबूर करने के आरोपी केंद्रीय कपड़ा मंत्री दयानिधि मारन का जाना अब लगभग तय-सा लगता है। मारन के खिलाफ आरोपों और संबंधित सुबूतों के बारे में सीबीआई ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को विस्तृत रिपोर्ट दे दी है। शिवशंकरन ने सोमवार को सीबीआई को बताया था कि किस तरह दूरसंचार मंत्री रहते हुए उन्हें एयरसेल बेचने के लिए दयानिधि मारन ने मजबूर किया था। एयरसेल मामले में दयानिधि मारन की भूमिका पर प्रधानमंत्री को विस्तृत रिपोर्ट देने की पुष्टि करते हुए सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कपड़ा मंत्री के खिलाफ लगाए गए आरोप काफी गम्भीर हैं और उनकी पूरी जांच की जरूरत है। शिवशंकरन ने जांच एजेंसी को उन लोगों के नाम-पते दिए हैं, जो मारन की ज्यादतियों के चश्मदीद गवाह हैं। मारन इन्हीं लोगों के माध्यम से शिवशंकरन पर एयरसेल को बेचने के लिए दबाव बना रहे थे। इनमें एयरसेल से जुड़े वकील और चार्टर्ड एकाउंटेंट शामिल हैं। शिवशंकरन का कहना था कि दूरसंचार मंत्री रहते हुए मारन ने उनके वाणिज्यिक साम्राज्य को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया और उन्हें देश से भागने पर मजबूर कर दिया।

आज की तारीख में भ्रष्टाचार का मुद्दा घर-घर तक चर्चा का विषय बना हुआ है। तभी तो भ्रष्टाचार और काले धन को लेकर आज के सूरत-ए-हाल में लोकायुक्त गठन की जरूरत महसूस की जा रही है। यही कारण है कि कांग्रेस नेतृत्व आज दयानिधि मारन से फासले बढ़ा रहा है और सरकार या कांग्रेस शायद ही उन्हें अब बचा पाए। दयानिधि मारन को संकेत दे भी दिए गए हैं। वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी से उनकी मुलाकात के दौरान उन्हें संकेत दे दिए गए हैं। प्रधानमंत्री पहले ही सीबीआई से कह चुके हैं कि 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले मामले में सभी आरोपों की जांच की जाए जिनमें मारन के विरुद्ध आरोप भी शामिल हैं। इन आरोपों पर सीबीआई जांच की स्थिति रिपोर्ट प्रधानमंत्री कार्यालय पहुंच चुकी है। देखना अब यह है कि द्रमुक प्रमुख करुणानिधि का अब क्या रुख होता है। दो दिन पहले करुणानिधि ने प्रधानमंत्री को कनिमोझी की गिरफ्तारी के लिए सीधे जिम्मेदार ठहराया था। अब अगर दयानिधि मारन हिरासत में लिए जाते हैं तो करुणानिधि क्या करेंगे? क्या वह यूपीए सरकार से अपने मंत्रियों को हटाने का आदेश देते हैं? समर्थन वापसी की तो वह पहले ही घोषणा कर चुके हैं।
Tags: 2G, A Raja, Anil Narendra, CBI, Daily Pratap, Dayanidhi Maran, DMK, kani Mozhi, Karunanidhi, Pranab Mukherjee, Vir Arjun

No comments:

Post a Comment