Tuesday 14 June 2011

एक और बहादुर कलम का सिपाही शहीद हुआ

Vir Arjun, Hindi Daily Newspaper Published from Delhi
Published on 14th June 2011
अनिल नरेन्द्र
एक और कलम का सिपाही हिंसा का शिकार हो गया। मोस्ट वांटेड आतंकवादी दाऊद इब्राहिम के छोटे भाई इकबाल कासकर के अंगरक्षक की हत्या के बाद दाऊद के विरोधी छोटा राजन से बातचीत पर आधारित एक रिपोर्ट लिखने के महीने-भर के भीतर मशहूर क्राइम रिपोर्टर जे डे की शनिवार को मुंबई के पोवई के डी मार्ट के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई। मोटरसाइकिल पर सवार होकर आए बदमाशों ने जे डे के सिर पर गोलियां मारीं और उन्होंने हीरानंदानी अस्पताल पहुंचने के बाद दम तोड़ दिया। ज्योतिर्मय डे जिन्हें प्यार से जे डे कहकर पुकारा जाता था अत्यंत लोकप्रिय क्राइम रिपोर्टर थे। इंडियन एक्सप्रेस व हिन्दुस्तान टाइम्स में काम करने के दौरान तमाम चौंकाने वाली अपराध खबरें लिखने वाले जे डे इन दिनों मिड डे के अपराध सम्पादक थे। मिड डे में उनकी एक सहयोगी ने बताया कि गुरुवार को ही जे डे ने दफ्तर की एक बैठक में हिस्सा लिया था और तब तक वह पूरी तरह सामान्य दिख रहे थे। अंडरवर्ल्ड से उन्हें धमकियां आम बात हो चुकी थीं। डे को ये लगता रहा था कि तमाम डॉन से सीधा परिचय होने के चलते शायद ही उनका कोई गुर्गा उन पर कभी कातिलाना हमला करने की कोशिश करेगा। अंडरवर्ल्ड में भी जे डे की हत्या की खबर से हलचल मची है। कोई यह मानने को तैयार नहीं कि यह काम किसी भाई का हो सकता है। अपनी खबरियों पर भरोसा करने वाले जे डे ने पिछले सात मार्च में अंडरवर्ल्ड की मुंबई में वापसी पर एक विस्तृत रिपोर्ट लिखी थी। इसी रिपोर्ट के बाद से डे को धमकियां मिलनी शुरू हुई थीं। लेकिन इसे अपने पेशे का हिस्सा मानकर डे ने कभी इस तरफ तवज्जों नहीं दी। इन्हीं खबरियों पर पिछले साल लिखी पुस्तक जोटो डायल की रिलीज के दौरान जे डे ने बताया था कि मुंबई में अंडरवर्ल्ड अब पहले से ज्यादा खतरनाक हो गया है, क्योंकि इसकी घुसपैठ सियासत की सबसे ऊंची पायदानों तक हो चुकी है। उन्होंने बताया था कि अब डॉन के सीधे कनेक्शन राजनेताओं से स्थापित हो चुके हैं जो उन्हें पूरा संरक्षण देते हैं। ज्योतिर्मय डे की हत्या के एक दिन बाद रविवार को पुलिस ने कहा कि यह काम तेल माफिया के लोगों का भी हो सकता है। एक सीनियर पुलिस अफसर के मुताबिक ज्योतिर्मय डे ने तेल माफिया के खिलाफ काफी कुछ लिखा था, हो सकता है कि उसी ने निशाना बनाया हो। मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने रविवार को इमरजेंसी मीटिंग बुलाई और जांच का जायजा लिया।
ज्योतिर्मय की हत्या से फिर से यह प्रश्न उठने लगा है कि क्या मुंबई में फिर 90 के दशक की तरह गैंग वॉर का दौर लौट आया है? दाऊद के भाई पर हमला, अब जे डे की हत्या तो इस ओर संकेत दे रहा है। पुलिस का कहना है कि मुंबई अंडरवर्ल्ड सीन बहुत तेजी से बदल रहा है। नए-नए खिलाड़ी गेम में आ रहे हैं। गैंग वॉर भी शुरू हो गया है। ज्योतिर्मय की हत्या ने एक बार फिर सारी दुनिया को याद करवा दिया है कि पत्रकार बिरादरी कितना जोखिम लेकर अपना काम करती है। अभी हाल ही में एक पाकिस्तानी पत्रकार की भी हत्या की गई थी। हमें जे डे की हत्या का बहुत दुःख है और उसके परिवार को हम यह जरूर बताना चाहेंगे कि इस संकट की बेला में वह अकेला नहीं हम भी उनके दर्द में साथ हैं। जे डे जैसे बहादुर, साहसी पत्रकार कभी मरते नहीं। उनकी लेखनी हमेशा जिन्दा रहती है।

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