राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष अजीत िसह ने इस बार भी रविवार को ही केंद्रीय मंत्री के रूप में शपथ ली। संयोग है कि वे चौथी बार केंद्र में मंत्री बने हैं और हर बार उनकी शपथ रविवार को ही हुई। राष्ट्रपति भवन में एक संक्षिप्त और सादे समारोह में राष्ट्रपति प्रतिभा देवीसिंह पाटिल ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। अजीत सिंह के लोकसभा में पांच सदस्य हैं। मनमोहन सिंह सरकार का यह तीसरा मंत्रिमंडल फेरबदल था। 73 वर्षीय अजीत सिंह केंद्रीय मंत्रिमंडल के 33वें कैबिनेट मंत्री हैं। इस अवसर पर कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी की मौजूदगी महत्वपूर्ण थी। क्योंकि उनकी पहल पर ही रालोद और कांग्रेस के बीच अगले साल उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को मिलकर लड़ने का समझौता परवान चढ़ा है। अजीत िसह के यूपीए में आने से यूपीए की संख्या लोकसभा में 272 से बढ़कर 277 हो गई है। अजीत िसह को यूपीए में शामिल करके राहुल गांधी खासे आत्मविश्वास से भर गए हैं। मंत्रिमंडल के इस संक्षिप्त विस्तार के बाद कांग्रेस उत्तर प्रदेश के पश्चिमी जिलों की करीब 140 विधानसभा सीटों पर खुद को ज्यादा मजबूत मान रही है। हाल ही में उत्तर प्रदेश के अपने दूसरे सम्पर्प अभियान से लौटे राहुल गांधी समारोह में अजीत के बेटे जयंत से काफी देर बतियाते रहे। राहुल और जयंत एक साथ ही बैठे। बाद में चाय-पान के दौरान भी राहुल ने अजीत सिंह का हाथ पकड़कर उन्हें बधाई दी। पत्रकारों द्वारा राहुल से उत्तर प्रदेश के दौरे के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उनका दौरा सफल रहा और खासकर कानपुर में उनकी रैली में सबसे ज्यादा भीड़ जुटी, जहां मायावती का वोट बैंक अति पिछड़े वर्ग के लोग भारी संख्या में आए। लेकिन जब राहुल से फर्रुखाबाद की जनसभा में खुदरा व्यापार में एफडीआई लाने की उनकी घोषणा के बारे में पूछा गया तो वह यह कहते हुए चले गए कि अभी इस मुद्दे पर वह ज्यादा बात नहीं करेंगे। अजीत सिंह भी मानते हैं कि रालोद-कांग्रेस गठबंधन से उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों की तस्वीर बदल जाएगी। कांग्रेस का यूपी चुनावों को लेकर उत्साह का एक कारण और भी है। स्टार न्यूज और एसी नीलसन ने हाल ही में एक चुनाव सर्वेक्षण किया है। यह सर्वेक्षण चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश के लोगों का मन भांपने के लिए नवम्बर-दिसम्बर के महीने में किया गया था। सर्वेक्षण के मुताबिक सत्तारूढ़ बसपा की हालत पतली है। उन्हें 120 सीटें ही मिल सकती हैं जबकि पिछली बार बसपा को 206 सीटें मिली थीं। सबसे ज्यादा फायदा समाजवादी पार्टी को होता दिख रहा है। सपा की सीटें 97 से बढ़कर 135 तक पहुंच सकती हैं। चुनाव में सबसे ज्यादा वोट प्रतिशत कांग्रेस के बढ़ने का अनुमान है। कांग्रेस को 17 फीसदी वोट और 68 सीटें मिल सकती हैं। वर्ष 2007 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 8.6 प्रतिशत वोट सहित 22 सीटें ही मिली थीं। कांग्रेस-रालोद गठबंधन के बाद तो यह आंकड़ा (कांग्रेस 70 और रालोद 15) सीटों तक पहुंच सकता है। भाजपा की सीट और वोट प्रतिशत में भी इजाफा होने की संभावना है। भाजपा को 5 प्रतिशत वोट की बढ़ोतरी के साथ 65 सीटें मिल सकती हैं। अभी चुनाव में समय है और यूपी की सियासत चरमसीमा पर है। दावे से अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है। चुनाव आते-आते तस्वीर बदल भी सकती है पर इतना जरूर कहा जा सकता है कि राहुल गांधी की कड़ी मेहनत से कांग्रेस को प्रदेश में फायदा जरूर हो रहा है।
Ajit Singh, Anil Narendra, Congress, Daily Pratap, RLD, Uttar Pradesh, Vir Arjun
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