Tuesday, 13 December 2011

कांग्रेस-रालोद गठबंधन उत्तर प्रदेश में गुल खिला सकता है

 
Vir Arjun, Hindi Daily Newspaper Published from Delhi
Published on 13th December 2011
अनिल नरेन्द्र
उत्तर प्रदेश के 2007 में हुए विधानसभा चुनाव में अकेले दम पर लड़कर अपनी-अपनी राजनीतिक जमीन खिसका चुके कांग्रेस और राष्ट्रीय लोकदल आखिरकार इस बार 2012 के विधानसभा चुनाव में एक साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे। शनिवार को रालोद अध्यक्ष की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करने से अब इस गठबंधन की पुष्टि हो गई है। दोनों दलों के गठबंधन पर औपचारिक मोहर लग गई। राज्य में अपना खोया जनाधार वापस लौटाने में जुटी कांग्रेस, पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जाट बैल्ट में अजीत सिंह का साथ मिलने के बाद उन्हें केंद्र में मंत्री बनाने को तैयार हो गई है। सूत्रों के अनुसार गठबंधन में रालोद 48 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। पहले रालोद 80 सीटों की मांग कर रहा था। समझौते के तहत पिछले चुनाव में जिन सीटों पर जिस दल के उम्मीदवार जीते थे वह सीट उसके कोटे में रहेगी। कांग्रेस-रालोद के चुनावी गठबंधन होने से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के राजनीतिक समीकरण बदलना तय माना जा रहा है। दिग्गज नेताओं के साथ कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी की मौजूदगी में यह खबर पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए उत्साह बढ़ाने वाली थी। उत्तर प्रदेश की राजनीति में यह गठबंधन नया गुल खिला सकता है। समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता रशीद मसूद का पाला बदल कांग्रेस की तरफ आना इस गठबंधन को और ताकत दे सकता है। रालोद का दावा है कि पार्टी का असर आगरा, अलीगढ़, मेरठ, सहारनपुर और मुरादाबाद मंडल की 136 सीटों पर है इसलिए यह गठबंधन आगामी विधानसभा चुनाव में कारगर साबित होगा। रालोद के प्रवक्ता ने तो यहां तक कह दिया कि कांग्रेस-रालोद गठबंधन उत्तर प्रदेश में सरकार बनाएगा। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में तो प्रवक्ता का कहना था कि सपा और बसपा दोनों साफ हो जाएंगे। कहा जा रहा है कि जाट वोट जल्दी से किसी अन्य दल को ट्रांसफर नहीं होता। लेकिन रालोद के समर्थन से कांग्रेस को जाट बैल्ट में काफी फायदा हो सकता है। मुस्लिम आरक्षण के बाद इसमें और इजाफा होगा। अगर मुस्लिम और जाट दोनों ही कांग्रेस को वोट देते हैं या यूं कहें कि बसपा, सपा के खिलाफ वोट डालते हैं तो निश्चित रूप से यह कांग्रेस को फायदा पहुंचाएगा। उत्तर प्रदेश की दो छोर वाली राजनीति को कांग्रेस ने इस गठबंधन का नया मोड़ दिया है। पिछले लोकसभा चुनाव में वह इस वर्चस्व को पहले ही तोड़ चुकी है जिसमें बसपा हाफ हो गई थी। इसलिए कांग्रेस को नई रणनीति के आधार पर कमजोर अब नहीं माना जा सकता। अभी मुसलमानों के आरक्षण का ब्रह्मास्त्र कांग्रेस के पास बचा है जो जल्द सामने आ सकता है। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं सांसद राहुल गांधी ने शनिवार को लखनऊ में कहा कि प्रदेश के कार्यकर्ता क्षमतावाद और ऊर्जावान हैं। अगर 2012 के विधानसभा चुनाव में पार्टी पूरे दम-खम से जुट जाए तो उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को सरकार बनाने से कोई नहीं रोक सकता। दो दिवसीय दौरे पर राजधानी लखनऊ पहुंचने पर शनिवार को यहां प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में राहुल ने प्रदेश कांग्रेस के सदस्यों, जिला एवं शहर अध्यक्षों को सम्बोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाने की भरपूर क्षमता है, जरूरत सिर्प इस बात की है कि कार्यकर्ता पूरे मनोयोग से आने वाले विधानसभा चुनाव में जुट जाएं। उन्होंने कहा कि 1991 से 2009 तक कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में पूरे मनोयोग से चुनाव नहीं लड़ा। इसलिए लगभग दो दशकों तक गैर कांग्रेसी सरकारें सत्ता पर काबिज रहीं। सही मायने में कांग्रेस पार्टी 2012 में चुनाव लड़ने जा रही है। पिछले दो दशकों में उत्तर प्रदेश की सत्ता पर सपा, बसपा और भाजपा की गैर कांग्रेसी सरकारें सत्ता पर काबिज रहीं। इनके कार्यकाल में उत्तर प्रदेश बुरी तरह पिछड़ गया। राहुल ने कहा कि गैर कांग्रेसी सरकारों से प्रदेश की जनता बुरी तरह ऊब चुकी है और अब प्रदेश में बदलाव का माहौल भी तैयार है। लोग चाहते हैं कि कांग्रेस की सरकार सत्ता में आए।
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