Saturday 4 February 2012

आखिर यह पोंटी चड्ढा कौन है और क्यों है इतनी हायतौबा?

Vir Arjun, Hindi Daily Newspaper Published from Delhi
Published on 4th February  2012
अनिल नरेन्द्र
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पहले चरण के मतदान से ठीक पहले सूबे की सियासत में तेजी लाते हुए आयकर विभाग ने मायावती के सबसे करीबी उद्योगपति गुरदीप सिंह चड्ढा उर्प पोंटी चड्ढा के ठिकानों पर जबरदस्त छापा मारा। पोंटी चड्ढा के धंधे फिल्म रिटेल, रीयल एस्टेट, मॉल व मल्टी काम्प्लैक्स के व्यवसाय से लेकर उत्तर प्रदेश में शराब के ठेकों से जुड़े हुए हैं। बताया जाता है कि वह उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती के काफी करीबी हैं। आयकर विभाग के 225 अफसरों ने 17 जगहों पर एक साथ छापे मारे। चड्ढा ग्रुप पर यह अब तक की सबसे बड़ी छापेमारी थी। आयकर विभाग को अंदेशा था कि चड्ढा लम्बे समय से काफी मोटी कमाई कर रहे हैं और अपनी अकूत इस आय के बदले वह काफी बौना-सा टैक्स दे रहे हैं। सूत्रों का दावा है कि नोएडा में चड्ढा के सेंटरस्टेज मॉल से आयकर विभाग ने भारी मात्रा में नकदी बरामद की है। इस मॉल की बेसमेंट से एक बड़ी तिजोरी मिली। अटकलें लगाई जा रही हैं कि इसमें करीब 100 से 200 करोड़ रुपये हो सकते हैं। विभाग ने तिजोरी को सील करके चड्ढा को 14 दिन में हाजिर होने का नोटिस भेजा। चड्ढा अगर 14 दिनों में पेश नहीं हुए तो उन्हें एक और नोटिस भेजा जाएगा और अगर फिर भी वह हाजिर नहीं हुए तो विभाग तिजोरी तोड़ देगा। आखिर यह पोंटी चड्ढा कौन हैं? क्यों इस छापेमारी पर बड़ी हायतौबा हो रही है? शराब कारोबारी पोंटी चड्ढा ने मात्र 39 साल की उम्र में चड्ढा ग्रुप का विशाल साम्राज्य खड़ा कर दिया। शुरुआत केन कैशर से हुई और अब वह कई चीनी मिलों के मालिक हैं। उन्होंने मॉल, मल्टी प्लैक्स की चेन खड़ी कर दी। शराब के ठेकों से शुरुआत करके डिस्टिलरी बना ली। रीयल एस्टेट, पेपर मिल और बाटलिंग प्लांट में उनकी धाक है। पोंटी चड्ढा के पिता सरदार कुलवंत सिंह ने कारोबार की शुरुआत मुजफ्फर नगर के केन कैशर लगाकर की। बेटे बड़े हुए तो शराब का कारोबार शुरू किया। तीन भाइयों में से सबसे छोटे पोंटी ने राजनीतिज्ञों से नजदीकियां बनानी शुरू कीं और देखते-देखते पोंटी ने उत्तर प्रदेश, पंजाब, दिल्ली, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश के बड़े-बड़े नेताओं से बहुत अच्छे संबंध बना लिए। आज इनका कारोबार इन सभी राज्यों में फल-फूल रहा है। पोंटी चड्ढा को उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि पंजाब, उत्तराखंड, हरियाणा और राजस्थान व दिल्ली के सियासी गलियारों में सभी जानते हैं। उत्तर प्रदेश के तराई इलाके के शराब व्यवसायी पोंटी चड्ढा पिछले करीब डेढ़ दशक में कामयाबी के जिस शिखर पर पहुंचे हैं उसमें व्यवसायिक योग्यता से ज्यादा अलग-अलग दलों के राजनेताओं से उनका करीबी जनसम्पर्प साधने की कला का सबसे बड़ा योगदान है। मुरादाबाद के रहने वाले पोंटी चड्ढा को इन दिनों उत्तर प्रदेश की मायावती सरकार की विशेष कृपा प्राप्त है। बसपा और उत्तर प्रदेश सरकार में मायावती के बाद सबसे शक्तिशाली माने जाने वाले नसीमुद्दीन सिद्दीकी और पोंटी की दोस्ती के किस्से सत्ता के गलियारों में खूब कहे सुने जाते हैं। मायावती सरकार को पोंटी की कार्यकुशलता पर इस कदर भरोसा है कि उत्तर प्रदेश का पूरा शराब व्यवसाय पोंटी की कमान में है। सूत्रों के मुताबिक राज्य में दो सौ करोड़ से ज्यादा का शराब व्यवसाय है। पोंटी शुरुआती दिनों में कांग्रेस के नेताओं के बेहद करीबी रहे, फिर मुलायम सिंह यादव की पिछले दिनों सरकार में पोंटी की कई दिग्गज नेताओं जिनमें अमर सिंह प्रमुख से उनकी दोस्ती की चर्चा का विषय रही। सपा के शासन में ही पोंटी ने नोएडा और आसपास के इलाकों में अपना कारोबार बढ़ाया। लेकिन राज्य में सत्ता बदलने और मायावती के मुख्यमंत्री बनने के बाद पोंटी मुलायम से ज्यादा मायावती सरकार के करीब हो गए। सिर्प उत्तर प्रदेश की नहीं बल्कि पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और राजस्थान में भी पोंटी के कई नेताओं से करीबी रिश्ते रहे हैं। पंजाब में चाहे कांग्रेस सरकार हो या अकाली दल सत्ता में तो पोंटी चड्ढा का कोई काम नहीं रुका। इसी तरह राजस्थान, हरियाणा और उत्तराखंड में भले ही किसी पार्टी का शासन हो पोंटी चड्ढा राज करते हैं। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के कुछ घंटों पहले यह छापों का राजनीतिक महत्व है। यह मायावती की एक तरह से कमर तोड़ने का प्रयास माना जाएगा। पोंटी चड्ढा यकीनन बहुजन समाज पार्टी के सबसे बड़े फाइनेंसर हो सकते हैं और ऐसे समय जब पार्टी को पैसों की सबसे ज्यादा जरूरत हो, छापे मारे जाएं? मतलब साफ है। वैसे अखबारों में जो पोंटी की जमीनों का ब्यौरा छपा है उसमें तो बस जाए दूसरा गाजियाबाद। पोंटी के पास कौशाम्बी में 250 एकड़, वैशाली में 500 एकड़, वसुंधरा में 1100 एकड़, इन्दिरापुरम में 1100 एकड़, शेष शहरी इलाकों में लगभग 7000 एकड़। विडम्बना तो यह है कि 20 साल से ज्यादा समय में जीडीए जितनी भी कॉलोनियां लाया है वह सब 900 एकड़ से कम हैं। पोंटी ने सिर्प 12 साल में यह सब कुछ खड़ा किया है।
Anil Narendra, Daily Pratap, Ponti Chadha, Vir Arjun

No comments:

Post a Comment