पश्चिम एशिया एक बार फिर युद्ध की ज्वालामुखी के ढेर पर खड़ा होता जा रहा है। परमाणु आयुध बनाने में जुटे ईरान ने जहां अपने युद्धपोत जैद्दाह बन्दरगाह से सीरिया के तट के पास तैनात कर दिए हैं वहीं ईरानी रेवोल्यूशनरी गार्ड्स ने दो दिवसीय जमीनी सैन्य युद्धाभ्यास शुरू कर अमेरिका और पड़ोसी इजरायल जैसे कट्टर विरोधियों को मुंहतोड़ जवाब देने की तैयारी कर ली है। उधर ब्रिटेन ने इजरायल को चेतावनी दी है कि अगर ईरान पर हमला हुआ तो भारी नुकसान की कीमत चुकानी होगी। ये युद्धपोत ईरान ने स्वेज नहर के रास्ते भू-मध्य सागर के किनारे बसे सीरिया भेजे हैं ताकि उसके परमाणु ठिकानों पर किसी भी तरह के हमलों का जवाब दे सकें। इधर उत्तर कोरिया ने भी सैन्य अभ्यास की सूरत में हमले की चेतावनी दे डाली है। ईरान की संवाद समिति इरना ने देश के नौसेना प्रमुख एडमिरल हबीबुल्ला सचारी के हवाले से कहा कि ईरान ने भू-मध्य सागर में अपने युद्धपोत तैनात करके विरोधियों को क्षेत्र में अपनी ताकत का अहसास करा दिया है। उन्होंने बताया कि ईरानी नौसेना इस्लामी क्रांति के बाद दूसरी बार स्वेज नहर के रास्ते भू-मध्य सागर तक पहुंची है। ईरान के रेवोल्यूशनरी गार्ड्स का कहना है कि उसने सम्भावित बाहरी खतरों से देश की रक्षा के मद्देनजर अपनी क्षमताएं बढ़ाने के लिए दो दिवसीय एक जमीनी अभ्यास शुरू किया है। यह रेवोल्यूशनरी गार्ड्स ईरान की सबसे शक्तिशाली सैन्य इकाई है। गौरतलब है कि ईरान ने अमेरिका और इजरायल की चेतावनियों को नजरंदाज करते हुए उठाया है। अमेरिका के रक्षामंत्री लियोन पैनेटा ने कल ही ईरान को सख्त चेतावनी दी थी कि यदि उसने हरभुज जल संधि बन्द की या परमाणु हथियार बनाए तो उसके खिलाफ कार्रवाई के हर विकल्प खुले हैं। पैनेटा ने कहाöहम स्पष्ट कर चुके हैं कि ईरान परमाणु हथियार नहीं बना सकता। हम इसे हरगिज बर्दाश्त नहीं करेंगे कि वह अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के प्रमुख जलमार्ग हरभुज जल संधि को बन्द करे। इस क्षेत्र से दुनिया के पांचवें हिस्से का तेल व्यापार होता है। यह अंतर्राष्ट्रीय जल क्षेत्र है। हम ईरान को इसे बन्द करने की इजाजत नहीं देंगे। उल्लेखनीय है कि अमेरिका ने इराकी तेल भंडार को हड़पने के लिए कुवैत के जरिये इराकी तानाशाह सद्दाम हुसैन को घातक रासायनिक हथियार नष्ट करने के बहाने नेस्तनाबूद कर दिया था जबकि जानमाल और तेल कुओं की भीषण तबाही के बावजूद इराक में ऐसा कोई हथियार नहीं मिला। ईरान को डर सता रहा है कि अमेरिका उसके परमाणु संयंत्रों में घातक हथियार बनाने के बहाने इजरायल के सहयोग से उस पर कभी भी चढ़ाई कर सकता है। ईरान ने भी ऐसे किसी तरह के हमले का मुंहतोड़ जवाब देने की पूरी तैयारी कर ली है। उधर फारस की खाड़ी में तनाव के बीच ब्रिटेन ने इजरायल से कहा है कि ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों को तबाह करने के लिए पहले कोई हमला करने के भारी नकारात्मक पहलू है और ऐसा करना नुकसानदेह साबित हो सकता है। अमेरिका के प्रतिष्ठित अखबार द वाशिंगटन पोस्ट ने लिखा है कि दरअसल लियोन पैनेटा से बातचीत के बाद हमारे एक पत्रकार ने लिखा है कि पेंटागन प्रमुख का यह मानना है, `इस बात की ठोस आशंका है कि अप्रैल, मई या जून के महीने में इजरायल सरकार ईरान पर हमला करेगी।' मध्य-पूर्व ज्वालामुखी के ढेर पर बैठा है जो किसी भी समय फट सकता है।
America, Anil Narendra, Daily Pratap, Egypt, Iran, Israil, Middle East, Syria, USA, Vir Arjun
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