सोमवार टीम इंडिया के धुरंधर बल्लेबाज युवराज सिंह को कैंसर है, की खबर ने सब क्रिकेट प्रेमियों को हिलाकर रख दिया। तमाम अखबारों में, टीवी चैनलों में बस एक ही खबर छाई रही। खबर आई कि 30 वर्षीय युवराज सिंह को फेफड़े का कैंसर है और वह अमेरिका में बोस्टन के कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट में इलाज करवा रहे हैं। मीडिया में बताया गया कि युवराज को कहां का कैंसर है और कैसे उनका इलाज चल रहा है। जब मैंने टीवी चैनलों पर यह खबर देखी तो मुझे पहली बात तो यह लगी कि युवराज की बीमारी के बारे में उनके फिजियो जतिन चौधरी बड़ी बारीकी से समझा रहे थे कि युवराज को क्या हुआ है और कैसे उनकी कीमोथैरेपी चल रही है। मुझे थोड़ा अजीब-सा लगा क्योंकि ऐसी गम्भीर बीमारी के बारे में बताने का काम एक फिजियो का नहीं। अगर बोस्टन का कोई सर्जन बताता तो बात समझ में आती। एक फिजियो ऐसी डिटेल्स बताने के लिए सक्षम नहीं है। फिजियो का काम तो ऑपरेशन या सर्जरी के बाद शुरू होता है। मंगलवार आते-आते कुछ डिटेल्स स्पष्ट हुईं। ताजा खबर आई है कि अमेरिका में कीमोथैरेपी करा रहे युवराज को फेफड़े का कैंसर नहीं है बल्कि उसके फेफड़ों के बीच में दुर्लभ किस्म का ट्यूमर है जो असाध्य नहीं है और उनके इलाज में शामिल मैक्स अस्पताल के डाक्टरों का मानना है कि वह 10 हफ्ते यानि मई के पहले सप्ताह तक मैदान में उतर सकते हैं। युवराज को कैंसर होने का खुलासा होने के बाद से मीडिया में लग रही तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए मैक्स साकेत के डाक्टर नीतेश रोहतगी ने स्पष्ट किया कि युवराज को कैंसर तो है पर फेफड़ों का कैंसर नहीं है। युवराज की बीमारी सुनकर न केवल भारत में ही उनके फैन परेशान हो गए पर सीमापार पाकिस्तान से लेकर तमाम दुनिया से गैट वेल की शुभकामनाओं का तांता लग गया। एक फैन ने कुछ यूं लिखा ः मैं एक पाकिस्तानी हूं और जाहिर है कि पाकिस्तानी क्रिकेट का फैन। पाकिस्तान और इंडिया का कम्पीटीशन भी हमेशा ऐसा ही रहेगा लेकिन यह किसी की जिन्दगी से जरूरी नहीं है। युवराज एक बहुत अच्छे और दमदार क्रिकेटर हैं, मैं उनकी हैल्थ के लिए दुआ करता हूं। क्रिकेट की दुनिया में युवी एक अकेले क्लीन हिटर हैं जल्दी ठीक हो जाओ दोस्त, अभी तुम्हारे बहुत सिक्सर और सेंचुरी देखनी हैं। युवराज जरूर ठीक हो जाएंगे, सारी दुनिया में उनके फैन आज दुआ कर रहे हैं। युवराज को दूसरे खिलाड़ियों से प्रेरणा लेनी चाहिए। वह ऐसे पहले खिलाड़ी नहीं हैं जो इस तरह की समस्या का सामना कर रहे हैं। इससे पहले भी ऐसे कई मौके आ चुके हैं जब खिलाड़ियों ने न केवल कैंसर को हराया है बल्कि अपने खेल में नए रिकार्ड कायम किए हैं। अमेरिका के लांस आर्यस्ट्रांग तो इसके एक चमकता उदाहरण हैं। लांस को 1996 में ही कैंसर का पता चला था, यह युवी से खतरनाक स्टेज पर था पर न केवल उसने इसका सफलतापूर्वक सामना किया बल्कि साइकिल रेसिंग के सबसे कठिन रेस टूर द फ्रांस को लगातार सात बार जीता भी। पिछले साल नवम्बर में ही लांस ने साइक्लिंग से रिटायरमेंट ली है। एक बात का दुख यह जरूर है कि युवराज की बीमारी का डायग्नोज पहले क्यों नहीं हुआ? युवराज पिछले काफी दिनों से बीमार चल रहे हैं। कहा यह जाता रहा कि उनके घुटने की सर्जरी हुई है। उनका अस्पताल और डाक्टरों से पिछले काफी समय से सम्पर्प बना हुआ है। पता नहीं किसी ने इससे पहले क्यों नहीं सोचा? टैस्ट इत्यादि तो जरूर हुए होंगे। क्या हमारे डाक्टरों को पता ही नहीं चला या फिर डायग्नोज में गलती हुई। बहरहाल आगे देखें, हमें पूरा विश्वास है कि युवी न केवल इस मनहूस बीमारी को हरा देंगे बल्कि बहुत जल्द मैदान में वापस लौटकर नए छक्के-चौके लगाएंगे। सारी दुनिया के फैन्स के साथ हम भी युवी की तेज रिक्वरी की दुआ करते हैं। वह एक बॉर्न फाइटर हैं, जीत जरूर होगी।
Anil Narendra, Cricket Match, Daily Pratap, Vir Arjun, Yuvraj
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