कांग्रेस के महासचिव युवराज राहुल गांधी आदर्श चुनाव संहिता उल्लंघन के मामले में बुरी तरह फंस गए हैं। तीन दिन तक चली रस्साकशी के बाद सोमवार को 35 किमी लंबा रोड शो निकाल कर राहुल गांधी जिला पशासन के भी निशाने पर आ गए हैं। जिला पशासन ने इसे आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए कैंट थाने में राहुल और कांग्रेस जिलाध्यक्ष महेश दीक्षित सहित 40 अन्य के खिलाफ धारा 188, 283 और 290 के तहत एफआईआर दर्ज करा दी है। इस मामले में जो एफआईआर दर्ज हुई है उसमें ऐसी धाराएं लगाई गई हैं जिसमें गिरफ्तारी का खतरा है। लिहाजा राहुल गांधी गिरफ्तार भी किए जा सकते हैं। इससे बचने के लिए उन्हें अग्रिम जमानत लेनी पड़ सकती है। इस मामले को लेकर राजनीतिक खींचतान बढ़ना स्वाभाविक ही है। कांग्रेस के पवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी का कहना है कि किसी तरह का गैर कानूनी काम रोड शो में नहीं हुआ। वैध पचार अभियान लोकतांत्रिक अधिकार का बुनियादी हिस्सा है। ऐसे में उत्तर पदेश सरकार मनमानी नहीं कर सकती। यूपी कांग्रेस नेताओं का कहना है कि ये कार्रवाई बसपा सरकार के इशारे पर की गई है। डीएम ने पूरे मामले की जानकारी संबंधित चुनाव आयोग के अधिकारी, पर्यवेक्षक और शासन को दे दी थी। कांग्रेस की जिला इकाई ने रोड शो के लिए पशासन से अनुमति मांगी थी, लेकिन जिलाधिकारी ने इसे खारिज कर दिया था। कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह के तेवर तल्ख हो गए हैं। उन्होंने कल मीडिया से कहा कि मुख्यमंत्री मायावती के इशारे पर जिला पशासन उनकी पार्टी के खिलाफ फरेब करने पर लगा है। राहुल गांधी ने लखनऊ में सफल रोड शो किया था, इससे कांग्रेस की हवा बनी थी। इसी को लेकर कानपुर के पशासन को लखनऊ से निर्देश दिए गए थे कि किसी भी हालत में कानपुर में लखनऊ जैसा सफल रोड शो न हो पाए। इसके बावजूद सफल रोड शो हो गया तो खीझकर पशासन ने तमाम आपराधिक धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। कांग्रेस को चुनौती है कि यदि अधिकारियों ने अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया तो उन्हें महंगा पड़ेगा। जिन धाराओं में केस दर्ज किया गया है उनमें आरोपियों को 6 महीने की सजा हो सकती है। कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि इस मामले में राहुल और उनके साथियों को अग्रिम जमानत लेनी पड़ेगी। वरना गिरफ्तारी का खतरा बना रहेगा। खबर आई है कि आरपार की लड़ाई के लिए तैयार कांग्रेस राहुल के खिलाफ दर्ज एफआईआर को खारिज कराने के लिए हाईकोर्ट तक जाएगी। चूंकि मामला अब राजनीतिक बन गया है इसीलिए भाजपा भी इसमें कूद पड़ी है। भाजपा पवक्ता शाहनवाज हुसैन का कहना है कि कांग्रेस नेताओं की आदत बन गई है कि बार-बार चुनाव आयोग के नियमों को ठेंगा दिखाना। पहले कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने कारनामा किया। इसके बाद केंद्रीय मंत्री बेनी पसाद वर्मा ने आचार संहिता की धज्जियां उड़ाईं और अब कानपुर में राहुल गांधी ने रोड शो के नाम पर चुनाव आयोग के नियम तोड़े। इस पर पशासन ने कार्रवाई की तो कांग्रेस दादागीरी पर उतर आई है। यह लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है। मामला अब आगे बढ़ेगा, देखें क्या होता है?
Anil Narendra, Congress, Daily Pratap, Rahul Gandhi, State Elections, Uttar Pradesh, Vir Arjun
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