पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने बलूचिस्तान में हत्याओं के मामले को गम्भीरता से लेते हुए आईएसआई और मिलिट्री इंटेलीजेंस को घटनाओं सहित सुरक्षा हालात के बारे में रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति मियां शकीउर्रुल्ला जान के नेतृत्व में तीन न्यायाधीशों की एक पीठ ने मिलिट्री इंटेलीजेंस एजेंसियों को सात मार्च तक यह रिपोर्ट पेश करने को कहा है। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक मामले की बन्द कमरे में सुनवाई होगी। गौरतलब है कि अमेरिका के एक कांग्रेस सदस्य ने प्रतिनिधि सभा में एक प्रस्ताव पेश कर बलूच लोगों को आत्म निर्णय का अधिकार देने की मांग की थी। पाकिस्तान सरकार ने इस प्रस्ताव को देश की सप्रभुत्ता पर हमला करार देते हुए इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। इससे घबराकर पाकिस्तान सरकार ने बलूच नेताओं से बातचीत का प्रस्ताव रखा है। पाक सरकार ने आम माफी देने की पेशकश भी की है। बलूच राष्ट्रवादी नेताओं ने उन्हें माफी देने की पेशकश करने वाली पाकिस्तानी सरकार से बातचीत शुरू करने के लिए कड़ी शर्तें रखी हैं। निर्वासित जीवन व्यतीत करते हुए बलूच नेताओं के लिए गृहमंत्री रहमान मलिक की आम माफी संबंधी पेशकश पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए जम्हूरी वतन पार्टी के नेता और 2006 में एक सैन्य अभियान में मारे गए अकबर खान बुगती के पोते ने बातचीत शुरू करने के लिए आठ शर्तें रखी हैं। इसमें बलूचिस्तान में सैन्य अभियान बन्द करने, प्रांत में नई सैन्य छावनियां बनाने पर पाबंदी और अकबर खान बुगती की हत्या में भूमिका के लिए पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को गिरफ्तार और मुकदमा चलाने की मांग शामिल है। बुगती ने कहा कि बलूचिस्तान में नई सैन्य छावनियां बनाना बन्द होना चाहिए और साथ ही खुफिया एजेंसियों की भूमिका पर भी पाबंदी लगनी चाहिए। हम (बलूच कार्यकर्ताओं) के क्षत-विक्षत शवों को नहीं देखना चाहते। उन्होंने कहा कि सेना का अभियान बन्द होना चाहिए और 13000 लापता बलूच युवकों का पता लगाना चाहिए। मुशर्रफ को अपने पिता का `हत्यारा' बताते हुए उन्होंने उन्हें बलूचिस्तान लाकर उन पर मुकदमा चलाने की माग की। स्विटजरलैंड में रह रहे बलूच राष्ट्रवादी नेता और बलूच रिपब्लिकन पार्टी के प्रमुख बुगती ने बलूच लोगों के आत्म निर्णय के अधिकार के लिए अमेरिकी कांग्रेस के पेश हुए एक विधेयक का स्वागत करते हुए कहा था कि वे पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में किसी भी विदेशी हस्तक्षेप का समर्थन करेंगे। बुगती ने टेलीफोन पर क्वेटा प्रेस क्लब में संवाददाताओं से कहा कि अमेरिका को बलूचिस्तान में जरूर हस्तक्षेप करना चाहिए और बलूचों के नस्ली सफाई अभियान को रोकना चाहिए। अमेरिकी कांग्रेस में बलूचिस्तान की आत्म निर्णय का अधिकार प्रदान करने संबंधी प्रस्ताव के पेश होने के बाद बलूचिस्तान में राजनीतिक घटनाक्रम तेज होता दिख रहा है। पाकिस्तान में इस प्रस्ताव के खिलाफ तीखा रोष है। पाकिस्तान सरकार ने रोहराबाशेर के प्रस्ताव पर घोर आपत्ति जताई है और प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने इसे देश की सप्रभुत्ता पर हमला करार दिया है। प्रस्ताव के असर को दूर करने के लिए पीपीपी नीत सरकार अब बलूचिस्तान के लिए एक राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा संबंधी पैकेज के लिए सर्वदलीय बैठक भी करना चाह रही है, अमेरिकी प्रस्ताव से पाकिस्तान लगता है हिल गया है।
America, Anil Narendra, Balochistan, Daily Pratap, Pakistan, USA, Vir Arjun, Yousuf Raza Gilani
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