Thursday, 12 February 2015

एक साल पहले जिस दिन इस्तीफा दिया उसी दिन केजरीवाल शपथ लेंगे

दिल्ली विधानसभा चुनाव में केजरीवाल की आंधी का भाजपा सही आंकलन नहीं कर पाई। कहने को तो भाजपा दबी जुबान कह रही है कि दिल्ली में भाजपा हारी नहीं, आप जीती है। वह कह रही है कि इस चुनाव में भी हमें 32.2 पतिशत वोट मिले हैं जो पिछली बार से महज एक पतिशत कम है। आम आदमी पाटी को पिछले चुनाव के मुकाबले 2015 में 24.9 पतिशत वोट अतिरिक्त मिले हैं। यह वोट कांग्रेस और अन्य पार्टियों का है। कांग्रेस को 9.7 पतिशत कम वोट मिले है। कांग्रेस और अन्य पार्टियों, निर्दलियों इत्यादि का पूरा वोट केजरीवाल को मिल गया और यह कहीं भी बंटा नहीं। इसी वजह से आप को 67 सीटें मिलीं और भाजपा को महज 3 सीटों से गुजारा करना पड़ रहा है। चुनाव पचार के मामले में भी आम आदमी पाटी ने अन्य दलों को पीछे छोड़ दिया। दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय की ओर से मिले आंकड़े बताते हैं कि इस बार विधानसभा चुनाव में आम आदमी पाटी ने सिर्फ इलेक्ट्रानिक मीडिया (टीवी, रेडियो और सोशल मीडिया) के माध्यम से पचार के लिए 22 करोड़ से ज्यादा की रकम खर्च की है जबकि भाजपा ने करीब 12 करोड़ रुपए खर्च किए। इसमें पिंट मीडिया, होर्डिंग्स और जनसभाओं पर हुए खर्च शामिल नहीं हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक चुनाव के दौरान इलेक्ट्रानिक माध्यमों से पचार के लिए तैयार सामग्री की पहले चुनाव आयोग की मीडिया सर्टिफिकेशन एंड मानिटरिंग कमेटी (एमसीएमसी) से मंजूरी लेनी होती है। हालांकि इस बार मुस्लिम मतदाताओं ने खुलकर अपना पूरा समर्थन आप को दिया पर 2013 विधानसभा चुनाव के मुकाबले 2015 में मुस्लिम एमएलए की संख्या घट गई है। इस बार कुल चार विधायकों ने जीत दर्ज की है जबकि पिछले चुनाव में यह संख्या पांच थी। आम आदमी पाटी के टिकट पर जीते सभी चार विधायक पहली बार असेंबली में दाखिल होंगे। 2013 में कांग्रेस ने आठ सीटों पर जीत दर्ज की थी जिनमें चार मुस्लिम एमएलए थे। तब मटिया महल से जीतने वाले शोएब इकबाल जनता दल यूनाइटेड के टिकट पर खड़े हुए थे। इस साल वे चुनाव हार गए। मतीन अहमद, हसन अहमद व हारुन यूसुफ जैसे दिग्गज हार गए। इस साल कुल 68 मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में थे जिनमें से सिर्फ चार ही जीत सके। सबसे ज्यादा मुस्लिम उम्मीदवार (6) कांग्रेस ने उतारे थे और यह सभी हार गए। अरविंद केजरीवाल आप विधायकों के नेता चुन लिए गए हैं। इस दौरान केजरीवाल ने विधायकों को जनता से संपर्क में रहने और घमंड (अहंकार) न करने की नसीहत दी है। सूत्रों का कहना है कि केजरीवाल 14 फरवरी को रामलीला मैदान में मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। पिछले साल 14 फरवरी को ही उन्होंने अपनी पूरी कैबिनेट सहित दिल्ली सरकार से इस्तीफा दिया था। हालांकि पहले उनका 15 फरवरी को शपथ लेने का प्लान था लेकिन उस दिन वर्ल्ड कप में भारत-पाक के बीच किकेट का महा-मुकाबला है। संभवत इसी को देखते हुए 14 फरवरी को शपथ लेने का प्लान बना।

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