Sunday 8 February 2015

आतंकवाद पर तटस्थ नजरिए वाली फिल्म बेबी

गत दिनों मैंने हिन्दी की फिल्म बेबी देखी। मुझे तो यह फिल्म बहुत पसंद आई। मैं दावे से कह सकता हूं की आपने बहुत कम ऐसी हिन्दी फिल्में देखी होंगी जिनमें खोट निकालना बहुत मुश्किल है। नीरज पांडेय निर्देशित बेबी एक ऐसी ही बेहतरीन फिल्म है। बात चाहे कहानी की हो, डायलॉग की हो या एक्टिंग की सभी डिपार्टमेंट में फिल्म बहुत अच्छी है। एक जमाना था जब गरम धरम देश के दुश्मनों को चुन-चुनकर मारते थे, फिर देश प्रेमी अफसर के रूप में सनी देयोल और सलमान खान ने दुश्मनों को ठिकाने लगाया। अब अक्षय कुमार ने उनकी जगह ले ली कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी। बेबी उनकी प्रतिभा की नई झांकी है। सैन्य मिशन वाली फिल्मों में अब पाकिस्तान व उसके द्वारा प्रायोजित आतंकवाद सीधे निशाने पर है। बेबी फिल्म पहले ही सीन से अपनी रफ्तार पकड़ लेती है। कहानी कुछ ऐसी है। 26/11, 2008 मुंबई आतंकी हमले के बाद एक अंडरकवर एजेंटों की छोटी-सी टीम तैयार की जाती है जिसका काम मुख्य रूप से देश के अंदर आतंकियों के स्लीपर सेल को समाप्त करना है। इस ऑपरेशन का नाम ऑपरेशन बेबी है। इस टीम के प्रमुख हैं फिरोज अली खान (डैनी) और टीम का लीडर है एक जांबाज ऑफिसर अजय सिंह राजपूत (अक्षय कुमार)। टीम में टैक्निशन हैं शुक्ला जी (अनुपम खेर) जो प्लानिंग में माहिर हैं। इस टीम में एक महिला एजेंट प्रिया (तापसी पन्नु) और एक मसलमैन जयसिंह राठौर (राणा दग्गूबाती) और कुछ दूसरे सदस्य हैं। इस टीम का काम है आतंकी साजिशों के बारे में पता लगाना और उनको नाकाम करना। फिल्म की खास बात यह है कि वह आतंकवाद को किसी विशेष चश्मे से नहीं देखती। आतंकवाद का मतलब सिर्प आतंकवाद है। उसे जो है, जैसा है की तर्ज पर दिखाने की कोशिश की गई है। एक सबसे महत्वपूर्ण बात इस फिल्म में यह दर्शाने की कोशिश की गई है कि पिछले कुछ समय से जो आतंकी घटनाएं हो रही हैं उसके पीछे पाकिस्तान और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ तो है पर उसे अंजाम देते हैं देश के अंदर छिपे देशद्रोही। सैन्य मिशन वाली फिल्मों में अब सीधे-सीधे बिना लाग-लगाव के पाकिस्तान का नाम लिया जा रहा है। यह संयोग ही है कि जिस आतंकी संगठन जमात-उद-दावा पर पाकिस्तान ने प्रतिबंध लगाया उसके प्रमुख आतंकी हाफिज सईद को आधार बनाकर बेबी में मुख्य खलनायक मोहम्मद रहमान को रचा गया है। पाकिस्तानी एक्टर रशीद नाज ने फिल्म में यह भूमिका निभाई है। इस फिल्म में अक्षय कुमार का अभिनय अपने शिखर पर है। मेरी राय में वह अपने जीवन की सर्वश्रेष्ठ भूमिका में हैं। ऐसा लगता है कि यह रोल उन्हीं के लिए था। डैनी, अनुपम, तापसी पन्नु और मधुरिमा ने भी किरदार को सहजता से निभाया है। मैं सभी पाठकों से कहूंगा कि आप यह फिल्म जरूर देखें। मुझे फिल्म के बाक्स ऑफिस से कुछ लेना-देना नहीं मैं तो फिल्म की कहानी, अभिनय, मैसेज को देखता हूं और इन तीनों क्षेत्रों में बेबी अव्वल है।

-अनिल नरेन्द्र

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