प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ एक ऐसी लॉबी है
जो उनकी आलोचना करने के लिए बहाना ढूंढती रहती है। वह हर समय ऐसी खबर की तलाश में रहती
है जिससे मोदी पर हमला कर सके। मोदी क्या पहनते हैं, कितनी बार कपड़े बदलते हैं इन सब पर यह लॉबी कड़ी नजर रखती
है और कुछ नहीं मिला तो अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की भारत यात्रा के दौरान मोदी
द्वारा पहना गया एक सूट भी चर्चा का विषय बना दिया। किसी ने कहा कि यह चार लाख का सूट
है तो किसी ने दावा किया कि यह 10 लाख का सूट है। दुर्भाग्य की
बात यह है कि पहले के प्रधानमंत्रियों, सोनिया गांधी इत्यादि
को बहुत महंगे-महंगे तोहफे मिले, महंगे
कपड़े पहने पर इन पर कभी किसी ने कोई प्रश्न नहीं किया। यह पहली बार है जब मोदी के
सूट पर इतनी बहस हुई है। ज्यादातर मामलों में होता यह था कि महंगे तोहफों को अपने पास
रख लिया जाता था। जो निजी काम का नहीं हो उसे सरकारी खजाने में जमा करा दिया जाता था।
नरेंद्र मोदी पहले पीएम हैं जो देश-विदेश से मिले गिफ्ट्स की
नीलामी करा रहे हैं। आलोचकों को मोदी का यह करारा जवाब है। यह आगे आने वालों के लिए
भी राह दिखाने, बनाने की तरह है। भाजपा सूत्रों का कहना है कि
सूरत में तीन दिन तक होने वाली नीलामी की रकम वाराणसी में गंगा सफाई अभियान में लगाने
की बात कर मोदी ने यह भी साफ कर दिया है कि वह इस अभियान को कितना महत्व देते हैं।
मोदी को मिले 455 आइटम की नीलामी आजकल सूरत में चल रही है। नीलामी
के पहले दिन बुधवार को उनके चर्चित सूट की बोली एक करोड़ 21 लाख
तक पहुंच गई। सूरत के एक कपड़ा व्यापारी राजेश जुनेजा ने इस चर्चित बंद गले के सूट
की बोली 1.21 करोड़ रुपए लगाई। बोली की प्रक्रिया समाप्त हो चुकी
है और आखिरी क्षणों में इसे सूरत के हीरा कारोबारी लाल जी पटेल ने 4.31 करोड़ रुपए में खरीदा। दरअसल पिछले माह अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा की
यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ने यही सूट पहना था। इस सूट पर बारीक अक्षरों में पीएम
मोदी के नाम उकेरे गए हैं जिसको लेकर इसकी खूब चर्चा हुई थी। मीडिया में इस सूट की
कीमत 10 लाख रुपए के करीब आंकी गई थी। मजेदार बात यह है कि श्री
नरेंद्र मोदी को यह सूट एक कारोबारी रमेश भीखा भाई ने अपने बेटे की शादी में पहनकर
आने के लिए भेंट किया था। वह शादी पर तो नहीं आ पाए पर उन्होंने सूट जरूर पहना। सूट
की बोली लगाने वाले राजेश जुनेजा (कपड़ा व्यापारी) ने कहा कि 2006 में सूरत में बाढ़ के समय मोदी जी विद्या
भारती स्कूल में रुके और 22-22 घंटे काम किया। मैं बहुत प्रभावित
हुआ। मैं यह सूट पहनूंगा नहीं, अपने ऑफिस में बुत के साथ रखूंगा
और रोज उससे बात करूंगा। इससे मुझे प्रेरणा मिलेगी। मोदी नीलामी का यह सिलसिला तब भी
चलाते थे, जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे। तब उन्होंने सीएम
के नाते मिले तोहफों की नीलामी से करीब 95 करोड़ रुपए की रकम
लड़कियों की शिक्षा के लिए दी थी। मोदी जी क्या पहनते हैं यह उनका एकाधिकार है पर जैसा
मैंने कहा कि एक लॉबी है जो उनकी आलोचना करने के लिए बहाने ढूंढती रहती है।
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