Saturday 7 February 2015

आतंकी हैं या जेहादी राक्षस, नृशंसता की सीमा तोड़ दी है

इराक और सीरिया में सक्रिय आतंकवादी संगठन आईएस (इस्लामिक स्टेट) ने जार्डन के नौजवान पायलट को जिन्दा आग के हवाले कर दिखा दिया कि जघन्यता के मामले में खुद शैतान उनसे शरमा रहा होगा। जार्डन की वायुसेना के पायलट मोएज-अल-कसासेबह को जिस तरह से जिन्दा जलाकर हत्या की गई है वह नृशंसता का चरम है। वैसे तो आईएस आतंकी संगठन अपनी कूरता और उसके सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए कुख्यात है लेकिन अब तक उसने किसी विदेशी बंधक की इस तरह हत्या नहीं की थी। इससे ठीक पहले इन्हीं राक्षसों ने जापान के दो हिम्मती पत्रकारों का गला रेत कर दुनिया को आतंकित करने का प्रयास किया था। दरअसल इस नृशंसता से हत्या करने के पीछे कई वजह हैं। पहली यह कि सिर कलम करके उसने जो हत्याएं कीं उनके सनसनीखेज होने और इस खूंखार संगठन को प्रचार दिलवाने की क्षमता कम होती चली गई। ऐसी शुरुआती हत्याओं को जितना प्रचार मिला उतना बाद में नहीं मिला। फिर तमाम देशों ने फिरौती देने के मामले में सख्ती बरतनी शुरू कर दी। अमेरिका और कुछ देशों की शिकायत यह थी कि आसानी से फिरौती देने वाले देश इस वक्त आईएस और ऐसे अन्य संगठनों की आमदनी बढ़ाने के स्रोत बने हुए हैं। ऐसे में ज्यादा कूर और सनसनीखेज तरीके से हत्या करके आईएस ने ज्यादा से ज्यादा प्रचार पाने और फिरौती के लिए ज्यादा दबाव बनाने की कोशिश की है। एक और वजह यह है कि आईएस विदेशी बंधकों से भी विशेष रूप से अरब देशों के बंधकों के प्रति ज्यादा कूरता बरतता है। जवाब में जार्डन ने इस्लामिक स्टेट की बहन और वर्ष 2005 में बम धमाकों की दोषी साजिदा-अल-रिसावी सहित दो आतंकियों को फांसी पर लटका दिया है। उसने यह कदम आईएस द्वारा  बंधक बनाए गए अपने पायलट मोएज-अल-कसासेबाह को जिन्दा जलाए जाने के बाद बदले की कार्रवाई के तहत उठाया है। इसी के साथ जार्डन की जेलों में बंद छह और आईएस आतंकियों को भी फांसी देने की तैयारी की जा रही है। कतर स्थित इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ मुस्लिम स्कॉलर्स ने कसासेबाह की हत्या को आपराधिक कृत्य करार दिया है। संगठन के प्रमुख धर्मगुरु यूसुफ अल कदरावी ने कहा कि यह उग्रवादी संगठन इस्लाम का प्रतिनिधि नहीं हो सकता। इसकी हरकतें इस्लाम को नुकसान पहुंचा रही हैं। जार्डन के पायलट की निर्मम हत्या की पूरी दुनिया ने निन्दा की है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने सभी सरकारों से आतंकवाद को उखाड़ फेंकने के प्रयासों को और तेज करने की अपील की है। देवबंद से दारुल उलूम ने भी कसासेबाह की हत्या की निन्दा की है। मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने कहा कि जार्डन की घटना की बारीकी से जांच होनी चाहिए। कहीं ऐसा तो नहीं कि इस्लाम को बदनाम करने के इरादे से कोई संगठन इस्लामी चोला पहनकर ऐसी नृशंस घटनाओं को अंजाम दे रहा है। इस्लाम में शरीर को जलाने की इजाजत नहीं है। इस हत्या का नतीजा यह भी हो सकता है कि जो अरब देश अभी तक आईएस के खिलाफ कार्रवाई करने में ढील दिखा रहे हैं, उन्हें भी यह समझ में आ जाए कि खतरा सिर्प उनके पड़ोसी पर नहीं उन पर भी है। भारतीय नौजवानों को बहका कर आईएस भर्ती कर रहा है और उन्हें निर्मम आतंकियों में बदला जा रहा है। इस गिरोह ने हमारे देश को भी निशाने पर ले रखा है और इसे `खुरासान' का नाम दिया है। इस गिरोह में ट्रेनिंग लेकर लौटे आरिफ मजीद नामक नौजवान को वहां दर्जन से अधिक भारतीय युवक प्रशिक्षण लेते दिखे थे। आईएस के खिलाफ पूरी दुनिया को एक होना पड़ेगा और इसे खत्म करने का साझा प्रयास होना चाहिए। सिर्प प्रभावित देश ही नहीं, सभी देशों को मिलकर काम करना होगा।

-अनिल नरेन्द्र

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