Saturday 14 February 2015

जनता का मूड अब पूर्ण बहुमत देकर स्थिर सरकार बनाने का है

उत्तर प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, झारखंड और हरियाणा के बाद अब दिल्ली में भी मतदाताओं ने दिल खोलकर एक ही पार्टी के पक्ष में मतदान किया। उनका यह मत स्थायी सरकार के लिए था। इस बीच महाराष्ट्र और जम्मू-कश्मीर में भी चुनाव हुए। महाराष्ट्र में पहले अलग-अलग चुनाव लड़ी भाजपा और शिवसेना बाद में एकजुट हुई। अब दोनों मिलकर एक मजबूत सरकार चला रहे हैं। उधर जम्मू की जनता ने भाजपा और कश्मीर की जनता ने पीपुल्स डेमोकेटिक पार्टी (पीडीपी) को खुलकर वोट दिया। अब नेताओं ने नहीं उलटा जनता ने राजनीतिक दलों की नब्ज पकड़ ली है। यही कारण है कि 2013 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा गठबंधन को 32 और आम आदमी पार्टी को 28 सीटें देने वाली जनता ने इस बार स्थानीय सरकार के लिए अरविंद केजरीवाल की पार्टी के पक्ष में बम्पर मतदान किया। वर्ष 2012 में उत्तर प्रदेश की जनता ने अखिलेश यादव की अगुवाई में प्रदेश में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई। उसी साल हुए गुजरात विधानसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी ने अपने नेतृत्व में भाजपा को लगातार तीसरी बार जीत दिलाई। इसके  बाद यह संदेश पूरे देश में गया कि स्थायी सरकार से ही विकास होता है। यूपीए की गठबंधन सरकार का हश्र सारे देश ने देखा कि किस तरह गठबंधन के साथी सरकार को सही दिशा में चलने से रोकते हैं। यही वजह थी कि पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में एक स्थिर सरकार बनी। जब ऐसा लग रहा था कि देश में गठबंधन की सरकारों का दौर बना रहेगा। तभी देश की जनता ने उसे नकारना शुरू कर दिया। जनता ने त्रिशंकु विधानसभाओं का भी परिणाम देख लिया है। अब जनता ऐसी सरकारें बनाना चाहती है जिसके साथ पूर्ण बहुमत हो और वह यह बहाना न दे सके हम तो चाहते हैं पर यह हमारे गठबंधन साथी हमें चलने नहीं देते। देश में मतदाताओं का मूड बदल रहा है और यह अच्छी बात है। बहुत हो चुका इस जुगाड़ राजनीति का। इसका अंत होना ही चाहिए और देश की जनता को भी यह बात समझ आ चुकी है। अब अगला चुनाव बिहार में होना है। वहां जनता दल (यू) का गठबंधन होगा और दूसरी तरफ भाजपा नेतृत्व का गठबंधन होगा। देखना यह होगा कि क्या बिहार की जनता भी एक स्थिर सरकार बनाएगी? दूसरी ओर यह भी सही है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की जीत से क्षेत्रीय दलों के हौंसले बढ़ गए हैं। अभी तक मोदी लहर और शाह की रणनीति के सामने खुद को घिरता हुआ समझ रहे राजनीतिक दल दिल्ली परिणाम से हुंकार भरने लगे हैं। क्योंकि आप की जीत ने यह साबित कर दिया है कि मोदी लहर पूरी तरह खत्म हो चुकी है। इस जीत ने बिहार और उत्तर प्रदेश में भी गैर-भाजपा और गैर-कांग्रेस दलों की उम्मीदें बढ़ा दी हैं और भाजपा से खौफ खाए यह क्षेत्रीय दल अब सीना तानकर खड़े होते नजर आ रहे हैं।

-अनिल नरेन्द्र

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