Friday 6 February 2015

कइयों का भविष्य दांव पर है दिल्ली के परिणामों पर

कल यानि सात फरवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव में मतदान होना है। मैं दिल्ली के सभी मतदाताओं से अपील करना चाहता हूं कि आप वोट जरूर डालें। चाहे आप किसी भी पार्टी के उम्मीदवार को वोट दें पर वोट जरूर करें। यही हमारे लोकतंत्र की सबसे बड़ी मजबूती है। दूसरी अपील मैं यह करना चाहता हूं कि आप जिस भी पार्टी को चाहें उस पार्टी को स्पष्ट बहुमत दें ताकि हमें एक स्थिर और मजबूत सरकार मिले। एक साल में हमने देख लिया है कि एक चुनी हुई सरकार का न होना कितना नुकसानदेह होता है। इससे सबक लें और जिस भी पार्टी को सरकार में लाएं पूर्ण बहुमत से लाएं। वैसे दिल्ली का विधानसभा चुनाव महज 70 सीटों वाला बनकर नहीं रह गया है। दिल्ली चुनाव का जो भी परिणाम 10 फरवरी को निकलेगा उसका बड़ा राजनीतिक प्रभाव पूरे देश में होगा, दोनों प्रमुख राजनीतिक दल भाजपा और आम आदमी पार्टी पर भी होगा। अगर भाजपा चुनाव हार जाती है तो यह मोदी-शाह जोड़ी की हार होगी। इससे यह जाहिर होगा कि मोदी की  लहर लगभग समाप्त हो गई है और मोदी की लोकप्रियता से दिल्ली चुनाव जीतने की रणनीति फेल हो गई है। साथ ही भाजपा के चाणक्य माने जाने वाले अमित शाह का आत्मविश्वास टूटेगा। जहां तक आम आदमी पार्टी का सवाल है अगर केजरीवाल अपनी पार्टी को जिता कर ले आते हैं तो वह राष्ट्रीय स्तर के नेता बन जाएंगे और पूरा देश उनके लोहे को सलाम करेगा। उन्होंने पीएम समेत पूरी भारत सरकार, मंत्रियों को शिकस्त दे दी पर अगर वह चुनाव हार जाते हैं तो उनके राजनीतिक कैरियर को भारी धक्का लगेगा और उनको अपनी पार्टी में विद्रोह का सामना नए सिरे से करना पड़ सकता है। आज पूरे देश की दृष्टि दिल्ली चुनाव पर टिकी हुई है। अलग-अलग राज्यों में दिल्ली के चुनाव को कितने करीब से देखा जा रहा है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कुछ बड़े फैसले परिणाम देखने के बाद ही लिए जाएंगे। चूंकि दिल्ली के चुनाव के तुरन्त बाद कोई दूसरा चुनाव नहीं है, इसलिए सभी दल अपनी रणनीति की समीक्षा करेंगे। दिल्ली के तुरन्त बाद बिहार में चुनाव साल के अंत में होने हैं। सूत्रों के अनुसार बिहार में जनता परिवार के विलय को लेकर नेतृत्व परिवर्तन तक का मसला दिल्ली परिणाम से प्रभावित होगा। जेडीयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि दिल्ली में अगर मोदी का विजय रथ रुका तो उसका प्रभाव बिहार सहित पूरे देश में होगा। पार्टी के एक नेता ने कहा कि अगर भाजपा दिल्ली जीत गई तो फिर उसके लिए बिहार का चुनाव आसान हो जाएगा। इसके बाद पश्चिम बंगाल में भी चुनाव होने हैं। पश्चिम बंगाल में भी दिल्ली की तरह पार्टी के पास फिलहाल कोई चेहरा नहीं है। अगर किरण बेदी का फॉर्मूला सफल हो जाता है तो फिर वहां भी पार्टी एक नया चेहरा पेश कर सकती है। दिल्ली के ठीक बगल उत्तर प्रदेश में भी दिल्ली चुनाव को करीब से देखा जा रहा है। उत्तर प्रदेश में 2017 में चुनाव होने हैं। एसपी और बीएसपी की सबसे बड़ी चिन्ता यह है कि अगर दिल्ली में भाजपा जीतती है तो फिर अमित शाह की नजर इसी प्रदेश पर होगी। लेकिन हारने पर तत्काल राहत मिल सकती है। कुल मिलाकर दूरगामी असर होगा। दिल्ली विधानसभा चुनाव  परिणाम का। कइयों का भविष्य टिका हुआ है इस चुनाव पर। देखें ऊंट किस करवट बैठता है। हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को एक विशाल रैली को संबोधित करते हुए कहा कि जनता इन सर्वेक्षणों के झांसे में न आए। यह सर्वेक्षण तो मुझे भी वाराणसी से हरा रहे थे। उन्होंने विश्वास से कहा कि भाजपा को प्राप्त होगा पूर्ण बहुमत।

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