Friday 27 February 2015

सुब्रत रॉय की बढ़ती मुश्किलें

अपने मुखिया सुब्रत रॉय की रिहाई के लिए पैसों के इंतजाम में लगे सहारा समूह की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। एक साल से दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद सुब्रत रॉय के बाहर निकलने की संभावना कम होती जा रही है। मंगलवार को देश की सर्वोच्च अदालत, सुप्रीम कोर्ट ने न सिर्प रिजर्व बैंक को सहारा के खिलाफ कार्रवाई करने की छूट दी बल्कि सम्पत्तियां बेचकर अर्जित की गई रकम को सेबी के खाते में जमा कराने के बजाय निवेशकों को लौटाए जाने पर सहारा से जवाब तलब किया। सुब्रत रॉय व कंपनी के दो अन्य निदेशक करीब एक साल से जेल में हैं। सुप्रीम कोर्ट ने रिजर्व बैंक से कहा है कि वह 484.67 करोड़ रुपए की सिक्यूरिटी, एफडी और बांड मनी को कैश कराने के लिए तोड़े गए नियमों की जांच कर कार्रवाई करे। कोर्ट ने उन्हें जेल में आगे और कांफ्रेंसिंग की सुविधा देने से भी इंकार कर दिया। जस्टिस टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली तीन जजों की विशेष पीठ ने यह आदेश मंगलवार को तब दिया जब रिजर्व बैंक ने कोर्ट को सूचना दी कि सहारा ने सिक्यूरिटी, एफडी और बांड मनी को तोड़कर उसे अपनी दूसरी कंपनी को उधार दे दिया है। कोर्ट ने कहा कि सहारा अपने कष्ट खुद अपनी करनी से बढ़ा रहा है। कोर्ट ने कहा कि ऐसा करने से पहले उसे कोर्ट से अनुमति लेनी चाहिए थी। पैसा निवेशकों को वापस करने के लिए सेबी के रिफंड खाते में जमा करना था। लेकिन सहारा के वकील गणेशन ने कहा कि यह पैसा निवेशकों को लौटा दिया गया है। कोर्ट ने कहा कि आप तो कहते थे कि कोई निवेशक सामने नहीं आ रहा है। फिर यह कैसे भुगतान किया गया। वकील ने कहा कि कैश के माध्यम से पैसा लौटाया गया है। कोर्ट ने कहा कि सहारा इसके बारे में पूरा विवरण कोर्ट को दे जिसमें निवेशकों की पहचान और उन्हें दिया गया पैसा शामिल हो। कोर्ट ने रिजर्व बैंक में रखे और धन को भी कैश कराने पर रोक लगा दी। रिजर्व बैंक की ओर से पराग त्रिपाठी ने यह भी कहा कि सहारा ने 1050 करोड़ रुपए भी अपने इस्तेमाल में ले लिए हैं। यह एफडी की रकम है जो मैच्योर होने के बाद निवेशकों द्वारा क्लेम नहीं की गई। सहारा ने यह काम एक साल बाद ही कर दिया जबकि नियमानुसार इसके लिए सात वर्ष तक इंतजार करना होता है। उसके बाद अनक्लेम रह जाने पर पैसा भारत सरकार के खाते में जाता है। उन्होंने कहा कि यह तथ्य सहारा के ऑडिर्ट्स ने खुद अपने दस्तावेजों में स्पष्ट किया है। सहारा के वकीलों ने कहा कि मिराक से सौदा विफल होने के बाद अब सहारा की बात एक डच पेंशन बैंक से चल रही है, इसके लिए सुब्रत रॉय को कांफ्रेंसिंग की सुविधा चाहिए। कम से कम असीमित टेलीफोन कॉल की सुविधा तुरन्त दी जाए। रॉय को जेल में अभी रोजाना दिन में चार घंटे फोन की सुविधा दी जाती है। मामले की अगली सुनवाई 13 मार्च को होगी।

-अनिल नरेन्द्र

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