Saturday 21 November 2015

कैंसर व हार्ट बीमारियों की दवाओं को सस्ता करने का स्वागतयोग्य फैसला

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा कैंसर और हृदय रोगों की दवाइयों को सस्ता उपलब्ध कराने की योजना का स्वागत होना चाहिए। कैंसर और हार्ट बीमारियों की दवाएं इतनी महंगी हो गई हैं कि गरीब आदमी तो इनके उपयोग के लिए सोच भी नहीं सकता। गरीब और मजदूर पेशे वालों को यह घातक बीमारी हो जाए तो समझो उसके लिए तो यह मौत समान है। रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने एम्स में अमृत फॉर्मेसी का उद्घाटन करते समय कहा कि इस फार्मेसी से कैंसर और हार्ट रोगी 50 से 90 प्रतिशत तक सस्ती दवा ले सकते हैं। इस फार्मेसी से सिर्प एम्स में भर्ती मरीजों को ही नहीं बल्कि बाहर के मरीजों को भी वैलिड प्रिक्रिप्शन पर सस्ती दवा मिलेगी। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की पहल पर हिन्दुतान लैटेक्स लिमिटेड (एचएलएल) के सहयोग से शुरू हुए स्टोर से कैंसर मरीजों और हार्ट संबंधी बीमारी के ऐसे मरीजों को जिनको स्टेंट लगा हो, हार्ट वॉल्व लगा हो, ओपन हार्ट सर्जरी हुई हो अथवा किसी अन्य तरह का इम्पलांट हुआ हो उन्हें भी 50 से 90 प्रतिशत तक सस्ती दवा उपलब्ध कराई जाएगी। श्री नड्डा ने कहा कि पॉयलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसकी शुरुआत की गई है, इसकी सफलता के बाद आने वाले दिनों में सभी केंद्रीय अस्पतालों में इस तरह के स्टोर की शुरुआत की जाएगी, जहां कैंसर और हार्ट रोगियों के इलाज की व्यवस्था है। स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक हर वर्ष भारत में कैंसर के 70 हजार नए मामले सामने आते हैं और हर समय भारत में कैंसर के 28 लाख मरीज होते हैं। यही नहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक हर साल भारत में करीब एक लाख 45 हजार ब्रेस्ट कैंसर के मरीज सामने आते हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार कैंसर के 50 प्रतिशत मरीज कीमोथैरेपी के दो-तीन साइकल के बाद अस्पताल आना छोड़ देते हैं। महंगी दवा और इलाज की वजह से मरीज कैंसर का इलाज जारी नहीं रख पाते। कुछ ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों में टारगेटिड थैरेपी देनी होती है जिसमें एक साइकल में करीब 75 हजार रुपए का खर्च आता है जबकि मरीज को टारगेटिड थैरेपी की करीब 17 साइकल की आवश्यकता होती है। लाइफ सेविंग दवाओं की ऊंची कीमतों को लेकर फॉर्मा कंपनियों को अक्सर आलोचनाओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में कंपनियां ऐसा फाइनेंशियल मॉडल तैयार करने में जुटी हैं जिससे उन्हें इस चुनौती से निपटने में मदद मिलेगी। महंगी दवाओं के लिए फार्मेसी जल्द ईएमआई स्कीम लाने पर गंभीरता से विचार कर रही हैं। हम श्री नड्डा को सुझाव देना चाहते हैं कि लाइफ सेविंग ड्रग्स व अस्पतालों से सभी प्रकार के टैक्स हटाकर इन्हें टैक्स मुक्त कर देना चाहिए।

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