Friday 20 November 2015

मणिशंकर जैसे दोस्त हों तो कांग्रेस को दुश्मनों की जरूरत नहीं

जिस पार्टी में मणिशंकर अय्यर जैसे दोस्त हों उसे दुश्मनों की कोई जरूरत नहीं है। समझ नहीं आता कि मणिशंकर कांग्रेस पार्टी को बदनाम करने पर क्यों तुले हुए हैं। हम समझ सकते हैं कि पार्टी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ भारी रोष है और उन्हें इनकी आलोचना करने का पूरा हक भी है। पर मुद्दों पर देश के अंदर चर्चाओं पर आलोचना करना और बात है पर जिस ढंग से मणिशंकर ने पाकिस्तान में मोदी सरकार के खिलाफ अपशब्द कहे, टिप्पणी की वह हमें क्या खुद कांग्रेस पार्टी को स्वीकार्य न हो। मणिशंकर अय्यर ने एक पाक टीवी चैनल दुनिया टीवी पर एक डिबेट में कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच वार्ता बहाल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हटाना जरूरी है। केवल इसके बाद ही बातचीत आगे बढ़ सकती है। टीवी एंकर ने मणिशंकर से पूछा था कि दोनों देशों के बीच संबंधों में जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए। मणिशंकर ने कहा कि भारत-पाक के रिश्तों में  बेहतरी के लिए सबसे पहले जिन तीन चीजों को ठीक करने की जरूरत है उनमें सबसे पहला काम है कि मोदी को हटाओ वरना बातचीत आगे नहीं बढ़ेगी। अय्यर के ऐसे कहने पर एंकर मोईन पीरजादा ने उनसे हंसते हुए पूछा कि आप यह बात किससे कह रहे हैं? क्या आप मोदी को हटाने के लिए कह रहे हैं? मणिशंकर साहब ने जवाब दिया, नहीं, नहीं हमें इसके लिए चार साल इंतजार करना पड़ेगा। ये लोग मोदी के प्रति बहुत आशावान हैं, उन्हें लगता है कि मोदी की उपस्थिति से दोनों मुल्कों में बातचीत आगे बढ़ेगी, लेकिन मैं ऐसा नहीं सोचता। दोनों देशों में बेहतर संबंधों के लिए मोदी को हटाना जरूरी है। यह सही है कि हम अय्यर के बयानों से कांग्रेस पार्टी को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते पर जब भी कोई भाजपा व उनके समर्थक दल कोई उलटा-सीधा बयान देते हैं तो विपक्ष प्रधानमंत्री से सीधा जवाब मांगता है। इसलिए हम समझते हैं कि कांग्रेस अध्यक्ष को इस मामले में अपनी पार्टी की नीति स्पष्ट करनी चाहिए और बताना चाहिए कि क्या वह अय्यर के बयान से सहमत हैं? अय्यर के इस बयान ने भाजपा को कांग्रेस की घेराबंदी करने का मौका दे दिया। पार्टी ने कहा कि मणिशंकर अय्यर और सलमान खुर्शीद आईएसआई, आईएस तथा तालिबान के प्रचारकों की तरह व्यवहार कर रहे हैं। जब दुनिया आतंकवाद की निन्दा कर रही है तब उन्हें गलत ताकतों के साथ खड़े होने में कोई शर्म नहीं है। मणिशंकर साहब भारत-पाकिस्तान के रिश्तों के बीच मोदी नहीं पाक प्रायोजित आतंकवाद खड़ा है। आए दिन इसका खामियाजा भारत को भुगतना पड़ता है। पाक अपनी सरजमीं से इन आतंकियों की मदद करना बंद कर दे तो रिश्ते सुधर जाएंगे।

-अनिल नरेन्द्र

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