Saturday, 7 November 2015

पहली बार पाकिस्तान ने कबूली अपनी नापाक हकीकत

यह वैश्विक दबाव के कारण हो या फिर भारत द्वारा बार-बार दिए गए सबूतों के कारण रहा हो पाकिस्तान पहली बार मानने पर मजबूर हुआ है कि 2008 के मुंबई हमलों का मास्टर माइंड हाफिज सईद की अगुआई वाला जमात-उद-दावा आतंकी संगठन लश्कर--तैयबा का ही नया रूप है। पाकिस्तान ने सभी प्रसारणकर्ताओं से कहा है कि वह इस तरह के आतंकी संगठनों की कवरेज नहीं करें। पाकिस्तान की इलैक्ट्रॉनिक मीडिया रेग्यूलेटरी अथॉरिटी (पीईएमआरए) ने सभी टीवी चैनलों और एफएम रेडियो को यह अधिसूचना जारी की। इस अधिसूचना में संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों के तहत पीईएमआरए ने लश्कर--तैयबा, जमात-उद-दावा और फलद--इंसानियत फाउंडेशन जैसे सभी 72 प्रतिबंधित संगठनों की कवरेज पर रोक लगा दी है। यह पहला मौका है जब पाक ने माना है कि जेयूडी और एफआईएफ जैसे संगठन लश्कर--तैयबा की अन्य शाखाएं हैं। पाक ने यह कदम प्रधानमंत्री नवाज शरीफ द्वारा पिछले महीने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से किए वादे को निभाने के लिए उठाया है। नवाज ने ओबामा को आश्वासन दिया था कि पाक यूएन की ओर से नामजद आतंकियों और आतंकी संगठनों के खिलाफ कारगर कदम उठाएगा। संयुक्त राष्ट्र जमात-उद-दावा को 2008 में ही आतंकी संगठन घोषित कर चुका है और 2008 में हाफिज सईद को आतंकी घोषित कर चुका है। अमेरिका ने सईद के सिर पर एक करोड़ डॉलर का इनाम घोषित कर रखा है। सईद ने नवम्बर 2008 में मुंबई में आतंकी हमले की साजिश रची थी। वह भारत के खिलाफ टिप्पणी करने और भाषण देने के बावजूद पाकिस्तान में न केवल खुलेआम घूम रहा है बल्कि आए दिन भारत के खिलाफ जहर उगलने से बाज नहीं आता। भारत तो बहुत पहले से ही इसकी मांग करता रहा है और पाक हमेशा भारत के पुख्ता सबूतों को नकार कर दुनिया की आंख में धूल झोंकता रहा है कि जमात-उद-दावा आतंकी नहीं, समाजसेवी संगठन है। भारत ने भी पाकिस्तान की इस नापाक धूर्तता के खिलाफ कड़ी पेशबंदी की थी और ऐसे पुख्ता प्रमाण अंतर्राष्ट्रीय संस्था को उपलब्ध कराए थे जिनके आगे पाकिस्तान की बोलती बंद हो गई। मगर पाकिस्तान से हाफिज सईद को जो दर्जा प्राप्त है, उससे समझा जा सकता है कि पाकिस्तान सईद पर रोक लगाने में कितना गंभीर है। हफ्तेभर भी नहीं बीते, जब पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ ने हाफिज सईद और मुंबई कांड के एक और साजिशकर्ता जकीउर रहमान लखवी की तारीफ में कसीदे पढ़े थे। वास्तव में जब तक पाकिस्तान हाफिज सईद, जकीउर रहमान लखवी और दाउद इब्राहिम जैसे आतंकियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं करता जो सारी दुनिया को दिखे तब तक उस पर भरोसा नहीं किया जा सकता।
-अनिल नरेन्द्र



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