Thursday 5 November 2015

छोटा राजन ने पुष्टि की दाउद इब्राfहम पाकिस्तान में ही है

हालांकि सभी जानते हैं कि (सिवाय पाकिस्तान के) कि अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम पाकिस्तान के कराची शहर में छिपा है फिर भी जब दाउद का सबसे बड़ा जानी दुश्मन छोटा राजन यह कहे तो उसे गम्भीरता से लेना होगा। दाउद और राजन का छत्तीस का आंकड़ा है और दोनों एक-दूसरे के खिलाफ कातिलाना हमले भी करवा चुके हैं। राजन ने कहा कि दाउद इब्राहिम को पाकिस्तान खुफिया एजेंसी आईएसआई ने सुरक्षा कवच दिया हुआ है। राजन के इस दावे के बाद से पाकिस्तान ने दाउद की पहरेदारी बढ़ा दी है। अब खबर है कि दाउद की सुरक्षा के लिए पाकिस्तान सेना के स्पेशल कमांडो तैनात किए गए हैं। दाउद की सुरक्षा में इस अपत्याशित बढ़ोतरी को छोटा राजन की गिरफ्तारी से जोड़कर देखा जा रहा है। दाउद के साथ ही मुबंई हमले के मास्टर माइंड हाफिज सईद की भी सुरक्षा ब़ढ़ा दी गई है। छोटा राजन की गिरफ्तारी के बाद अब भारत की खुफिया एजेंसियों की नजर दाउद इब्राहिम पर है। माना जा रहा है कि भारत अब पाकिस्तान में दाउद तक पहुंचने की कोशिश कर सकता है। दाउद की सुरक्षा में जो इजाफा किया गया है इसी नजरिए से देखा जा रहा है। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह का यह बयान कि माफिया सरगना छोटा राजन की गिरफ्तारी और उसे भारत लाने की कोशिशों के बाद अगला नंबर भारत के मोस्ट वांटेड मुंबंई सीरियल ब्लास्ट के मुख्य आरोपी दाउद इब्राहिम को भारत लाने और कानून के कठघरे में खड़ा करने का है, यह भरोसा दिलाता है कि आतंकवाद के खिलाफ हमारी जंग न केवल सही दिशा में चल रही है बल्कि वह पfिरणामों की तरफ भी बढ़ने लगी है। कभी दाउद के दाहिने हाथ रहे छोटा राजन की गिरफ्तारी इस दिशा में एक अहम कदम मानी जा सकती है। छोटा राजन ने बहरहाल  मुंबई पुलिस पर सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। बाली में भारतीय मीडिया से बात करते हुए छोटा राजन ने कहा कि उसे मुबंई पुलिस पर भरोसा नहीं है क्योंकि मुबंई पुलिस के कुछ लोग दाउद से मिले हुए हैं। इसलिए भारत सरकार से उसकी गुजारिश है कि उसे दिल्ली लाया जाए। उसने कहा ः मुंबई पुलिस ने उस पर बहुत अत्याचार किए हैं। दिल्ली की सरकार इस नजरिए से देखते हुए मेरे साथ न्याय करे। उसने यह भी कहा कि उसके खिलाफ दर्ज सभी 70 केस फर्जी हैं। अब जब भारत लाने की पकिया पगति में है और संभव है कि आज-कल में राजन को भारत लाया जा सके उससे मिलने वाली जानकारियां भारत की खुफिया एजेंसियों को काफी मददगार साबित हो सकती है। छोटा राजन और दाउद के पास एक-दूसरे के बाबत जितनी पमाणिक सूचनाएं हो सकती हैं उतनी शायद किसी अन्य सूत्र के पास न हों। छोटा राजन के भारत लाने के लिए भारत सरकार और हमारी खुफिया एजेंसियों को बधाई।

-अनिल नरेन्द्र

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