Tuesday, 26 January 2016

दिल्ली सरकार की घोषणा का स्वागत है

स्वास्थ्य का एक ऐसा क्षेत्र है जो सबको सीधा प्रभावित करता है। हर नागरिक को अच्छी स्वास्थ्य सेवा मिले, सस्ती दवाएं मिलें, यह हर सरकार का कर्तव्य भी है। यह खुशी की बात है कि दिल्ली सरकार ने इस दिशा में ठोस कदम उठाया है। गरीबों को सरकारी अस्पतालों में सस्ती दवाएं मिलें, डाक्टर जो दवा चाहे वह उपलब्ध हो यह होनी चाहिए सरकार की प्राथमिकता। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की है कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों में एक फरवरी से सभी दवाएं मुफ्त मिलेंगी। अभी जो डाक्टर लिखते हैं, उसके न मिलने की शिकायतें अधिक आती हैं। एक फरवरी से डाक्टर जो दवा लिखेंगे वह अस्पताल में होंगी। अस्पतालों में जरूरत की कुछ अन्य चीजें भी फ्री होंगी। डाक्टर मरीजों से दस्ताने, पट्टी या अन्य चीजें नहीं मंगाएंगे। केजरीवाल ने सरकारी अस्पतालों के चिकित्सा अधीक्षक और चीफ मेडिकल ऑफिसर (सीएमओ) के साथ बैठक के बाद संवाददाताओं से कहाöअस्पताल अच्छे हैं, डाक्टर व कर्मचारी अच्छे हैं। सिस्टम खराब है जिसे ठीक कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक फरवरी को एक हेल्पलाइन नम्बर जारी करेंगे। अगर दवाई नहीं मिली तो फोटो खींचकर उस नम्बर पर डालने के लिए लोगों से कहा जाएगा। फोटो डालने पर उसे वहीं दवा उपलब्ध कराई जाएगी। बाहरी रिंग रोड पर मंगोलपुरी से मधुबन चौक के बीच एलिवेटिड रोड का उद्घाटन करते हुए कुछ दिन पहले अरविंद केजरीवाल ने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों में एक फरवरी से जनता को सिटी स्कैन और एमआरआई का शुल्क नहीं देना पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोक निर्माण विभाग ने तीन प्रोजेक्ट को समय से पहले और स्वीकृत बजट से भी कम में पूरा किया है। इससे लगभग 350 करोड़ रुपए की बचत हुई है। इस राशि को जनता की भलाई में लगाया जाएगा। दिल्ली सरकार को प्राथमिक शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करना है। सरकारी प्रोजेक्ट में बचने वाली राशि का उपयोग इन सुविधाओं के लिए किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) का नाम आते ही उसे भ्रष्टाचार के अड्डे के रूप में देखा जाता है। दिल्ली के लोक निर्माण विभाग ने इस धारणा को बदल दिया है। 300 करोड़ रुपए में हुआ निर्माण मंगोलपुरी से मधुबन चौक तक लगभग 3.9 किलोमीटर सिग्नल फ्री कॉरिडोर बनाने के लिए 423 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत हुआ था। जिसे पीडब्ल्यूडी विभाग ने 300 करोड़ में ही पूरा कर दिया। इससे लगभग 123 करोड़ रुपए की बचत हुई। हम दिल्ली सरकार द्वारा एक फरवरी से सभी सरकारी अस्पतालों में मुफ्त दवाएं व अन्य सुविधाओं की घोषणा का स्वागत करते हैं। शिक्षा और स्वास्थ्य दो ऐसे क्षेत्र हैं जहां चाहे केंद्र सरकार हो या राज्य सरकारें हों सभी को ध्यान देना चाहिए।

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