Saturday, 9 January 2016

उत्तर कोरिया के हाइड्रोजन बम परीक्षण से सारी दुनिया चिंतित

उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग न केवल पूर्वी एशिया के लिए ही बल्कि सारी दुनिया के लिए एक मुसीबत हैं। पहले बता दें कि यह किम जोंग उन कौन हैं? 31 दिसम्बर 2011 को तानाशाह पिता के बाद किम उत्तर कोरिया की सत्ता पर काबिज हुए। किम ने अपने चाचा और उपप्रमुख जंग सोंग थायक को 2013 में मौत की सजा दी। अगस्त 2013 में ही अपनी पूर्व प्रेमिका को गोलियों से भुनवा दिया। दिसम्बर 2013 में अपने फूफा जांग सोंग पर भूखे कुत्ते छोड़कर हत्या करवा दी। सत्ता में काबिज होने के  बाद किम ने 70 से ज्यादा अधिकारियों को मौत की सजा दी है। अपनी ही रौ में चलने वाले उत्तर कोरिया के यह तानाशाह दुनिया के लिए एक नया सिरदर्द पैदा करने में अब सफल हो गए हैं। विवादित परमाणु कार्यक्रम को लेकर पश्चिमी देशों के निशाने पर रहने वाले उत्तर कोरिया ने एक हाइड्रोजन बम का सफल परीक्षण करने का दावा किया है। उसके इस दावे से पूरी दुनिया में हड़कंप मचना स्वाभाविक ही है। परमाणु बम से हजारों गुना ज्यादा विनाशकारी हाइड्रोजन बम के कथित तौर पर इलाके में भूकंप आने की भी बात सामने आई है, जिसकी तीव्रता रिएक्टर स्केल पैमाने पर 5.1 मापी गई है। ध्यान रहे कि हाइड्रोजन बम सामान्य एटम बम से करीब 1000 गुना ज्यादा ताकतवर होता है। पहली बार 1952 में अमेरिका ने इसका परीक्षण किया था। अभी रूस, ब्रिटेन, चीन और फ्रांस के पास हाइड्रोजन बम हैं। उत्तर कोरिया बड़ी चालाकी से धीरे-धीरे अपना परमाणु कार्यक्रम आगे बढ़ाता रहा है। उसने 2006, 2009 और 2013 में परमाणु परीक्षण किए। अपने पिता किम जोंग इल की मृत्यु के बाद सत्ता संभालने वाले यहां के 33 वर्षीय शासक किम जोंग ने पहली घोषणा यही की थी कि उत्तर कोरिया न तो परमाणु बम बनाएगा और न अपना मिसाइल कार्यक्रम जारी रखेगा। लेकिन अपने पिता की तरह ही किम जोंग जल्द फिर गए और एक मिसाइल छोड़ने की घोषणा कर दी। अगर उत्तर कोरिया का हाइड्रोजन बम परीक्षण का दावा सच हुआ तो दुनिया के लिए उत्तर कोरिया की तरफ से परमाणु खतरा बढ़ जाएगा। हालांकि विशेषज्ञों को इस दावे पर पूरी तरह यकीन नहीं है। मंगलवार को उत्तर कोरिया के सरकारी चैनल की एंकर ने इसकी घोषणा की। एक बयान में कहा गया कि यह परीक्षण पूरी तरह से सफल रहा। परीक्षण की खुशी में राजधानी प्योगयांग की सड़कों पर उत्सव मनाया गया। एंकर की ओर से की गई घोषणा के करीब एक घंटे पहले अमेरिकी भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण ने देश के उत्तरी पूर्व तट में 5.1 की तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस होने की जानकारी दी। इन झटकों का केंद्र प्योंगमेंटी नाम की उसी जगह के करीब था, जहां इससे पहले उत्तर कोरिया परमाणु परीक्षण करता रहा है। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि जिस तीव्रता का झटका महसूस हुआ है उससे लगता है कि किम जोंग प्रशासन ने परमाणु बम का परीक्षण किया है क्योंकि अगर यह हाइड्रोजन बम होता तो इससे पैदा होने वाला झटका 10 गुना ज्यादा होता। हाइड्रोजन बम के विस्फोट से 54 मेगा टन का धमाका करीब 16 किलोमीटर चौड़ा आग का गोला बनता है, जबकि परमाणु विस्फोट में करीब 20 किलो टन से आधा किलोमीटर चौड़ा आग का गोला बनता है। हाइड्रोजन बम के फटने से घातक रेडिएशन का असर तत्काल 12.8 किलोमीटर से 19 किलोमीटर तक के दायरे में होता है, जबकि परमाणु विस्फोट में 1.6 किलोमीटर का दायरा घातक रेडिएशन के प्रभाव में आता है। जब-जब नॉर्थ कोरिया ने ऐसी हरकत की सुरक्षा परिषद ने उसके खिलाफ प्रतिबंध लगाए। लेकिन प्रतिबंधों का उस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। चीन से उसको कभी गुपचुप तो कभी खुले तौर पर सहायता मिल रही है। यह भी बता दें कि पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम में भी उत्तर कोरिया का बहुत बड़ा हाथ है। पाकिस्तान, उत्तर कोरिया और चीन एक साथ हैं। चीन बेशक घड़ियाली आंसू बहाए पर अंदर खाते अमेरिका के बड़े दुश्मन उत्तर कोरिया का समर्थन करता है। रही बात पश्चिमी देशों की तो इससे सबसे ज्यादा खतरा अमेरिका को है, दक्षिण कोरिया व जापान को है। पर सारी दुनिया को इसलिए चिंतित होना पड़ेगा क्योंकि उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन बहुत ज्यादा गैर जिम्मेदार, खतरनाक नेता हैं।

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