Friday 12 May 2017

दिल्ली मेट्रो में सफर करना महंगा हुआ

दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (डीएमआरसी) ने यात्रियों को झटका देते हुए किरायों में वृद्धि कर दी है। यह किराया दो चरणों में बढ़ेगा। पहला चरण 10 मई से जबकि दूसरे चरण का एक अक्तूबर से बढ़ेगा। पहले चरण में जो लागू हो गया है ये अब 10 रुपए और अधिकतम 50 रुपए होगा। मेट्रो में 70 फीसदी यात्री स्मार्ट कार्ड का प्रयोग करते हैं। स्मार्ट कार्ड से यात्रा करने वालों को 10 फीसदी की छूट दी जाती है, लेकिन अब जो लोग व्यस्ततम समय को छोड़कर मेट्रो में सफर करेंगे, उन्हें 10 फीसदी की अतिरिक्त छूट दी जाएगी। सोमवार को आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में डीएमआरसी के वित्त निदेशक केके सबरवाल ने कहा कि किराया बढ़ाने के पीछे बिजली और अन्य खर्चों का लगातार बढ़ना है। किराया बढ़ाने के बाद भी हमारा घाटा कम नहीं होगा, लेकिन इससे पांच-छह फीसदी आर्थिक बोझ कम होगा। डीएमआरसी ने कहा है कि वर्ष 2009 के बाद मेट्रो के किराये में वृद्धि नहीं की गई है। केंद्र सरकार ने मई 2016 में दिल्ली मेट्रो रेल (प्रचालन और रखरखाव) अधिनियम-2002 के तहत चौथी किराया निर्धारण समिति का गठन किया था, जिसकी सिफारिश पर मेट्रो का किराया बढ़ाया गया है। उधर दिल्ली सरकार मेट्रो के किराये में 50 फीसदी तक कटौती करना चाहती थी। इसके लिए दिल्ली के स्पेशल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर केके दहिया ने दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन को जून 2016 में पत्र भी लिखा था। पत्र में कहा गया था कि दिल्ली मेट्रो पीक ऑवर में 50 फीसदी तक किराया कम करने पर विचार करे। इससे न सिर्फ दिल्ली वालों को फायदा होगा, बल्कि छुट्टी के दिन चिकचिक भी नहीं रहेगी, लेकिन डीएमआरसी ने इस पत्र का कोई जवाब नहीं दिया। मेट्रो ने राजधानी में परिवहन की स्थिति में क्रांतिकारी बदलाव किए हैं। कहीं भी आना-जाना पहले के मुकाबले काफी आसान और सुविधाजनक हो गया है। यही वजह है कि अमीर और गरीब हर तबका मेट्रो का इस्तेमाल करता है। इस लिहाज से दिल्ली मेट्रो को जबरदस्त हिट माना जा सकता है। लेकिन क्वालिटी सर्विस देकर और दिल्लीवासियों की जिन्दगी में अहम स्थान बनाकर भी दिल्ली मेट्रो आर्थिक मोर्चे पर जबरदस्त चुनौतियों से जूझ रही है। प्रतिदिन करीब 30 लाख लोगों को उनकी मंजिल तक पहुंचाने वाली दिल्ली की मेट्रो को 2015-16 में 700 करोड़ रुपए से ज्यादा का घाटा हुआ था। यह हाल तब है जब बिल्कुल नई व्यवस्था होने के चलते इसकी मेंटिनेंस कॉस्ट बहुत कम है और जापान से लिए गए भारी-भरकम कर्ज की अदायगी अभी शुरुआती चरण में ही है। अगर दिल्ली में यह हाल है तो नागपुर और जयपुर से लेकर गोरखपुर तक जिस तेजी से मेट्रो लाने की घोषणाएं हो रही हैं उनका क्या हाल होगा? जाहिर है कि राजधानी में मेट्रो से सफर करने वाले इस वृद्धि से खुश नहीं होंगे।

-अनिल नरेन्द्र

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