Saturday, 27 May 2017

जाधव को पाक ने तालिबान से करोड़ों में खरीदा था

कुलभूषण जाधव के मामले में पाकिस्तान का बड़ा झूठ पकड़ा गया है और पाकिस्तान को बेनकाब करने वाला और कोई नहीं बल्कि उन्हीं की कुख्यात खुफिया एजेंसी आईएसआई का ही एक पूर्व अधिकारी है। रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल अमजद शोएब ने स्वीकार किया है कि जाधव को पाकिस्तान से नहीं बल्कि ईरान से  पकड़ा गया था और उन्हें वहां से लाकर बलूचिस्तान में फर्जी गिरफ्तारी दिखाई गई थी। पाकिस्तान ने दावा किया था कि उसके सुरक्षा बलों ने पिछले साल तीन मार्च को बलूचिस्तान से जाधव को गिरफ्तार किया था, जो कथित तौर पर ईरान से वहां आए थे। भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का कारण बने कुलभूषण जाधव के लिए तालिबान और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के बीच करोड़ों डॉलर की सौदेबाजी हुई थी। पिछले साल फरवरी में पहले तालिबान ने एक सुन्नी कट्टरपंथी संगठन की मदद से जाधव को ईरान से अगवा किया और आईएसआई के हाथों बेच दिया। पाक के इस प्रपंच की जानकारी पक्की हो जाने के बाद भारत कूटनीतिक स्तर पर ईरान के साथ इस सच्चाई को उजागर करने की कवायद में जुटा हुआ है। सूत्रों के अनुसार तालिबान के एक गुट ने सुन्नी कट्टरपंथी गुट के साथ मिलकर जाधव का अपहरण किया था। अभी यह पुष्टि नहीं हो पाई है कि यह अपहरण पाक सेना या आईएसआई के इशारे पर किया गया या तालिबान ने इसे अंजाम देकर सौदे की पेशकश की। सूत्रों ने बताया कि यह सौदेबाजी डॉलर में हुई है। ईरान की खुफिया एजेंसी मिनिस्ट्री ऑफ इंटेलीजेंस एंड सिक्यूरिटी की जांच में उजागर हुए इन तथ्यों को भारत के साथ साझा किया गया है। इसी आधार पर पाकिस्तान में ईरान के राजनयिक मोहम्मद रफी ने 10 मई को क्वेटा में यह जानकारी दी कि उनकी सरकार ने पाकिस्तान से जाधव से पूछताछ की इजाजत मांगी। लेकिन पाक ने इसे तवज्जो नहीं दी। ईरान में चुनाव के बाद इस मामले में आगे की कार्रवाई होने की संभावना है। पूर्व कैबिनेट सचिव और अमेरिका में भारत के राजदूत रहे नरेश चन्द्रा ने जाधव के अपहरण की बात को सही ठहराया है। चन्द्रा के मुताबिक यह बड़ी वजह है कि आईसीजे ने भी जाधव की गिरफ्तारी के पाक के दावे पर गंभीर सवाल खड़े किए। चन्द्रा ने कहा कि जाधव के खिलाफ जासूसी के पुख्ता सबूत नहीं होने की बात पाक पीएम नवाज शरीफ के विदेशी मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने साफ तौर पर कही है। वहीं सरताज अजीज ने पिछले साल दिसम्बर में पाक संसद को बताया था कि जाधव के खिलाफ पुख्ता सबूत नहीं हैं। पाक सेना बिना किसी ठोस सबूत के अपहरण करके जाधव को फांसी पर लटकाना चाहती है।
-अनिल नरेन्द्र

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