Tuesday 9 May 2017

राष्ट्रपति चुनाव में फ्रांस के दक्षिणपंथी और विरोधियों की टिकी नजरें

फ्रांस में राष्ट्रपति को लेकर कयास तेज होते जा रहे हैं। वहां का अगला राष्ट्रपति कौन होगा यह तो सात मई को होने वाले दूसरे राउंड की वोटिंग के बाद ही साफ होगा पर रविवार को इस दौर पर दुनियाभर के दक्षिणपंथियों और उनके विरोधियों की नजरें टिकी हैं। वहां दक्षिणपंथी मरीन ली पेन ताकतवर कैंडिडेट बनकर उभरी हैं पर उनकी हार की उम्मीदें कई लोग लगाए बैठे हैं। प्रथम दृष्ट्या देखें तो फ्रांस का यह चुनाव पूरे विश्व की राजनीति पर प्रभाव डाल सकता है। विश्व के कई देशों को घेरने की साजिश बड़े स्तर पर चल रही है। आतंकवाद बड़े मुद्दे के रूप में फ्रांस के इस महत्वपूर्ण चुनाव में उभरकर सामने आया है। दूसरा, मस्जिदों को बंद करने और मुसलमानों को देश से बाहर निकालने के नारों के साथ राष्ट्रपति पद के लिए दक्षिणपंथी उम्मीदवार ली पेन मजबूत चुनौती के रूप में उभरी हैं। यहां यह बताना जरूरी है कि जिन प्रवासियों के खिलाफ ली पेन ने अपनी राजनीतिक बिसात बिछाई है, चुनाव लड़ने से पहले उन्हीं के मुकदमे लड़ा करती थीं। यूरोप में सबसे ज्यादा 50 लाख से अधिक मुसलमान फ्रांस में ही रहते हैं। पहले दौर की वोटिंग में पहले नम्बर पर रहे एमानुएल मैक्रोन और ली पेन के बीच वोटों का अंतर सिर्फ दो प्रतिशत का है। अब सात मई को अगले दौर का मुकाबला होगा जिसमें सिर्फ मैक्रोन और पेन आमने-सामने होंगे। माना जा रहा है कि मैक्रोन को पेन के सभी विरोधियों का वोट मिलेगा। पेन को फ्रांस के ज्यादातर दल फ्रांसीसी मूल्यों के लिए खतरा मानते हैं। अगर पेन हारीं तो सबसे ज्यादा राहत यूरोपियन यूनियन को मिलेगी। ब्रेग्जिट के जरिये ब्रिटेन के यूनियन से अलग होने की प्रक्रिया के साथ फ्रेग्जिट के तौर पर फ्रांस के भी अलग होने की चर्चा शुरू हो चुकी है। पेन ने यूरोपीय संघ के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। अगर वह चुनाव जीतती हैं तो फ्रेग्जिट तय माना जा रहा है। फ्रेग्जिट के बाद यूनियन में सिर्फ जर्मनी ही बड़ी ताकत रह जाएगा। खास बात यह है कि जर्मनी में भी इसी साल चुनाव होने हैं। पेन ने नाटो छोड़ने की भी बात कही है। इससे आईएस के खिलाफ जंग, सीरिया के गृहयुद्ध और दूसरे सुरक्षा मामलों पर अनिश्चितता और बढ़ेगी। मैक्रो और पेन का मुकाबला कांटों का है। अगर मैक्रो जीतते हैं तो वे इस पद पर पहुंचने वाले अब तक के सबसे कम उम्र (39 वर्ष) के व्यक्ति होंगे और अगर ली पेन राष्ट्रपति बनीं तो वे फ्रांस की पहली महिला राष्ट्रपति होंगी। सात मई की वोटिंग के बाद तय हो जाएगा कि फ्रांस के ताज को कौन हासिल करेगा। फ्रांस ने एमानुएल मैक्रोन को अपना नया राष्ट्रपति चुना है। रविवार को हुए दूसरे चरण के चुनाव में मैक्रोन ने अपनी प्रतिद्वंद्वी और धुर दक्षिणपंथी रुझानों वाली मरीन ली पेन को मात दे दी।

-अनिल नरेन्द्र

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