Sunday 7 May 2017

चीन भारत को हर क्षेत्र में घेरता जा रहा है

चीन के बढ़ते प्रभाव से भारत का चिंतित होना स्वाभिक ही है। नरेंद्र मोदी सरकार की ईस्ट पॉलिसी के तहत भारत ने इन पूर्व एशियाई देशों से पिछले तीन वर्षों में इंफ्रास्ट्रक्चर और अन्य प्रोजैक्ट्स पर काम किया है, लेकिन विदेशी मामलों में नजर रखने वालों का मानना है कि वन बेल्ट, वन रोड या ओबीओआर प्रोजैक्ट के तहत चीन के भारी निवेश में इन रीजन में राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता पैदा हो सकती है, जिसका असर भारत पर पड़ेगा। कंबोडिया और लाओस जैसे देशों में चीन के इन्वेस्टमेंट का मकसद रीजनल कनेक्टिविटी के साथ ही अपना प्रभाव बढ़ाना है। चीन की ओर से 14-15 मई को ओबीओआर पर आयोजित की जा रही मीटिंग में कंबोडिया, लाओस, इंडोनेशिया और म्यांमार हिस्सा लेने जा रहे हैं। इधर चीन ने कश्मीर पर मध्यस्थता की भी इच्छा जताई है। अब तक वह इस समस्या का समाधान भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत से करने की पैरोकारी करता रहा है। गुलाम कश्मीर से गुजरने वाले पाक-चीन आर्थिक गलियारे में करीब 50 अरब डॉलर (करीब 3210 अरब रुपए) के भारी-भरकम निवेश ने बीजिंग को अपना रुख बदलने के लिए मजबूर किया है। इस गलियारे का निर्माण भारत की आपत्तियों को दरकिनार कर किया जा रहा है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने कहा हैöक्षेत्र में बड़ी भूमिका निभाने में चीन के अप्रत्यक्ष हित हैं। अखबार ने कहा कि वन बेल्ट, वन रोड में आने वाले देशों में चीन ने भारी निवेश किया है। ऐसे में अब भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर विवाद समेत अन्य क्षेत्रीय विवाद हल करने में मदद करना चीन के निहित स्वार्थ में है। बीते महीने अमेरिका ने भी कश्मीर पर मध्यस्थता की पेशकश की थी। भारत ने इसे खारिज करते हुए कहा था कि इस मामले में किसी तीसरे पक्ष का दखल उसे मंजूर नहीं है। इस मामले में दखल देने की पाक की मांग को संयुक्त राष्ट्र भी कई मौकों पर ठुकरा चुका है और उसे भारत के साथ बातचीत से समाधान तलाशने को कह चुका है। बता दें कि गुलाम कश्मीर से गुजरने वाला चीन-पाक आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) चीन के शिनजियांग को पाक के ग्वादर बंदरगाह से जोड़ेगा। इस इलाके में चीनी सेना की मौजूदगी की खबरें कई बार आ चुकी हैं। हालांकि चीन का दावा है कि मानवीय सहायता उपलब्ध कराने के लिए हमारे सैनिक गुलाम कश्मीर में हैं। चीन भारत को हर क्षेत्र में घेरता जा रहा है। नेपाल से लेकर श्रीलंका व पाकिस्तान को हर संभव मदद करके भारत के प्रभाव और आपसी रिश्तों को नुकसान पहुंचाने में लगा हुआ है। भारत सरकार को चीन की इस बढ़ती गतिविधियों की काट करने के लिए ठोस नीति बनानी होगी।

-अनिल नरेन्द्र

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