Wednesday 3 May 2017

नक्सलियों के खिलाफ बड़ी लड़ाई की तैयारी

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 25 जवानों के शहीद होने के बाद अब समय आ गया है कि नक्सलियों के खिलाफ सख्त जवाबी कार्रवाई होनी चाहिए। केंद्र सरकार व राज्य सरकारों को मिलकर इस ज्वलंत समस्या का समाधान ढूंढना होगा, कब तक हम जवानों की शहादत देते रहेंगे? खबर है कि सुकमा हमले के बाद राज्य के साथ केंद्र सरकार ने भी अपने भरोसेमंद सलाहकारों व अफसरों को उतार दिया है। पाक अधिकृत कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक के बाद चर्चा में आए सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने सीधे छत्तीसगढ़ और बस्तर के अफसरों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये नक्सल ऑपरेशंस पर बात की है। इसी बीच नक्सलियों के गढ़ में फोर्स ने संयुक्त रूप से बड़ा ऑपरेशन शुरू कर दिया है। इसके साथ ही धुर नक्सली इलाकों में सड़क निर्माण एवं अन्य विकास कार्यों को रोककर वहां मजदूरों की सुरक्षा में तैनात जवानों को भी हटा लिया गया है। सरकार की ओर से कड़ी कार्रवाई के आदेश मिलने के बाद सुरक्षा बलों की ओर से हमले की रणनीति तैयार की जा रही है। सुरक्षा बलों के जंगलों के बीच नक्सलियों की मांद में पहुंचने एवं उनके संभावित खतरों के मद्देनजर  व्यूह-रचना को अंतिम रूप दिया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह एवं मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से इस बारे में पूरी मंत्रणा हो गई है और नक्सलियों की बढ़ती गतिविधियों को गंभीर आंतरिक चुनौती मानते हुए उनको कड़ा जवाब देने का निर्णय हो चुका है। इसके लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को पूरी रणनीति पर नजर रखने को कहा गया है। डोभाल संबंधित अधिकारियों से लगातार सम्पर्क में हैं। ऑपरेशन के बारे में मुख्यमंत्री ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए जानकारी देने से मना कर दिया लेकिन कहा कि नक्सलवाद के खिलाफ हमारी नीति बिल्कुल स्पष्ट है। हमने नीतिगत फैसला लिया है। पहला तो यह कि नक्सलवाद से कोई समझौता नहीं करना है। लोकतंत्र की रक्षा के लिए अंतिम दम तक लड़ाई जारी रखेंगे। दूसरा इस इलाके को विकसित करना, नक्सली चाहे कितना भी रोकने की कोशिश करें। पिछले कुछ महीनों से खाली पड़े सीआरपीएफ के प्रमुख पद को भर दिया गया है। छत्तीसगढ़ के सुकमा में 25 जवानों की शहादत का बदला लेने के लिए केंद्र ने जांबाज रिटायर्ड आईपीएस के विजय कुमार को चुना है। बता दें कि यह वही विजय कुमार हैं जिन्होंने तीन राज्यों के जंगलों में खौफ के पर्याय रहे चन्दन तस्कर वीरप्पन को मार गिराने में अहम भूमिका निभाई थी। मिशन को अंजाम देने के लिए विजय कुमार शनिवार (21 अप्रैल) को ही सुकमा पहुंच गए हैं। नक्सलियों के कोर एरिया में बड़ा ज्वाइंट ऑपरेशन चल रहा है। अफसर लगातार प्रभावित इलाके में हैं। नतीजे एक-दो दिन में आने लगेंगे। ऐसी उम्मीद की जाती है।
-अनिल नरेन्द्र

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