इन दिनों देश के कोने-कोने में अगर किसी हिन्दी फिल्म
की चर्चा है तो वह बाहुबली-2 है। इस फिल्म की इतनी चर्चा थी कि
मैं इसे देखने गया। मैं फिल्मों का इतना शौकीन तो नहीं पर अंग्रेजी की फिल्में,
टीवी सीरियल देखने का बहुत शौकीन हूं। तकरीबन हर रात मेरा यही मनोरंजन
है। मैंने सैकड़ों फिल्में और टीवी सीरियल देखे होंगे पर यह मैं दावे से कह सकता हूं
कि वॉलीवुड और भारतीय सिनेमा में इतनी टेक्निकली साउंड पिक्चर शायद ही बनी हो। यह फिल्म
हॉलीवुड की फिल्मों को मात देती है। सबसे अच्छी बात यह है कि यह फिल्म भारतीय संस्कृति,
संस्कृत के श्लोकों को इतनी अच्छी तरह दर्शाती है कि हर भारतीय का सिर
गर्व से ऊपर उठ जाता है। बॉलीवुड तो अब पश्चिमी संस्कृति को ज्यादा दर्शाने लगी है।
यह फिल्म ऐसी है कि आप अपने बच्चों सहित पूरे परिवार के साथ देख सकते हैं। बाहुबली-2
ने नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। बिजनेस और मनोरंजन के लिहाज से इसकी
कामयाबी अद्वितीय है। इसका सारा श्रेय एमएस राजमौली को जाता है। वे इसके काबिल हैं
लेकिन इस फिल्म की अप्रितम लोकप्रियता में बाहुबली बने एक्टर प्रभास की भी बड़ी भूमिका
है। हिन्दी फिल्मों में सलमान खान, अक्षय कुमार और आमिर खान
(दंगल) की तरह हम प्रभास के समर्पण पर गर्व कर
सकते हैं। हिन्दी फिल्मों में किसी फिल्म की कामयाबी का श्रेय आमतौर पर हम उस फिल्म
की कलैक्शन और नायक को देते हैं। इस फिल्म ने अभी तक 1000 करोड़
रुपए से अधिक का बिजनेस कर लिया है। 250 करोड़ रुपए की लागत से
बनी बाहुबली-2 लगभग एक साथ भारत के 6500 क्रीनों में लगी। अगर हम इसकी कलैक्शन अन्य कामयाब हिन्दी फिल्मों से मिलाएं
तो इतनी ज्यादा कलैक्शन किसी अन्य फिल्म ने नहीं की। सुल्तान ने लगभग 392 करोड़ रुपए का बिजनेस किया, बल्कि सलमान की बजरंगी भाईजान
ने 320 करोड़। आमिर खान की पीके ने 340 करोड़ का धंधा किया। इस फिल्म की डबिंग इतनी परफैक्ट है कि यह कोई नहीं कह
सकता कि यह फिल्म हिन्दी में नहीं बनी है। वर्ष 2002 में तेलुगू
फिल्मों से आए फिल्म के हीरो प्रभास ने पिछले पांच साल बाहुबली को दिए। इन पांच सालों
में उन्होंने कोई और फिल्म नहीं की। फिल्में ही नहीं बल्कि 10 करोड़ रुपए का एक विज्ञापन भी ठुकरा दिया। बाहुबली के पांच सालों में ऐसा भी
वक्त आया जब प्रभास की आमदनी सिकुड़ गई। उन्हें आवश्यकतानुसार पैसों के लाले पड़ गए।
ऐसे वक्त में भी वे नहीं हिले। उनकी छोड़ी हुई फिल्में उनके प्रतिद्वंद्वियों को मिलीं
और वे फिल्में भी हिट हुईं। यह राजमौली का विश्वास और प्रभास का अपना आत्मविश्वास ही
था कि डटे रहे। पांच सालों तक बाहुबली को जीते रहे। फिल्म ट्रेड एक्सपर्ट के मुताबिक
अगर डब फिल्मों की बात की जाए तो रजनीकांत ही इकलौते ऐसे स्टार हैं, जिनकी फिल्में हिन्दी में अच्छा बिजनेस करती हैं। बाहुबली-2 की बम्पर कलैक्शन के आंकड़ों को अगर देखें तो अगले साल की शुरुआत में आने वाली
रजनीकांत, अक्षय कुमार स्टारर करोड़ों के बजट से बनी फिल्म रोबोट
के सिक्कवल 2.0 के लिए बाहुबली के इन आंकड़ों से आगे निकलना आसान
नहीं होगा। इस जादुई कलैक्शन ने तो अन्य स्टारर के सामने ऐसी दीवार खड़ी कर दी है,
जिसे लांघ पाना आसान नहीं होगा और यह चुनौती भी रहेगी कि आखिर वे आगे
निकलें कैसें?
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