Friday 5 May 2017

पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों को सुरक्षित रखने में क्या सक्षम है?

वर्ष 2014 में पेशावर के सैनिक स्कूल पर तालिबान आतंकियों के हमले के बाद ऐसी एक खबर नहीं आई जिसमें कहा गया हो कि वहां एक भी आतंकी संगठन नहीं बचा। जबकि सच यह है कि वहां आतंकी संगठनों का दखल न केवल पाक सेना व सुरक्षा एजेंसियों तक है, बल्कि वरिष्ठ सैन्य अफसरों के परिवारों और मध्यम स्तर के सैन्य अफसरों के बीच उठना-बैठना है। इस खतरनाक स्थिति में दुनिया पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हो तो यह स्वाभाविक ही है। इन परमाणु हथियारों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगीöइसके पहले देर हो जाए। अमेरिका के प्रतिष्ठित समाचार पत्र द न्यूयार्क टाइम्स में अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा महानिदेशक रहमतुल्लाह नाबिल ने एक लेख लिखा है। मैं उसी लेख के महत्वपूर्ण अंश पेश कर रहा हूं। जैसे ही किसी आतंकी संगठन का संबंध पाकिस्तान से होने की बातें सामने आती हैं तो सभी देशों को एक ही चिंता सताती है कि उसके यहां परमाणु हथियार भी हैं। कहीं वो आतंकी संगठनों के हाथ न लग जाएं। कुछ दिन पहले यह खबरें सामने आई थीं कि अगर पाकिस्तान अपने परमाणु हथियार सुरक्षित नहीं कर सकता तो अमेरिका उन पर नियंत्रण स्थापित कर लेगा। वह कुछ साल पहले की बात थी, लेकिन वर्तमान दौर भी ऐसा ही है। पाकिस्तान में नवाज शरीफ सरकार कमजोर होती जा रही है और पाक सेना व ये जेहादी संगठन दिन-प्रतिदिन मजबूत होते जा रहे हैं। नवाज शरीफ और पाक सेना के आपसी संबंध भी तनावपूर्ण हैं। पाकिस्तान वैश्विक जेहाद का अड्डा बन गया है, जहां से बुराई पनपती है। पाकिस्तान वह देश है जहां सेना और उसकी खुफिया एजेंसियां क्षेत्रीय मकसदों को पूरा करने के लिए आतंकी संगठनों का उपयोग करती हैं। उनके अफसर यह दावा करते नहीं थकते कि उनके परमाणु हथियार पूरी तरह सुरक्षित हैं। दुनिया को पता है कि पाकिस्तान के पास 120 से अधिक परमाणु हथियार हैं। पाकिस्तान पांचवां ऐसा देश है जिसके पास ब्रिटेन से भी ज्यादा परमाणु हथियार हैं। केवल यही नहीं, पाकिस्तान का स्थापित इतिहास रहा है, ईरान, उत्तर कोरिया जैसे देशों को परमाणु तकनीक देने और लेने का। ट्रंप प्रशासन के लिए जरूरी है कि जब वह परमाणु अप्रसार को लेकर कोई नीति बनाए तो पाकिस्तान को ही सर्वोच्च प्राथमिकता में रखे। पाकिस्तान सैकड़ों आतंकी व कट्टरपंथी संगठनों का अड्डा है और लगभग देश के सभी राज्यों में उनकी गतिविधियां हैं, खासतौर पर पंजाब क्षेत्र, जहां उसके सैन्य परमाणु केंद्र हैं। लश्कर--तैयबा जैसे आतंकी संगठनों के बढ़ते प्रभाव, सेना व सुरक्षा एजेसियों, यहां तक कि वरिष्ठ सैन्य अफसरों के परिवारों में उनके बढ़ते दखल को अब दुनिया नजरंदाज नहीं कर सकती। खुद पाक सरकार की अलग-अलग एजेंसियां भी स्वीकार कर चुकी हैं कि उनकी परमाणु सम्पत्ति खतरे में है। कुछ करना होगा पर कहीं देर न हो जाए।

-अनिल नरेन्द्र

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