Wednesday 17 May 2017

...और अब रोहतक में भी निर्भया कांड

पांच साल पहले दिल्ली के वसंत विहार में निर्भया कांड हुआ था। अभी इस कांड के दोषियों को फांसी पर लटकाया नहीं जा सका और हरियाणा के रोहतक की पार्श्वनाथ सिटी में सोनीपत की युवती से निर्भया जैसा ही नृशंस कांड हो गया। यह घटना स्तब्ध करने वाली है। सोनीपत की एक दलित युवती से निर्भया जैसे सामूहिक बलात्कार व हत्या का मामला रौंगटे खड़े कर देने वाला है। पीड़िता के पोस्टमार्टम से पता चला है कि युवती के कपाल की हड्डी के कई टुकड़े हो गए थे और हो सकता है कि उस अभागन के गुप्तांग में कोई धारदार चीज डाली गई। पीड़िता की खोपड़ी की कई हड्डियां टूटी हुई मिलीं, निजी अंगों पर चोट थी जिसका मतलब है कि महिला का यौन उत्पीड़न किया गया। हरियाणा पुलिस ने मुख्य आरोपी सुमित सहित दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। सुमित भी खुद एक दलित है। पुलिस ने रविवार को कहा कि पीड़िता के परिवार को छह और व्यक्तियों के शामिल होने का संदेह है जिसमें से पांच मुख्य आरोपी से संबंधित हैं। पीड़िता के परिजनों ने आरोप लगाया है कि उन्होंने एक महीने पहले इस शिकायत के साथ सोनीपत पुलिस से सम्पर्क किया था कि सुमित उनकी पुत्री को परेशान कर रहा है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। जबकि सोनीपत के पुलिस अधीक्षक अश्विन रोणवी ने कहा कि कुछ समय पहले युवती की ओर से पुलिस को एक मौखिक शिकायत दी गई थी कि मुख्य आरोपी उससे विवाह करने के लिए कह रहा है। वह एक मौखिक शिकायत थी और कोई लिखित शिकायत नहीं थी। यौन हिंसा के मामले में सख्त सजा भी क्या अब लोगों को भयभीत नहीं करती? उस युवती का अपहरण कर उसके साथ जिस तरह की दरिन्दगी की गई, उसकी हत्या की गई और फिर पहचान मिटाने के लिए उसके शरीर के अंगों को जिस तरह नुकसान पहुंचाया गया, वह क्रूरता की पराकाष्ठा है। 2‰वीं सदी का जो समाज बेटियों को पढ़ाने और बचाने की बात करता है, उसी समाज में ऐसे लोग भी हैं जो जानवरों से भी बदतर हैं और हैवानियत का उदाहरण हैं। उस अभागन युवती का बस कसूर केवल इतना था कि उसने एक पुरुष को न कह दी थी। बड़े अफसोस से कहना पड़ता है कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा के निरंतर बढ़ते मामलों के बावजूद न तो समाज में अपेक्षित बदलाव आया है और न ही पुलिस-प्रशासन महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों पर नियंत्रण लगाने में सफल हुई है। वैसे तो महिला सुरक्षा के मामले में सभी जगह कमोबेश एक जैसी स्थिति है। दिल्ली, बेंगलुरु तक महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं पर रोहतक की यह घटना और गुरुग्राम में बलात्कार की अन्य घटना हरियाणा में महिला सुरक्षा की अत्यंत खराब स्थिति दर्शाती है।

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