Friday 10 May 2019

दांव पर है खट्टर की साख

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे औद्योगिक नगर फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र में भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के धुरंधरों के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है। छठे चरण में यहां 12 मई को मतदान होगा। भाजपा से केंद्रीय मंत्री कृष्ण गोपाल गुर्जर लगातार दूसरी बार चुनावी मैदान में हैं तो कांग्रेस के अवतार सिंह भड़ाना लगातार चौथी बार चुनावी समर में अपना भविष्य आजमा रहे हैं। 2014 का चुनाव भाजपा के कृष्ण गोपाल गुर्जर ने कांग्रेस के अवतार भड़ाना से 4.67 लाख मतों के रिकॉर्ड अंतर से जीता था। भड़ाना तीन बार फरीदाबाद से और एक बार मेरठ (उत्तर प्रदेश) से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं। हालांकि इस बार यहां से 27 उम्मीदवार खड़े हैं पर मुख्य मुकाबला भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष नवीन जय हिन्द के बीच है। इनेलो के उम्मीदवार महेन्द्र चौहान और बसपा के मनधीर मान भी प्रमुख दलों के उम्मीदवार के रूप में अपनी उपस्थिति बनाए हुए हैं। एक तरफ राजस्थान, दूसरी तरफ पंजाब। बीच में है हरियाणा का सिरसा। यह सीट पिछली बार आईएनएलडी के चरणजीत सिंह रोड़ी ने जीती थी, उन्हें फिर से आईएनएलडी ने उतारा है। भाजपा ने सुनीता दुग्गल, कांग्रेस ने अशोक तंवर और आप-जजपा गठबंधन ने निर्मल सिंह को मौका दिया है। सीट पर चरणजीत सिंह ने पिछले चुनाव में अपने प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के प्रधान डॉ. अशोक तंवर को 1,15,736 वोटों से हराया था। भाजपा ने भारतीय राजस्व सेवा की अधिकारी रहीं सुनीता दुग्गल पर दांव खेला है जो यहां तगड़ा मुकाबला कर रही हैं। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम का आश्रम होने से यहां की सीट हमेशा राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित रही है। करनाल में भाजपा सांसद अश्विनी कुमार का टिकट काट कर संजय भाटिया को मौका दिया है। उनका मुकाबला कांग्रेस के कुलदीप शर्मा से है। आप-जजपा गठबंधन ने कृष्ण अग्रवाल और आईएनएलडी ने करनाल सीट पर धर्मवीर कपाढ़ा को टिकट दिया है। यहां भाजपा को जिताने की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पर है। क्योंकि भाटिया खट्टर की पसंद हैं। इस सीट पर भाजपा बढ़त पर है। अंबाला लोकसभा सीट पर भाजपा ने रतन लाल कटारिया को दोबारा मौका दिया है। कांग्रेस ने कुमारी सैलजा और आप-जजपा गठबंधन ने पृथ्वी राज को उतारा है। आईएनएलडी ने रामपाल बाल्मीकि को टिकट दिया है। भाजपा यहां पहले मजबूत थी, लेकिन सैलजा को यहां कड़ी टक्कर मिल रही है। सैलजा इस सीट पर पहले सांसद रह चुकी हैं। अंबाला में सैनी, सिख, पंजाबी, अग्रवाल और मुस्लिम भी प्रभावी हैं। यहां बसपा भी प्रभावशाली है। कुल मिलाकर सबसे ज्यादा साख अगर किसी की है तो वह मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की है। देखें, किसकी किस्मत इन सीटों पर चमकती है।
-अनिल नरेन्द्र


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