30 मई से इंग्लैंड में शुरू हो रहे विश्व कप क्रिकेट प्रतियोगिता
में भाग लेने के लिए टीम इंडिया बुधवार को रवाना हो गई। टीम इंडिया को विश्व कप का
प्रबल दावेदार माना जा रहा है और कोच रवि शास्त्राr को भी पूरा
विश्वास है कि उनकी टीम पूरी क्षमता के साथ खेली तो फिर उसे चैंपियन बनने से कोई रोक
नहीं सकता। शास्त्राr और कप्तान विराट कोहली महासमर के लिए टीम
के इंग्लैंड रवाना होने से पहले मंगलवार को मीडिया से रूबरू हुए। राउंड रॉबिन प्रारूप
होने के चलते यह विश्व कप बेहद चुनौतीपूर्ण हो गया है, जहां सभी
10 टीमों को सेमीफाइनल में जगह बनाने के लिए एक-दूसरे से मुकाबला करना होगा। विराट कोहली भी यही मानते हैं। भारत को पांच जून
को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेलने के बाद, नौ जून को आस्ट्रेलिया,
13 जून को न्यूजीलैंड और 16 जून को पाकिस्तान से
खेलना है। कोहली ने कहा कि मैं जितने भी विश्व कप का हिस्सा रहा वह सबसे कठिन होगा,
क्योंकि इसका प्रारूप ऐसा है। भारत को विश्व कप के प्रबल दावेदारों में
गिनते हुए पाकिस्तान के पूर्व कप्तान जहीर अब्बास ने कहा कि दो विश्व कप जिता चुके
महेंद्र सिंह धोनी का क्रिकेटिया दिमाग टीम इंडिया के लिए ट्रंप कार्ड साबित हो सकता
है। भारत को टी-20 (2007) और 50 ओवरों का
विश्व कप (2011) दिला चुके धोनी का यह आखिरी विश्व कप है जबकि
बतौर कप्तान विराट कोहली पहली बार विश्व कप की कप्तानी करेंगे। कोच रवि शास्त्राr
ने महेंद्र सिंह धोनी की तारीफ करते हुए उन्हें टीम के लिए बेहद अहम
बताया। साथ ही कहा कि मौजूदा समय में उनसे अच्छा विकेटकीपर कोई नहीं है। शास्त्राr
ने कहा कि आपको धोनी को कुछ भी बताने की जरूरत नहीं है। उन्होंने जो
किया है उसी कारण वह यहां हैं। उनका और विराट कोहली का तालमेल अच्छा है। उनसे अच्छा
विकेटकीपर कोई नहीं है। भारतीय टीम में स्पिनरों का रोल अहम रहेगा। बेशक चाइना मैन
बॉलर कुलदीप यादव की फॉर्म से थोड़ी चिन्ता जरूर है। विराट कोहली ने कहा कि वह कुलदीप
की फॉर्म को लेकर ज्यादा चिंतित नहीं हैं। उन्होंने कहा कि विश्व कप में कुलदीप और
यजुवेंद्र चहल हमारे गेंदबाज आक्रमण के स्तम्भ होंगे। दोनों कलाई के स्पिनर
2017 के बाद से लगातार वन डे में टीम के लिए शानदार प्रदर्शन कर रहे
हैं। टीम इंडिया इस बार काफी संतुलित है। ओपनर रोहित शर्मा और शिखर धवन दोनों अच्छी
फॉर्म में चल रहे हैं। उनके बाद खुद कप्तान विराट कोहली भी अच्छी फॉर्म में हैं। मिडिल
ऑर्डर में महेंद्र सिंह धोनी और हार्दिक पांड्या पारी को संभाल भी सकते हैं और आगे
भी बढ़ा सकते हैं। रविन्द्र जडेजा भी पारी संभाल सकते हैं। बॉलरों की बात करें तो बुमरा,
शर्मा और भुवनेश्वर की पेस तिकड़ी आक्रमण को धार देंगे। इंग्लैंड की
पिच काफी सपाट है। हाल ही में पाकिस्तान के साथ वन डे सीरीज में देखा गया है कि लगातार
350 रन बने, लेकिन विराट इससे चिंतित नहीं है।
विराट ने कहा कि हमारा मंत्र यही है कि हम परिस्थितियों के अनुसार लचीले होंगे,
क्योंकि हम ऐसी पिच पर अच्छा प्रदर्शन करने की क्षमता रखते हैं। हम टीम
इंडिया को शुभ कामनाएं देना चाहते हैं और उम्मीद करते हैं कि 1983 और 2011 में जीतने वाली टीम इंडिया के पास अब तीसरा मौका
है।
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