Sunday, 12 May 2019

बिहार-झारखंड की इन सीटों पर कांटे की टक्कर

भगवान महावीर के जन्म स्थान और देश के ही नहीं बल्कि विश्व के सबसे पुराने गणतंत्र को बढ़ते देखने वाले बिहार के वैशाली संसदीय क्षेत्र में इस बार लोकसभा चुनाव में लड़ाई की छवि ज्यादा है। एक तरफ राजद से पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह हैं, जिन्होंने पार्टी से भी परे अपनी अलग छवि बनाई और दूसरी तरफ संसद के लिए पहली बार प्रत्याशी बनीं लोजपा की वीणा सिंह, जो व्यक्तिगत स्तर पर तो लड़ाई से बाहर हैं लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को हथियार बनाकर मैदान में हैं यानि एक तरफ व्यक्तिगत सम्पर्प, साफ ईमानदार छवि और दूसरी ओर नरेंद्र मोदी का प्रदर्शन और उन्हें फिर से प्रधानमंत्री बनाने की अपील। बिहार में महाराजगंज सीट की अलग पहचान है। स्वर्गीय चंद्रशेखर को प्रधानमंत्री बनाने में इस महाराजगंज सीट की बड़ी भूमिका थी। 12 मई को होने वाले चुनाव में दो ठाकुरों के बीच सीधी टक्कर है। पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूढ़ी के संसदीय क्षेत्र सारण से सटे महाराजगंज सीट से मुख्य मुकाबला मौजूदा सांसद जनार्धन Eिसह सीग्रीवाल (भाजपा) व पूर्व सांसद रहे प्रभुनाथ सिंह के पुत्र रणधीर सिंह (राजद) के बीच है। यहां जातीय समीकरण महत्वपूर्ण है। उम्मीदवार जनार्धन सिंह सीग्रीवाल को आगे कर राजपूत समेत तमाम उच्च जातियों के साथ अतिपिछड़े समाज पर नजरें इनायत खोज रही हैं जबकि राजद अपने उम्मीदवार रणधीर सिंह के भरोसे राजपूत के साथ माया (मुस्लिम-यादव) पर उम्मीदें टिकाए हुए हैं। बिहार से लगे झारखंड की चार सीटों में से दो पर भाजपा भारी, दो पर महागठबंधन से मुकाबला है। इन चार सीटों पर 12 मई को मतदान होगा। झामुमो, जमशेदपुर में भाजपा से तो गिरिडीह में आसजू से टक्कर में है। धनबाद और सिंहभूम में वह कांग्रेस के साथ है। भाजपा ने गिरिडीह सीट सहयोगी आजसू को सौंपी है। धनबाद सीट पर पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद राजनीति की पिच पर भाजपा का विकेट उखाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। बिहार की दरभंगा सीट से  तीन बार संसद में पहुंचे कीर्ति आजाद को हालांकि कांग्रेस उम्मीदवार होने के नाते गठबंधन का समर्थन है लेकिन भाजपा के निवर्तमान पशुपतिनाथ सिंह उन्हें कड़ी टक्कर दे रहे हैं। राष्ट्रवाद की लहर पर सवार पशुपतिनाथ जहां हैट्रिक लगाने को लेकर पूरी तरह आश्वस्त हैं वहीं कीर्ति आजाद नई पिच पर अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रहे हैं। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री भगवत झा आजाद के पुत्र कीर्ति आजाद 26 सालों से भाजपा में रहे पर नेतृत्व से मतभेद होने के कारण कांग्रेस में जाने पर मजबूर हुए। देखें, इन नई पिच पर क्या वर्ल्ड कप टीम के यह सदस्य रहे यहां भी विजय की पताका लहरा सकते हैं या नहीं?

-अनिल नरेन्द्र

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