चांदनी चौक लोकसभा सीट दिल्ली के सबसे पुराने
संसदीय क्षेत्रों में से एक है। इस लोकसभा सीट पर इस बार भाजपा ने केंद्रीय मंत्री
डॉ. हर्षवर्धन को
फिर से उम्मीदवार बनाया है। डॉ. हर्षवर्धन चांदनी चौक सीट से
दूसरी बार ताल ठोक रहे हैं। पिछली बार उन्होंने मनमोहन सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे
कपिल सिब्बल व आप लहर पर सवार पत्रकार से नेता बने और अब फिर पत्रकार बने आशुतोष को
पटखनी दी थी। कांग्रेस के दिग्गज उम्मीदवार जय प्रकाश अग्रवाल चांदनी चौक में जाने-पहचाने जाते हैं। वह इस सीट से तीन बार सांसद रह चुके हैं। उन्होंने नॉर्थ-ईस्ट सीट का भी प्रतिनिधित्व किया है। सौम्य और मिलनसार स्वभाव की छवि के जय
प्रकाश ने प्रदेशाध्यक्ष समेत कई जिम्मेदारियों का निर्वाहन किया है। जय प्रकाश कहते
हैं कि वह चांदनी चौक में पले-बढ़े हैं और उनके परिवार को चांदनी
चौक में सभी जानते हैं। चांदनी चौक की हर समस्या से वह वाकिफ हैं। वहीं केंद्रीय मंत्री
रहे डॉ. हर्षवर्धन की छवि साफ-सुथरी रही
है और उन्होंने भी संगठन में काम किया है। भाजपा के एक सीनियर लीडर की मानें तो पिछले
चुनाव में उन्हें मुस्लिम क्षेत्रों में भी समर्थन मिला था और इस बार भी पार्टी को
उम्मीद है कि मोदी सरकार के कामकाज का फायदा उन्हें चुनाव में मिलेगा। आम आदमी पार्टी
ने करीब छह महीने पहले ही पंकज गुप्ता को चांदनी चौक सीट से उम्मीदवार घोषित कर किया
था और अभी तक वह इस लोकसभा सीट के तहत आने वाली सभी विधानसभा क्षेत्रों में लोगों के बीच जा चुके हैं। हालांकि
उनका मुकाबला दो धुरंधरों से है, लेकिन उनके पक्ष में यह बात
है कि लोकसभा क्षेत्र की सभी 10 विधानसभा सीटों पर आप के ही विधायक
हैं। छह महीने पहले से ही उम्मीदवार घोषित होने के कारण उनका जनसम्पर्प बाकी दो उम्मीदवारों
से इस लिहाज से ज्यादा रहा है। बल्लीमारान, मटियामहल,
चांदनी चौक, सदर बाजार क्षेत्रों में मुस्लिम मतदाताओं
की अच्छी-खासी तादाद है। वहीं शकरपुर, वजीरपुर,
आदर्श नगर, मॉडल टाउन विधानसभा में दलित मतदाताओं
की अच्छी संख्या है। शालीमार बाग, मॉडल टाउन में पॉश कॉलोनियां
भी हैं। भाजपा, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने वैश्य समुदाय से
ताल्लुक रखने वाले उम्मीदवारों को उतारा है। त्रिकोणीय मुकाबले में वोटों का समीकरण
तीनों उम्मीदवारों के लिए खासा अहम रहेगा। इस सीट पर कौन रचेगा इतिहास?
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