Tuesday 3 December 2019

बुलेट पर बैलेट की जीत

झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले चरण में बाधा डालने की तमाम नक्सलियों द्वारा हिंसक कोशिशों के बावजूद वोटरों ने सिर्प एक अंगुली की ताकत से धमाकों को शांत कर दिया। शनिवार को वोटिंग के दिन भी नक्सलियों ने गुमला के बिशनपुर में चार आईईडी ब्लास्ट किए। कोई हताहत नहीं हुआ और लोगों में दहशत फैलाने के मकसद में भी नक्सली बुरी तरह विफल हुए। निर्वाचन विभाग, पुलिस व प्रशासन की मुस्तैदी से इस चरण की 13 सीटों पर कुल 64.44 प्रतिशत मतदादन हुआ। वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में इन क्षेत्रों में वोट प्रतिशत 63.29 रहा था। इस बार इसमें 1.15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यहां बुलेट पर बैलेट की जीत देखी गई। लोगों ने वोट की ताकत से नक्सलियों को करारा जवाब दिया। लाल आतंक के गढ़ लातेहार के लुकुइया गांव में भी सुबह के साढ़े छह बजे ठिठुरती ठंड के बावजूद ग्रामीण वोटिंग के लिए राजकीय मध्य विद्यालय स्थित मतदान केंद्र की और रुख करते देखे गए। गृहणियां भी घरेलू कामकाज छोड़कर मतदान के लिए कतारबद्ध दिखीं। सिर्प आठ दिन पहले ही नक्सलियों ने लुकुइया मोड़ के पास निशाना बनाकर चार पुलिसकर्मियों की जान ले ली थी। आशंका थी कि नक्सली हमले का असर इस गांव में वोटिंग पर पड़ेगा। लेकिन गांव में 72 प्रतिशत वोटिंग हुई। गुमला के बिशनपुर प्रखंड के घाघरा और निरासी पंचायत के हेसराग, सेरेगदाग एवं सुदूरवर्ती इलाकों में नक्सलियों ने पोस्टर चिपका कर लोगों को मतदान नहीं करने का फरमान सुनाया था, लेकिन वोटरों ने नक्सलियों के फरमान को अनसुना कर बेखौफ जबरदस्त मतदान किया। कतार में काफी देर से खड़े लोगों के चेहरों पर भी मतदान की खुशियां झलक रही थीं। लातेहार के चंदवा में हाल ही में नक्सलियों के हमले में शहीद हुए सहायक अवर निरीक्षक (एएसआई) सुकरा उरांव के गांव के लोगों ने अपने निकट के मतदान केंद्रों पर शनिवार को जमकर मतदान किया। शहीद सुकरा उरांव की पत्नी नीलमणि देवी ने घाघरा के मतदान केंद्र पर मतदान किया। रिक्शा चलाकर गुजारा करने वाले विजय ने बताया कि इस बार बदलाव होगा। कोसों दूर रामगढ़ प्रखंड के नक्सल प्रभावित इलाकों में बदलाव की धुन पर थिरकता लोकतंत्र दिखा। कभी नक्सलियों की दखलंदाजी पर मतदान न करने वाले लोगों में खौफ का कहीं नाम नहीं था। शहीद एएसआई सुकरा उरांव की पत्नी नीलमणि देवी ने कहा कि मैंने लोकतंत्र की मजबूती के लिए इस दुख की घड़ी में मतदान किया है। नई सरकार से उम्मीद है कि वह नक्सलवाद को पूरी तरह मिटा देगी। जहां नक्सलियों ने विस्फोट किए, वहां छह बूथों पर 4331 मतदाता, औसत 55.8 प्रतिशत हुआ मतदान। धमाके हो रहे थे और लोग वोट देने निकल रहे थे। सही मायनों में यह बुलेट पर बैलेट की जीत हुई, लोकतंत्र की जीत हुई। नई सरकार को नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की जनता की पुकार सुननी होगी और यह नक्सल समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए प्रभावी कदम उठाने होंगे।

-अनिल नरेन्द्र

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